देहरादून: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की जगह उत्तराखंड हेल्थ केयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की मांग शुरू कर दी है, जिसको लेकर निजी चिकित्सक बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं. निजी डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ने लगा है. निजी चिकित्सकों की हड़ताल को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के गुप्ता ने बताया कि आईएमए के चिकित्सकों की हड़ताल को देखते हुए सभी चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. इसके साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का समुचित उपचार किया जाए. साथ ही उन्होंने बताया कि सभी जिला अस्पतालों, सीएचसी, दून अस्पताल, कोरोनेशन अस्पताल को निर्देशित किया गया है कि मरीजों के लिये आकस्मिक सेवाएं दुरस्त रखी जाए, जिससे मरीजों को किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े.
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आईएमए के चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर आक्रोशित हैं, और सरकार पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं. आईएमए के चिकित्सकों का कहना है कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की जगह हेल्थकेयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर आईएमए के सभी चिकित्सक लामबंद है. बता दें कि पूरे प्रदेश में करीब 3 हजार नर्सिंग होम, अस्पताल और क्लिनिक्स हैं, जबकि राजधानी में इनकी संख्या 700 के करीब है. ऐसे में आईएमए के चिकित्सकों की तालाबंदी राज्य सरकार के लिए सरदर्द साबित हो रही है.