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मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल में कठपुतली डांस रहा आकर्षण का केंद्र, उमड़ी भीड़

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Published : Dec 29, 2019, 11:15 PM IST

Updated : Dec 29, 2019, 11:43 PM IST

मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल में कठपुतली का डांस आकर्षण का केंद्र रही. जिसे पर्यटकों ने जमकर सराहा.

mussoorie puppet
कठपुतली

मसूरीः विंटर लाइन कार्निवल के तहत शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में शहर की मॉल रोड में कठपुतलियों का डांस रविवार को लोगों के लिए खासा आर्कषण का केंद्र रहा. ढोल की थाप पर थिरकती कठपुतलियों को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध था. वहीं, आज सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी विंटर लाइन कार्निवल में शिरकत करने पहुंचे थे.

सूरी विंटर लाइन कार्निवाल में कठपुतली डांस.

ईटीवी भारत से बातचीत में कठपुतली संचालक नीलू भट्ट ने बताया कि वे बीते 3 सालों से लगातार कार्निवल में कठपुतली के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं. मसूरी में पर्यटक कठपुतली के कार्यक्रम को काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक लोग कठपुतली कला को केवल मनोरंजन का एक साधन मानते थे, लेकिन अब यह कला करियर का रूप लेती जा रही है.

ये भी पढ़ेंः काश्तकार ने बंजर भूमि पर विकसित की फल पट्टी, कृषि मंत्री ने सराहा

साथ ही कहा कि अब यह मनमोहक कला भारत के साथ विदेशों में भी लोकप्रिय होती जा रही है. वर्तमान में कठपुतली शो टेलीविजन और फिल्मों में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. आधुनिक समय में कठपुतली कला ने समय की आवश्यकता के अनुसार एक नया रूप ले लिया है और अब यह ज्ञान और शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

उन्होंने बताया कि कठपुतली नचाना दरअसल एक कला है. जिसमें निष्क्रिय कठपुतली को कलाकार द्वारा सक्रियता प्रदर्शन की जाती है. यह भ्रम उत्पन्न होता है कि वह जीवित है. कठपुतली कला चाहे परंपरागत हो या आधुनिक इस कला का उपयोग जन शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए किया जाता है. कठपुतली कला जटिल से जटिल विषय को आसानी से समझाने में सबसे उपयोगी माध्यम साबित हो रही है.

मसूरीः विंटर लाइन कार्निवल के तहत शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में शहर की मॉल रोड में कठपुतलियों का डांस रविवार को लोगों के लिए खासा आर्कषण का केंद्र रहा. ढोल की थाप पर थिरकती कठपुतलियों को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध था. वहीं, आज सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी विंटर लाइन कार्निवल में शिरकत करने पहुंचे थे.

सूरी विंटर लाइन कार्निवाल में कठपुतली डांस.

ईटीवी भारत से बातचीत में कठपुतली संचालक नीलू भट्ट ने बताया कि वे बीते 3 सालों से लगातार कार्निवल में कठपुतली के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं. मसूरी में पर्यटक कठपुतली के कार्यक्रम को काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक लोग कठपुतली कला को केवल मनोरंजन का एक साधन मानते थे, लेकिन अब यह कला करियर का रूप लेती जा रही है.

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साथ ही कहा कि अब यह मनमोहक कला भारत के साथ विदेशों में भी लोकप्रिय होती जा रही है. वर्तमान में कठपुतली शो टेलीविजन और फिल्मों में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. आधुनिक समय में कठपुतली कला ने समय की आवश्यकता के अनुसार एक नया रूप ले लिया है और अब यह ज्ञान और शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

उन्होंने बताया कि कठपुतली नचाना दरअसल एक कला है. जिसमें निष्क्रिय कठपुतली को कलाकार द्वारा सक्रियता प्रदर्शन की जाती है. यह भ्रम उत्पन्न होता है कि वह जीवित है. कठपुतली कला चाहे परंपरागत हो या आधुनिक इस कला का उपयोग जन शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए किया जाता है. कठपुतली कला जटिल से जटिल विषय को आसानी से समझाने में सबसे उपयोगी माध्यम साबित हो रही है.

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मसूरी में विंटर लाइन कार्निवाल के तहत मसूरी के माल रोड में कठपुतली के कार्यक्रम को देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ देखी गई कठपुतली के द्वारा कलाकारों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के साथ का ढोल की धुन में नाच करती कठपुतली आकर्षण का केंद्र रहा


Body:कठपुतली संचालक नीलू भट्ट ने कहा कि वह पिछले 3 सालों से लगातार कार्निवल में कठपुतली के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं वह मसूरी आने वाले पर्यटक कठपुतली के कार्यक्रम को काफी पसंद कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक लोग कठपुतली कला को केवल मनोरंजन का एक साधन मानते थे परंतु अब यह कला कैरियर का रूप लेती जा रही है अब यहां मनमोहक कला भारत के साथ-साथ विदेशों में भी लोकप्रिय होती जा रही है उन्होंने कहा कि वर्तमान में कठपुतली शो टेलीविजन एवं फिल्मों में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं आधुनिक समय में कठपुतली कला ने समय की आवश्यकता के अनुसार एक नया रूप धारण कर लिया है और अब यह ज्ञान तथा शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है उन्होंने बताया कि कठपुतली नचाना दरअसल एक कला है जिसमें निष्क्रिय कठपुतली को कलाकार द्वारा सक्रियता प्रदर्शन की जाती है यह भ्रम उत्पन्न होता है कि वह जीवित है लोगों को आवाज शिक्षा देने में कठपुतली काला के महत्व को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है कठपुतली कला चाहे परंपरागत हो या आधुनिक इस कला का उपयोग जन शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए किया जाता है कठपुतली कला जटिल से जटिल विषय को आसानी से समझाने में सबसे उपयोगी माध्यम साबित हो रही है क्योंकि यह जीवन की समस्याओं को बेहतर ढंग से उजागर कर सकती है उन्होंने कार्निवल आयोजक समिति के साथ स्थानीय प्रशासन का कार्निवल में कठपुतली को जगह देने का आभार व्यक्त किया


Conclusion:
Last Updated : Dec 29, 2019, 11:43 PM IST
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