देहरादून: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह नई कार्यकारिणी के सवाल पर बिफर पड़े. उन्होंने कहा कि अगर वे नई कार्यकारिणी का गठन कर रहे हैं तो इसमें क्या परेशानी है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मीडिया को ये अचरज क्यों हो रहा है कि नई कार्यकारिणी का गठन होने जा रहा है ? यह एक प्रक्रिया है.
बता दें कि आलाकमान से वार्ता करने के बाद प्रीतम सिंह ने नई प्रदेश कमेटी पर भी बात की थी, जिसके बाद उन्होंने देहरादून लौटकर प्रदेश कमेटी भंग करने का भी ऐलान किया. प्रीतम सिंह का कहना है कि जब प्रदेश अध्यक्ष बदलता है तो स्वाभाविक है कि नई कार्यकारिणी का गठन होता है अगर वो ऐसा कर रहे हैं तो उसमें क्या नया है ? उन्होंने कहा कि जब प्रदेश अध्यक्ष बदलता है तो हमेशा नई कार्यकारिणी का गठन होता है. क्या ऐसा कभी राजनीति में संभव हुआ है कि एक बार जो कार्यकारिणी बन गई वो ताजिंदगी चलती रहेगी.
उन्होंने उदाहरण दिया कि साल 2000 में हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष बने थे तो आज तक उन्हीं की कार्यकारिणी चलनी चाहिए थी. यशपाल आर्य, किशोर उपाध्याय जब प्रदेश अध्यक्ष बने थे तो उन्होंने भी कार्यकारिणी गठित की थी. अगर उन्होंने कार्यकारिणी बनाई तो क्या नई चीज हो गई?
दरअसल, नई कार्यकारिणी गठन को लेकर प्रीतम सिंह के सामने अब संगठन से काम करा लेने की चुनौतियां भी हैं. नई कार्यकारिणी का आकार 150 के आसपास सीमित होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. ऐसे में प्रीतम सिंह ने अपने स्तर से कमेटी भंग कर यह भी साबित कर दिया है कि हाईकमान क साथ उन्हें मिला है. ऐसे में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी पुरानी कार्यकारिणी भंग किए जाने से नाराज चल रहे हैं. तो वहीं प्रीतम सिंह का कहना है कि सबको साथ लेकर और विचार-विमर्श के बाद ही नई कार्यकारिणी का गठन शीघ्र किया जाएगा.