देहरादून: कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रेस वार्ता करते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे किए हैं. प्रीतम सिंह का कहना है कि अन्य राज्यों में फंसे उत्तराखंड वासियों के संबंध में सरकार की ओर से जो बयान दिए जा रहे हैं उसमें विरोधाभास है.
वहीं, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड प्रवासियों के संबंध में नोडल अधिकारी शैलेश बगोली कहते हैं कि जल्द रेल संचालन की कोई संभावना नहीं है, जबकि 10 मई को कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक शाम तक ट्रेन के जरिए उत्तराखंड प्रवासियों के घर वापसी का बयान देते हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से यह बताया जाता है कि 11 मई को ट्रेन आएगी, ऐसे में सभी बयानों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जिसको देखते हुए राज्य सरकार को किसी एक व्यक्ति को ऐसे जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए, जिससे अलग-अलग बयान सामने ना आए.
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उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रवासी उत्तराखंड वासियों की संख्या कहीं अधिक है, ऐसे में इन सभी की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को दिया जाना एक अनुचित निर्णय है. क्योंकि इतने प्रवासियों के राज्य में वापसी के बाद उनके रहने खाने-पीने और क्वारंटाइन करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान के बस की बात नहीं है. बेहतर होता कि अगर राज्य सरकार प्रवासी उत्तराखंड वासियों की स्वास्थ्य जांच और क्वारंटाइन की व्यवस्था बेस कैंप में करती और उनकी संख्या बढ़ने की स्थिति में यह व्यवस्था जिला या ब्लॉक स्तर पर करती, सिर्फ ग्राम प्रधानों के भरोसे पूरी व्यवस्था साथ देना तर्कसंगत नहीं है.
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बता दें, कांग्रेस ने किसानों की दुर्दशा, शराब तस्करी, विवादित विधायक को बदरीनाथ जाने के लिए पास जारी करने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर भी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.