देहरादून: उत्तराखंड में भर्ती घोटालों (scams in uttarakhand) की आंच से बचने के लिए भाजपा सरकार ने भले ही कई कदम उठाए हो, लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा को घेरना का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटालों का मामला पूरे जोरशोर से उठा रहे हैं. राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) का इस मुद्द पर बयान आया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर हुए भर्ती घोटालों ने होनहार युवाओं को निराश किया है.
प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि एक तरफ राज्य के अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार सामने आया है, वहीं, दूसरी ओर विधानसभा में हुई भर्तियों में भी भारी भ्रष्टाचार और घोटाला सामने आया है, जिसके तहत नेताओं के रिश्तेदारों और संबंधियों को बड़ी संख्या में पद बांटे गए. इन घोटालों की जांच में नेता, पुलिसकर्मी, सचिवालय के कर्मचारी, आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारी, कुछ युवा, कोर्ट के कर्मचारी और कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में भर्ती घोटालों का कितना विशाल रैकेट चल रहा है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार ने एक बार फिर साबित किया है कि चाहे उत्तराखंड हो या उत्तर प्रदेश. भाजपा की सरकारें देश भर के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. लगातार हो रहे इन घोटालों ने हमारे योग्य और शिक्षित युवाओं को न सिर्फ निराश किया है, बल्कि उनके भविष्य को अंधकार में डाल दिया है.
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- बता दें कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की जांच उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) कर रही है और इस मामले में अभी तक 33 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं यूकेएसएसएससी पेपर लीक का सरगना सैय्यद सादिक मूसा की उत्तराखंड एसटीएफ तलाश कर रही है. उत्तराखंड एसटीएफ ने सैय्यद सादिक मूसा पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है.
इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामला भी इन दिनों सुर्खियों में है. इस मामले में शनिवार को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने तीन सदस्य जांच कमेटी गठित की है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. पहले चरण में साल 2012 से लेकर अभी (2022) तक की भर्तियों की जांच होगी और दूसरे चरण में राज्य गठन 2002 से लेकर 2012 की भर्तियों की जांच की जाएगी.