देहरादून: उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड बीते कुछ दिनों से चर्चाओं के साथ ही विवादों में भी है. उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में करोड़ों के कथित घपले को लेकर स्पेशल ऑडिट का आदेश दे दिया गया है. वहीं अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. उधर बोर्ड के कथित घपलों की महालेखाकार (AG) ऑडिट की तैयारी है और बोर्ड से एजी ने तमाम दस्तावेज भी मांगे हैं.
उत्तराखंड सरकार ने कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को हटाया तो बोर्ड में करोड़ों के घपले की जांच का मामला भी उठने लगा. बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर शमशेर सिंह सत्याल को जिम्मेदारी दी गई तो सचिव पद से दमयंती रावत को हटाकर दीप्ति सिंह को जगह दी गई. बोर्ड के पुनर्गठन के बाद पहली ही बोर्ड बैठक में तमाम कथित घोटालों की स्पेशल ऑडिट का निर्णय लिया गया. लेकिन इस निर्णय के लंबे समय बाद भी अब तक इस मामले में वित्त विभाग को स्पेशल ऑडिट कराने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं भेजे जाने की बात सामने आ रही है. खबर है कि इस मामले में एजी से ऑडिट को करवाया जा रहा है और इसके लिए बोर्ड से दस्तावेज भी मांग लिए गए हैं.
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खास बात यह है कि एजी के परफॉर्मेंस ऑडिट को लेकर जांच का दायरा काफी लंबा होता है. जबकि स्पेशल ऑडिट का काम जल्द पूरा हो जाता है और इसकी रिपोर्ट भी जल्द आती है. कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव रही दमयंती रावत बोर्ड के सचिव पद से हटाए जाने के बाद अब वह वापस शिक्षा विभाग में जाने के प्रयास में जुट गई हैं. खबर है कि इसके लिए उन्होंने शिक्षा विभाग में निदेशालय से संपर्क भी किया है. बता दें कि दमयंती रावत बिना एनओसी के सालों से शिक्षा विभाग से गैर हाजिर हैं. ऐसे में उनका सामान्य स्थिति में शिक्षा विभाग में दोबारा नियुक्ति पाना मुश्किल हो सकता है.