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कांग्रेस ने श्रम कानून में बदलाव को ठहराया गलत, थाली बजाकर जताया विरोध - श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध

देशभर में राज्य सरकारों की तरफ से श्रम कानून में बदलाव किया जा रहा है. कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड कामगार महासंघ की अध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने सांकेतिक धरना देकर सरकार से इन बदलावों को वापस लेने की मांग की है.

Labor law changes
श्रम कानून में बदलाव का विरोध.
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Published : May 22, 2020, 5:58 PM IST

Updated : May 22, 2020, 8:05 PM IST

देहरादून: कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड कामगार महासंघ की अध्यक्ष ने श्रम कानून में बदलाव को श्रमिक विरोधी बताते हुये विरोध जताया. कामगार महासंघ की अध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने श्रम कानून में किये जा रहे परिवर्तन को वापस लेने की मांग की है.

श्रम कानून में बदलाव का विरोध.

कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड कामगार महासंघ की अध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने आज देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर श्रम कानून में हो रहे बदलाव को वापस लेने की मांग की. इन दौरान उन्होंने अपने कार्यालय में सांकेतिक धरना और उपवास रखा. साथ ही थाली बजाकर गरीब मजदूरों के खाली पेट की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया.

पढ़ें: त्रिवेंद्र सरकार ने अपने ही एक आदेश को नहीं दी तवज्जो, कर दिए 21 अधिकारियों के ट्रांसफर

कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड कामगार महासंघ की अध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही गंभीर संकट से गुजर रही है. ऐसे में श्रमिक कानूनों में कोई भी परिवर्तन आत्मघाती निर्णय होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार लॉकडाउन की आड़ में श्रम कानून में बदलाव कर रही है. जिसमें मजदूरों के काम को आठ घंटों से बढ़ाकर बारह घंटे किया जा रहा है.

उन्होंने सरकार से श्रम कानून में हुए बदलाव को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ईएसआई में ब्याज दर को घटाकर केंद्र सरकार ने श्रमिक विरोधी कार्य कर उनको आर्थिक हानि पहुंचायी है. आशा मनोरमा शर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि विभिन्न रक्षा संस्थान समेत सार्वजनिक उपक्रमों के निगमीकरण और निजीकरण पर भी रोक लगायी जाये.

देहरादून: कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड कामगार महासंघ की अध्यक्ष ने श्रम कानून में बदलाव को श्रमिक विरोधी बताते हुये विरोध जताया. कामगार महासंघ की अध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने श्रम कानून में किये जा रहे परिवर्तन को वापस लेने की मांग की है.

श्रम कानून में बदलाव का विरोध.

कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड कामगार महासंघ की अध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने आज देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर श्रम कानून में हो रहे बदलाव को वापस लेने की मांग की. इन दौरान उन्होंने अपने कार्यालय में सांकेतिक धरना और उपवास रखा. साथ ही थाली बजाकर गरीब मजदूरों के खाली पेट की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया.

पढ़ें: त्रिवेंद्र सरकार ने अपने ही एक आदेश को नहीं दी तवज्जो, कर दिए 21 अधिकारियों के ट्रांसफर

कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड कामगार महासंघ की अध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही गंभीर संकट से गुजर रही है. ऐसे में श्रमिक कानूनों में कोई भी परिवर्तन आत्मघाती निर्णय होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार लॉकडाउन की आड़ में श्रम कानून में बदलाव कर रही है. जिसमें मजदूरों के काम को आठ घंटों से बढ़ाकर बारह घंटे किया जा रहा है.

उन्होंने सरकार से श्रम कानून में हुए बदलाव को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ईएसआई में ब्याज दर को घटाकर केंद्र सरकार ने श्रमिक विरोधी कार्य कर उनको आर्थिक हानि पहुंचायी है. आशा मनोरमा शर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि विभिन्न रक्षा संस्थान समेत सार्वजनिक उपक्रमों के निगमीकरण और निजीकरण पर भी रोक लगायी जाये.

Last Updated : May 22, 2020, 8:05 PM IST
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