देहरादून: अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में युवाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है. विरोध में सोमवार को युवाओं ने भारत बंद का आह्वान किया है. इस दौरान उग्र प्रदर्शन की आशंका के बीच देश के कई राज्यों की पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया. उत्तराखंड पुलिस भी चाक-चौबंद रही. हालांकि, इस बीच राजधानी दून में युवाओं का प्रदर्शन जारी रखा.
देशभर में अग्निपथ योजना के विरोध में युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं. इसी कड़ी में दून परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए युवाओं ने अर्धनग्न होकर योजना का विरोध किया और सेना बहाली में टीओडी (टूर ऑफ ड्यूटी) वापस लिए जाने की मांग की. युवाओं ने इसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है. उन्होंने कहा कि वो लोग कई वर्षों से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं और अग्निपथ योजना लाकर सरकार उनके भविष्य के साथ मजाक कर रही है.
युवाओं का सचिवालय कूच: वहीं, परेड ग्राउंड पर प्रदर्शन के बाद पैदल मार्च निकालते हुए युवा प्रदर्शकारी लैंसडाउन चौक पहुंचे, जहां उन्होंने डिप्स मारकर इस योजना का विरोध जताया. उसके बाद प्रदर्शनकारी लैंसडाउन चौक से सचिवालय कूच करने निकले, जहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने उनको सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे. इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाए लेकिन केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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युवाओं ने इस योजना को युवा विरोधी बताया है. युवाओं का कहना है कि, हम लोग जान हथेली पर रखकर बॉर्डर पर जाकर देश की रक्षा करेंगे और 4 साल के बाद हमको नौकरी से हटा दिया जाएगा. यहां तक कि पेंशन भी नहीं मिलेगी. युवाओं ने जल्द ही सरकार को अग्निपथ योजना को बंद कर पुरानी सेना भर्ती प्रक्रिया को बहाल करने की मांग की. गौरतलब है कि इनमें से कुछ ऐसे युवा भी प्रदर्शन में शामिल रहे जिनका पूर्व में भर्ती प्रक्रिया में मापदंड की परीक्षाएं हो चुकी हैं, जिसमें शारीरिक मापदंड यानी मेडिकल और फिजिकल एग्जाम हो चुका है. प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि जब तक सरकार अग्निपथ योजना वापस नहीं लेती है, उनका ये प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा.
गौर हो कि देश के कई राज्यों में आर्मी भर्ती के कैंडिडेट्स अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन का दौर उत्तराखंड तक पहुंचा है. अब दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश के अलावा दक्षिण भारत में भी युवा सड़कों पर उतरे हैं. युवाओं की मांग है कि सेना में संविदा पर भर्ती न की जाए. बिना पेंशन और ग्रेच्युटी के अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की केंद्र द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना को तत्काल प्रभाव वापस लिया जाए.