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अध्यादेश लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करेगी राज्य सरकार

प्रदेश सरकार अब कानून बनाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करेगी. सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सुविधा अध्यादेश 2019 को मंजूरी दे दी गई है.

पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करेगी राज्य सरकार.
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Published : Aug 17, 2019, 10:25 PM IST

डोइवाला: हाई कोर्ट में हार के बाद प्रदेश सरकार अब कानून बनाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करेगी. 13 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सुविधा (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) अध्यादेश 2019 को मंजूरी दे दी गई है. इस प्रस्ताव के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को कई सुविधाएं मिलेंगी.

पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करेगी राज्य सरकार.

बता दें कि अब ये विधेयक विधायी विभाग के जरिए राजभवन जाएगा, जहां से मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. इसके बाद जब विधानसभा सत्र होगा तब सरकार विधेयक लेकर आएगी और कानून बनाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को कानूनी जामा पहनाएगी. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी किराया दरों पर आवास के साथ नि:शुल्क चालक सहित वाहन, ओएसडी और टेलीफोन सहित तमाम सुविधाएं देने का प्रावधान कर दिया गया है.

पढें: 'अभिव्यक्ति, समानता और स्वतंत्रता को लेकर बहुत याद आ रहे गांधी'

इससे पहले एक याचिका पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिए थे कि वो सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके कार्यकाल का किराया बाजार दर पर वसूल करें. इसके बाद सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को किराया वसूली का नोटिस जारी कर दिया था. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसके बाद न्यायालय ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.

इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को जो सुविधाएं मिल रही है उसको बरकरार रखा जाए या नहीं ये निर्णय राज्य सरकार लेने जा रही है. ये राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वो किस तरीके से पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा को बरकरार रखना चाहती है. साथ ही कहा कि सरकार को ये जरूर देखने चाहिए की एक ओर कहते है कि हमारे पास संसाधन नहीं है और दूसरी और अगर हम इस ओर कदम बढ़ाते है तो कितना व्यय उसपर आता है ये बहुत महत्वपूर्ण बात है.

वहीं, बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि सरकार का निर्णय बहुत न्यायपूर्ण और तर्कपूर्ण है. जिस समय पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सुविधाएं प्राप्त थी उस समय तक कोई आदेश नहीं था. इसलिए उस दौरान जो सुविधा थी उस सुविधा का पूर्व मुख्यमंत्री ने उपयोग किया. अब ऐसे में अचानक इस प्रकार का आदेश आना कि पिछले तारीखों से किराया वसूला जाएगा, जोकी अपने आप में उचित नहीं लगता.

डोइवाला: हाई कोर्ट में हार के बाद प्रदेश सरकार अब कानून बनाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करेगी. 13 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सुविधा (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) अध्यादेश 2019 को मंजूरी दे दी गई है. इस प्रस्ताव के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को कई सुविधाएं मिलेंगी.

पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करेगी राज्य सरकार.

बता दें कि अब ये विधेयक विधायी विभाग के जरिए राजभवन जाएगा, जहां से मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. इसके बाद जब विधानसभा सत्र होगा तब सरकार विधेयक लेकर आएगी और कानून बनाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को कानूनी जामा पहनाएगी. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी किराया दरों पर आवास के साथ नि:शुल्क चालक सहित वाहन, ओएसडी और टेलीफोन सहित तमाम सुविधाएं देने का प्रावधान कर दिया गया है.

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इससे पहले एक याचिका पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिए थे कि वो सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके कार्यकाल का किराया बाजार दर पर वसूल करें. इसके बाद सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को किराया वसूली का नोटिस जारी कर दिया था. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसके बाद न्यायालय ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.

इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को जो सुविधाएं मिल रही है उसको बरकरार रखा जाए या नहीं ये निर्णय राज्य सरकार लेने जा रही है. ये राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वो किस तरीके से पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा को बरकरार रखना चाहती है. साथ ही कहा कि सरकार को ये जरूर देखने चाहिए की एक ओर कहते है कि हमारे पास संसाधन नहीं है और दूसरी और अगर हम इस ओर कदम बढ़ाते है तो कितना व्यय उसपर आता है ये बहुत महत्वपूर्ण बात है.

