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NMC बिल के विरोध में बंद रही निजी अस्पतालों की OPD, सरकारी अस्पतालों में टूटा रिकॉर्ड - dehradun news

संसद में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पारित होने के बाद देश के सभी डॉक्टर इसके विरोध में खड़े हो गए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वाधान में बुधवार को तमाम निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने ओपीडी बंद कर विरोध प्रदर्शन किया.

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Published : Jul 31, 2019, 6:54 PM IST

देहरादून/रुद्रपुरः एनएमसी (NMC) बिल को लेकर प्रदेश में निजी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. सुबह से ही निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उधर, निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहने के कारण सरकारी अस्पतालों में काफी भीड़ देखने को मिली.

संसद में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पारित होने के बाद देश के सभी डॉक्टर इसके विरोध में खड़े हो गए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वाधान में बुधवार को तमाम निजी अस्पतालों ने ओपीडी बंद कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अस्पतालों में आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

गौर हो कि एनएमसी बिल के विरोध में उत्तराखंड के करीबन अट्ठारह सौ के करीब निजी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. करीब ढाई हजार निजी अस्पतालों ने 24 घंटे ओपीडी का कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. हड़ताल के चलते मरीज अपना इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं.

दून मेडिकल कॉलेज में बढ़ा मरीजों का दवाब
निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के हड़ताल का असर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में देखने को मिला. अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ लगी रही. आलम ये रहा कि दून मेडिकल कॉलेज में आम दिनों की मुकाबले 12 बजे तक ओपीडी का आंकड़ा बढ़कर 1600 पार कर गया.

NMC बिल के विरोध में बंद रहे निजी अस्पतालों के ओपीडी.

ये भी पढ़ेंः जागर ईश्वर के करीब होने का कराता है एहसास, जानिए क्या कहते हैं पद्मश्री प्रीतम भरतवाण

दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि निजी अस्पतालों की हड़ताल से दून अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सभी डॉक्टरों को मरीजों के लिए पर्याप्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा कि अस्पताल के डॉक्टर सभी मरीजों के इलाज करने में पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं.

रुद्रपुर में भी मरीजों को परेशानी
उधम सिंह नगर जिले में भी निजी अस्पतालों में सुबह से ओपीडी बंद रही. जिससे मरीजों और तीमारदारों को इलाज के लिए भटकना पड़ा. वहीं, एसोसिएशन से जुड़े जिले के सैकड़ों निजी अस्पतालों की ओपीडी पूरी तरह से बंद रही. हालांकि, इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं.

ये भी पढ़ेंः घुसपैठियों को सेना का करारा जवाब, कश्मीर में मारे 3 आतंकी

डॉक्टरों ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पारित होने के बाद अब धारा 32 के तहत देशभर में साढ़े तीन लाख से ज्यादा पैरामेडिकल स्टाफ डॉक्टरों की तर्ज पर मरीजों का इलाज करेंगे. इसके लिए पैरामेडिकल कोर्स सिर्फ ब्रिज कोर्स करना होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रावधान का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. जिले के आईएमए अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार जल्द ही इस बिल को वापस नहीं लेती है तो देश के तमाम डॉक्टर उग्र आंदोलन करेंगे.

देहरादून/रुद्रपुरः एनएमसी (NMC) बिल को लेकर प्रदेश में निजी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. सुबह से ही निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उधर, निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहने के कारण सरकारी अस्पतालों में काफी भीड़ देखने को मिली.

संसद में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पारित होने के बाद देश के सभी डॉक्टर इसके विरोध में खड़े हो गए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वाधान में बुधवार को तमाम निजी अस्पतालों ने ओपीडी बंद कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अस्पतालों में आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

गौर हो कि एनएमसी बिल के विरोध में उत्तराखंड के करीबन अट्ठारह सौ के करीब निजी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. करीब ढाई हजार निजी अस्पतालों ने 24 घंटे ओपीडी का कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. हड़ताल के चलते मरीज अपना इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं.

