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मसूरी में निकाली गई श्रीकृष्ण की शोभायात्रा, कोरोना का दिखा असर - शोभायात्रा

मसूरी में बीते 150 सालों से श्रीकृष्ण की शोभायात्रा निकाली जा रही है. रविवार को भी शोभायात्रा निकाली गई, लेकिन कोरोना का असर भी देखने को मिला.

krishna shobha yatra
श्रीकृष्ण शोभायात्रा
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Published : Aug 16, 2020, 9:54 PM IST

मसूरीः हर साल की भांति इस बार भी जद्दोजहद के बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ श्रीकृष्ण की शोभायात्रा निकाली गई. इससे पहले सनातन धर्म मंदिर में श्री कृष्ण का श्रृंगार कर पूजा-अर्चना और हवन किया गया. साथ ही 56 भोग लगाया गया. जिसके बाद नगर में कन्हैया की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी श्रद्धालुओं ने मास्क पहन का सोशल डिस्टेंसिग का विशेष ध्यान रखा गया. यह शोभायात्रा बीते 150 सालों से निकाली जा रही है. बताया जा रहा है अंग्रेजों ने शोभायात्रा को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन इसे कोई नहीं रोक पाया.

मसूरी में निकाली गई श्रीकृष्ण की शोभायात्रा.

यह शोभायात्रा जन्माष्टमी त्योहार के बाद पहले रविवार को निकाली जाती है. रविवार को भी यह शोभा यात्रा सनानत धर्म मंदिर से मलिंगार, लंढौर बाजार, जैन धर्मशाला तक निकाली गई. जहां पर विधि-विधान के साथ शोभायात्रा का समापन किया गया. बता दें कि, पहले मसूरी के मलिंगार से गांधी चौक तक शोभायात्रा में बैंड, पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भगवान कृष्ण की झांकियां, लडडू गोपाल की झांकी आदि निकाली जाती थी. जिसमें मसूरी और आसपास के हजारों श्रद्धालु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए शहर में आते थे. साथ ही मेला का भी आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शोभायात्रा का स्वरूप सूक्ष्म रहा.

ये भी पढ़ेंः राम जन्म भूमि आंदोलन में श्रीराम कार सेवकों ने बनाया इतिहासः सतपाल महाराज

सनातंन धर्म मंदिर समित के सदस्य वैभव तायल और पुजारी अजय उनियाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार सीमित श्रद्धालुओं को शोभायात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. जहां श्रद्धालुओं ने कन्हैया की डोली के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. शोभायात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. बताया जा रहा है कि यह शोभायात्रा हर साल आयोजित होती है. कोई भी इसे रोक नहीं सकता है. मान्यता है कि कोई इस पर व्यवधान डालता है तो उसे उसका परिणाम भी भुगतना पड़ता है.

मसूरीः हर साल की भांति इस बार भी जद्दोजहद के बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ श्रीकृष्ण की शोभायात्रा निकाली गई. इससे पहले सनातन धर्म मंदिर में श्री कृष्ण का श्रृंगार कर पूजा-अर्चना और हवन किया गया. साथ ही 56 भोग लगाया गया. जिसके बाद नगर में कन्हैया की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी श्रद्धालुओं ने मास्क पहन का सोशल डिस्टेंसिग का विशेष ध्यान रखा गया. यह शोभायात्रा बीते 150 सालों से निकाली जा रही है. बताया जा रहा है अंग्रेजों ने शोभायात्रा को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन इसे कोई नहीं रोक पाया.

मसूरी में निकाली गई श्रीकृष्ण की शोभायात्रा.

यह शोभायात्रा जन्माष्टमी त्योहार के बाद पहले रविवार को निकाली जाती है. रविवार को भी यह शोभा यात्रा सनानत धर्म मंदिर से मलिंगार, लंढौर बाजार, जैन धर्मशाला तक निकाली गई. जहां पर विधि-विधान के साथ शोभायात्रा का समापन किया गया. बता दें कि, पहले मसूरी के मलिंगार से गांधी चौक तक शोभायात्रा में बैंड, पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भगवान कृष्ण की झांकियां, लडडू गोपाल की झांकी आदि निकाली जाती थी. जिसमें मसूरी और आसपास के हजारों श्रद्धालु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए शहर में आते थे. साथ ही मेला का भी आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शोभायात्रा का स्वरूप सूक्ष्म रहा.

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सनातंन धर्म मंदिर समित के सदस्य वैभव तायल और पुजारी अजय उनियाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार सीमित श्रद्धालुओं को शोभायात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. जहां श्रद्धालुओं ने कन्हैया की डोली के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. शोभायात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. बताया जा रहा है कि यह शोभायात्रा हर साल आयोजित होती है. कोई भी इसे रोक नहीं सकता है. मान्यता है कि कोई इस पर व्यवधान डालता है तो उसे उसका परिणाम भी भुगतना पड़ता है.

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