वहीं, बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि सरकार का निर्णय बहुत न्यायपूर्ण और तर्कपूर्ण है. जिस समय पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सुविधाएं प्राप्त थी उस समय तक कोई आदेश नहीं था. इसलिए उस दौरान जो सुविधा थी उस सुविधा का पूर्व मुख्यमंत्री ने उपयोग किया. अब ऐसे में अचानक इस प्रकार का आदेश आना कि पिछले तारीखों से किराया वसूला जाएगा, जोकी अपने आप में उचित नहीं लगता.

Intro:पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने के मामले में हाईकोर्ट से हारने के बाद अब उत्तराखंड राज्य सरकार ने नया तरीका अख्तियार किया है इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा देने को लेकर कानून बनाने जा रही है लिहाजा इस संबंध में 13 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गुपचुप तरीके से पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बहाल करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। जहाँ एक ओर राज्य सरकार के इस फैसले पर भाजपा अपने सरकार के पक्ष में नजर आई तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस भी कही न कही मित्र विपक्ष की भूमिका निभाती नजर आयी।


Body:आपको बता दें कि याचिका की सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास में रहने का किराया बाजार दर पर वसूल किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को किराया वसूली का नोटिस भी जारी कर दिया था। हालांकि इस मामले में दो पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने फिर से अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। मुख्यमंत्री आवास में 13 अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सुविधा अध्यादेश, 2019 को मंजूरी दी जा चुकी है। हालांकि राजभवन से इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही अब जब विधानसभा सत्र होगा उस दौरान राज्य सरकार विधायक लेकर आएगी और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा देने का कानून बन जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए लाए गए कैबिनेट में इस प्रस्ताव से अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी किरायेदारों पर आवास मिलेगा , इसके साथ ही निशुल्क रूप से चालक सहित वाहन, ओएसडी और टेलीफोन समेत तमाम अन्य सुविधाएं देने का प्रावधान किया गया है। कही न कही राज्य सरकार ने यह अध्यादेश लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों को एक बड़ी राहत दी है क्योंकि इस अध्यादेश में प्रभावी होने के साथ ही न्यायालय का कोई भी निर्णय आदेश लागू नहीं होगा, लिहाजा मुख्यमंत्रियों को समस्त सुविधाएं दी जाती रहेंगी। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी भवनों के मरम्मत का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को जो सुविधाएं मिल रही है उसको बरक़रार रखा जाये या नहीं रखा जाये ये निर्णय राज्य सरकार लेने जा रही है। और ये राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वो किस तरीके से पूर्व मुख्यमंत्रियो की सुविधा को बरक़रार रखना चाह रही है। साथ ही प्रीतम ने बताया कि जब यह प्रकरण सामने आएगी तभी वो कोई जवाब दे पाएंगे। लेकिन अभी तक इस प्रकरण पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन सरकार को ये जरूर देखने चाहिए की एक ओर कहते है कि हमारे पास संसाधन नहीं है और दूसरी और अगर हम दिशा में कदम बढ़ाते है तो कितना व्यय उसपर आता है ये बहुत महत्वपूर्ण है।   बाइट - प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस वही बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि सरकार का निर्णय बहुत न्यायपूर्ण और तर्कपूर्ण है। क्योकि जिस समय पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सुविधाएं प्राप्त थी उस समय तक कोई आदेश नही था, इसलिए उस दौरान जो सुविधा थी उस सुविधा का पूर्व मुख्यमंत्री ने उपयोग किया। अब ऐसे में अचानक इस प्रकार का आदेश आना कि पिछले तारीखों से किराया वसूला जाएगा, जोकी अपने आप मे तार्किक तौर पर उचित नही लगता। ऐसे में सरकार के द्वारा जो निर्णय लिया गया है। वो अपने आप मे बिल्कुल सही है। बाइट - देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा


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