दून मेडिकल कॉलेज में बढ़ा मरीजों का दवाब
निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के हड़ताल का असर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में देखने को मिला. अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ लगी रही. आलम ये रहा कि दून मेडिकल कॉलेज में आम दिनों की मुकाबले 12 बजे तक ओपीडी का आंकड़ा बढ़कर 1600 पार कर गया.

NMC बिल के विरोध में बंद रहे निजी अस्पतालों के ओपीडी.

ये भी पढ़ेंः जागर ईश्वर के करीब होने का कराता है एहसास, जानिए क्या कहते हैं पद्मश्री प्रीतम भरतवाण

दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि निजी अस्पतालों की हड़ताल से दून अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सभी डॉक्टरों को मरीजों के लिए पर्याप्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा कि अस्पताल के डॉक्टर सभी मरीजों के इलाज करने में पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं.

रुद्रपुर में भी मरीजों को परेशानी
उधम सिंह नगर जिले में भी निजी अस्पतालों में सुबह से ओपीडी बंद रही. जिससे मरीजों और तीमारदारों को इलाज के लिए भटकना पड़ा. वहीं, एसोसिएशन से जुड़े जिले के सैकड़ों निजी अस्पतालों की ओपीडी पूरी तरह से बंद रही. हालांकि, इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं.

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डॉक्टरों ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पारित होने के बाद अब धारा 32 के तहत देशभर में साढ़े तीन लाख से ज्यादा पैरामेडिकल स्टाफ डॉक्टरों की तर्ज पर मरीजों का इलाज करेंगे. इसके लिए पैरामेडिकल कोर्स सिर्फ ब्रिज कोर्स करना होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रावधान का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. जिले के आईएमए अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार जल्द ही इस बिल को वापस नहीं लेती है तो देश के तमाम डॉक्टर उग्र आंदोलन करेंगे.

Intro:summry - nmc बिल का विरोध करने के लिए आज जिले के तमाम निजी अस्पतालों ने अपनी ओपीडी बन्द की हुई है। सुबह 6 बजे से कल सुबह 6 बजे तक ओपीडी को बंद किया गया है। जिससे मरीजो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

एंकर - देश की संसद में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पारित होने के बाद देश के सभी डॉक्टर इसके विरोध में खड़े हुए हैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाज में आज देश के तमाम निजी अस्पतालों द्वारा सुबह 6:00 बजे से लेकर कल सुबह 6:00 बजे तक अस्पतालों की ओपीडी बंद कर अपना विरोध प्रदर्शन किया इस दौरान अस्पतालों में आए मरीजों को इस दौरान अस्पतालों में आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


Body:वीओ - उधम सिंह नगर जिले में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान का असर दिखाई दिया जिले के तमाम निजी अस्पतालों द्वारा सुबह 6:00 बजे से अगले दिन 6:00 बजे तक ओपीडी बंद करने का फैसला लिया है जिससे तीमारदारों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है वहीं एसोसिएशन से जुड़े जिले के सैकड़ों निजी अस्पतालों की ओपीडी पूर्णतया बंद रखी गई हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रही डॉक्टरों ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पारित होने के बाद अब धारा 32 के तहत देशभर में साढे तीन लाख से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ डॉक्टरों की तर्ज पर मरीजों का इलाज करेंगे इसके लिए पैरामेडिकल कोर्स सिर्फ ब्रिज कोर्स करना होगा उन्होंने कहा कि इस प्रावधान का पुरजोर विरोध किया जा रहा है जिले के आईएमए अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि अगर सरकार जल्द ही इस बिल को वापस नही लेती है तो देश के तमाम डॉक्टर इस आंदोलन को ओर अधिक उग्र करेंगे। आज उन्होंने 24 घण्टे के लिए ओपीडी बन्द रखी गयी है। जिले के सभी छोटे बड़े लगभग 6 सौ से अधिक अस्पतालों की ओपीडी को बन्द किया है। आगे की रणनीति केंद्रीय व राज्य नेतृत्व तय करेगी।

बाइट - डॉ अजय अग्रवाल, आईएमए अध्यक्ष।


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