देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. सरकार गठन से पहले मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर लंबी माथापच्ची अब आज भर की है. कभी भी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का ऐलान किया जा सकता है. ऐसे में अलग-अलग कयासों के साथ बेसब्री से टकटकी लगाए बैठे राज्यवासी अपने मुख्यमंत्री को लेकर अपनी अपनी महत्वपूर्ण राय रख रहे हैं. ज्यादा मतदाताओं का कहना है कि प्रदेश को ऐसा मुख्यमंत्री दिया जाए, जो लंबे समय से बेलगाम हो चुकी ब्यूरोक्रेट को भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तर्ज पर कमांड कर सके, राज्य को नई दिशा दी जा सके.
5 साल सरकार चलाए नया सीएम: देहरादून के आम मतदाताओं के मुताबिक भाजपा की पिछली सरकार में प्रचंड 57 सीट आने के बावजूद पार्टी को 3-3 मुख्यमंत्री बदलने पड़े, यह अपने आप में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा. अब एक ऐसे मुख्यमंत्री का चयन करना जरूरी है, जो डबल इंजन की सरकार को राज्य की विकास कार्य योजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही हर वर्ग और खासकर पार्टी नेताओं को एकजुट कर 5 साल सफलतापूर्वक सरकार चला सके.
उत्तराखंड के विजन को आगे बढ़ाए: उत्तराखंड वासियों की मानें तो राज्य को ऐसे मुख्यमंत्री की दरकार है, जो प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार उत्तराखंड नए दशक के विजन को प्रदेश हित में आगे बढ़ा सके. राज्य में पहाड़ी और मैदानी जिलों के बीच लंबे समय से चले आ पार्टी गुटों को एकजुट कर बेहतर तालमेल से डबल इंजन सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य कर सके.
ब्यूरोक्रेसी पर लगाने वाला सीएम: लोगों का कहना है कि राज्य में ऐसा मुख्यमंत्री देना चाहिए जो संसदीय ज्ञान के साथ आगे बढ़कर बेलगाम चल रही ब्यूरोक्रेट को जनहित में सुधारने का प्रयास करे, ताकि पड़ोसी राज्य हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड पहाड़ी राज्य को भी पर्यटन सुधार के अलावा पलायन, रोजगार और स्थानीय लोगों के अधिकारों को सुरक्षित करे और विकास कार्य योजनाओं को वास्तविक रूप में जमीन में उतार सके.
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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बदहाली पर नए मुख्यमंत्री से अपेक्षाएं: कानूनी जानकारों के मुताबिक राजधानी देहरादून में वर्ष 2018-19 शुरू किए गए स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट अधिकारियों की भ्रष्टाचार के चलते विनाश की तरफ जा रहा है. ऐसे में नए मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री मोदी के स्मार्ट सिटी विजन समय रहते गुणवत्ता के आधार पर बरकरार रख स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को संपन्न कराना होगा.
पहाड़ की चिंता करे नया मुख्यमंत्री: लोगों का कहना है कि पहाड़ की जिंदगी आज भी पलायन बेरोजगारी और कई अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. मैदानी इलाकों में जो विकास कार्य योजनाएं चल रही है उन पर भ्रष्टाचार और निरंकुश अधिकारियों का बोलबाला है. ऐसे में नए मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वह जनता द्वारा दिए गए भारी बहुमत का सम्मान करते हुए राज्य में जनहित की सरकार अगले 5 वर्षों में दे सके.