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9 दिन की हड़ताल के बाद काम पर लौटे निजी डॉक्टर, CM के सामने रखीं अपनी मांगें

पिछले 9 दिनों से निजी डॉक्टर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को संशोधित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे. निजी डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद आम लोगों को खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था. जिसके बाद शनिवार देर शाम को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के बाद हड़ताल को समाप्त कर दिया है.

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Published : Feb 24, 2019, 5:58 PM IST

जानकारी देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

देहरादून: प्रदेश में पिछले 9 दिनों से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निजी डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी, जोकि शनिवार देर शाम सीएम त्रिवेंद्र से मुलाकात के बाद समाप्त हो गई है. निजी डॉक्टर ने शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने अपनी मांगों को रखा. साथ ही सीएम ने निजी डॉक्टरों को आवास नीति के बारे में समझाया.

जानकारी देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

बता दें कि पिछले 9 दिनों से निजी डॉक्टर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को संशोधित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे. निजी डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद आम लोगों को खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था. हालांकि, सरकार ने सरकारी अस्पतालों में अन्य व्यवस्थाएं भी की थी. लेकिन, इसके बावजूद मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा था.

पढ़ें: त्रिशक्ति सम्मेलन में कम संख्या से नाराज हुए BJP प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकर्ताओं को भेजा जाएगा कारण बताओ नोटिस

कार्यक्रम के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोर्ट का निर्णय मानने के लिए सरकार बाध्य है. डॉक्टरों को बताया गया कि नए आवास नीति के तहत मेडिकल व्यवसाय, होटल व्यवसाय या अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए क्या नीतियां बनाई गई हैं. जब उन नीतियों को निजी डॉक्टरों को बताया गया तो वो संतुष्ट हो गए हैं.

साथ ही सीएम ने बताया कि डॉक्टरों और सरकार की सोच में बहुत अंतर नहीं है. साथ ही सरकार, प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों और भूमि उपलब्धता को जानती है. इसी वजह से डॉक्टरों को समझाया गया और डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है.

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देहरादून: प्रदेश में पिछले 9 दिनों से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निजी डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी, जोकि शनिवार देर शाम सीएम त्रिवेंद्र से मुलाकात के बाद समाप्त हो गई है. निजी डॉक्टर ने शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने अपनी मांगों को रखा. साथ ही सीएम ने निजी डॉक्टरों को आवास नीति के बारे में समझाया.

जानकारी देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

बता दें कि पिछले 9 दिनों से निजी डॉक्टर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को संशोधित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे. निजी डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद आम लोगों को खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था. हालांकि, सरकार ने सरकारी अस्पतालों में अन्य व्यवस्थाएं भी की थी. लेकिन, इसके बावजूद मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा था.

पढ़ें: त्रिशक्ति सम्मेलन में कम संख्या से नाराज हुए BJP प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकर्ताओं को भेजा जाएगा कारण बताओ नोटिस

कार्यक्रम के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोर्ट का निर्णय मानने के लिए सरकार बाध्य है. डॉक्टरों को बताया गया कि नए आवास नीति के तहत मेडिकल व्यवसाय, होटल व्यवसाय या अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए क्या नीतियां बनाई गई हैं. जब उन नीतियों को निजी डॉक्टरों को बताया गया तो वो संतुष्ट हो गए हैं.

साथ ही सीएम ने बताया कि डॉक्टरों और सरकार की सोच में बहुत अंतर नहीं है. साथ ही सरकार, प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों और भूमि उपलब्धता को जानती है. इसी वजह से डॉक्टरों को समझाया गया और डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है.

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Intro:पिछले 9 दिनों से हड़ताल पर चल रहे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े निजी डॉक्टरों ने शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात कर हड़ताल समाप्त कर दिया है। निजी डॉक्टर ने शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। और मुलाकात कर निजी डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांगों को रखा। तो वही सीएम ने निजी डॉक्टरों को आवास नीति के बारे में समझाया। जिसके बाद निजी डॉक्टरों ने हड़ताल लेने का फैसला लिया।




Body:आपको बता दें कि पिछले 9 दिनों से निजी डॉक्टरों ने क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को संशोधित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। निजी डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद आम लोगों को अच्छी खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था। हालांकि सरकार ने सरकारी अस्पतालों में अन्य व्यवस्थाएं भी की थी। लेकिन बावजूद इसके मरीजों को दर-दर भटकना पड़ा।

एक कार्यक्रम के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोर्ट का निर्णय मानने के लिए सरकार बाध्य है। इसलिए डॉक्टरों को बताया गया कि नए आवास नीति के तहत मेडिकल व्यवसाय, होटल व्यवसाय या अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए क्या नीतियां बनाई गई हैं जब उन नीतियों को निजी डॉक्टरों को बताया गया तो वो संतुष्ट हुए। साथ ही सीएम ने बताया कि डॉक्टरों और सरकार की सोच ने बहुत अंतर नही हैं। और सरकार, प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों और भूमि उपलब्धता को जानती है। इसी वजह से डॉक्टरों को समझाया गया और डॉक्टरों ने अपने हड़ताल वापिस ले लिए।


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