डोइवाला: गन्ने की अच्छी पैदावार और शीघ्र प्रजाति के गन्ने की खेती से डोइवाला शुगर मिल को काफी फायदा मिल रहा है. डोइवाला शुगर मिल को अबतक की सबसे अधिक चीनी की रिकवरी हुई है. इस बार के गन्ना पेराई सत्र के बाद चीनी की रिकवरी 9.90 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो अबतक की सर्वाधिक है. दरअसल, डोइवाला शुगर मिल का पेराई सत्र 29 अप्रैल को खत्म हो गया था.
डोइवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि इस बार किसानों को गोष्ठियों और सेमिनार से गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए जागरूक किया गया था. इसके अलावा अच्छी नस्ल व अगेती प्रजाति के गन्ना लगाने के लिए किसानों को कहा था. इसके फलस्वरूप किसानों ने अगेती प्रजाति की गन्ने की खेती ज्यादा की, जिससे पैदावार अच्छी हुई और रिकवरी भी ज्यादा हुई है.
अधिशासी निदेशक ने बताया कि इस बार चीनी की अच्छी रिकवरी के साथ ही 27 लाख 43 हजार 696 क्विंटल गन्ने की पेराई की गई. जिसमें से 2 लाख 73 हजार 30 बेग चीनी प्राप्त हुई है. अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि जो किसान अगेती प्रजाति का गन्ना लगाने से रह गए हैं उनको भी इस बार जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को गन्ने में होने वाली बीमारियों के बारे में भी बताया जाएगा. इससे अगले साल भी गन्ने की अच्छी उपज अच्छी होगी.
डोइवाला चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक कासिम अली ने बताया कि चीनी मिल का साल 1991-92 पेराई सत्र की चीनी की रिकवरी 9.42 प्रतिशत रही थी. पिछले पांच वर्षों में साल 2014-15 में 8.81 प्रतिशत; साल 2015-16 में 9.33 प्रतिशत; साल 2016-17 में 9.38 प्रतिशत; साल 2017-18 में 9.40 प्रतिशत और साल 2018-19 यानी इस सत्र में सबसे अधिक 9.90 प्रतिशत रिकवरी दर्ज की गई है.