देहरादून: विधानसभा के मॉनसून सत्र का दूसरे दिन हंगामेदार रहा. कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष ने सदन के बाहर अपनी तमाम मांगों को लेकर प्रदर्शन कर माहौल बनाने की कोशिश की. विपक्ष के प्रदर्शन में हरिद्वार ग्रामीण से विधायक अनुपमा रावत ने टिहरी विस्थापितों को भूमि पर अधिकार दिलाने की मांग की. वहीं अन्य विधायकों ने प्रदेश में अतिक्रमण हटाने के नाम पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया.
मॉनसून सत्र के दूसरे दिन के लिए विपक्ष तैयार: मीडिया से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बताया कि आज विपक्ष सदन में एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएगा. यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष का सबसे बड़ा मुद्दा सत्र की अवधि को बढ़ाया जाना है. उन्होंने इस बात को साफ तौर से कहा कि सत्र 4 दिन का आहूत किया गया है. पहला दिन श्रद्धांजलि में निकल गया है. आज केवल दूसरे दिन सदन में प्रश्नकाल चलेगा. उसके बाद जन्माष्टमी की छुट्टी है. उसके बाद एक दिन शासकीय दिन के रूप में रखा गया है.
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यशपाल आर्य ने बताया विपक्ष का एजेंडा: यशपाल आर्य ने कहा कि इस तरह से चार दिन के विधानसभा सत्र में केवल एक दिन ही सदन के भीतर प्रश्नकाल में जनता के सवालों को सुनने का मौका दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है. विपक्ष इसको लेकर सदन के भीतर से लेकर के सदन के बाहर भी लगातार आवाज उठाएगा.
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सत्र की अवधि नहीं बढ़ी तो धरने पर बैठेगा विपक्ष: विपक्षी विधायकों का कहना है कि अगर सरकार ने सदन की अवधि नहीं बढ़ाई तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे. इसके अलावा यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश में और भी कई विषय हैं, जिनमें आपदा से परेशान किसान और अतिक्रमण विरोधी अभियान हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इन प्रश्नों को सदन में उठाने के लिए समय मिलना चाहिए.
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8 सितंबर तक स्थगित सदन की कार्यवाही: मानसून सत्र के दूसरे दिन अतिक्रमण को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन में सवाल उठाए. भुवन कापड़ी ने कहा सरकार का बुलडोजर गरीबों पर चल रहा है. बदरीनाथ विधायक ने अतिक्रमण पर सरकार को जमकर घेरा. विधायक ने कहा सरकार कर भेदभाव कर रही है. जिस पर भाजपा विधायकों ने सरकार का बचाव किया. इस बीच सदन में भीतर मुन्ना सिंह चौहान और राजेंद्र भंडारी के बीच बहस भी हुई. भाजपा विधायक ने कहा सरकार को कानून में संशोधन करने का अधिकार है. तमाम हो हल्ले बीच सदन की कार्यवाही 8 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई.