देहरादून: प्रदेश के मनरेगा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कर्मचारी विभागीय समायोजन और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे की मांग कर रहे हैं. मनरेगा कर्मचारियों की मांगों को लेकर बीते रोज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी अपर मुख्य सचिव मनीषा पवार से फोन पर बात करके इस संबंध में जल्द समाधान निकालने को कहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह धरना दे रहे मनरेगा कर्मियों से मुलाकात करने एकता विहार स्थित धरना स्थल पहुंचे. इस दौरान प्रीतम ने उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि सरकार को कोरोना महामारी से उपजे नाजुक हालत में मनरेगाकर्मियों के साथ वार्ता करते हुए गतिरोध समाप्त करना चाहिए. प्रीतम सिंह का कहना है कि अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार की ओर से जारी शासनादेश में राज्य में मनरेगा कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती किए जाने की बात कही गई है. ऐसे में उन्होंने सरकार से आदेश पर आपत्ति जताते हुए पुनर्विचार की मांग की है.
प्रीतम सिंह का कहना है कि आउटसोर्सिंग से मनरेगा कर्मचारियों की तैनाती का कोई औचित्य नहीं है, उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के सभी कार्य ठप पड़े हुए हैं.
मनरेगा कर्मचारियों की मांगों का हरदा ने भी किया समर्थन
इधर, बीते कई दिनों से हड़ताल कर रहे मनरेगा कर्मचारियों की मांगों का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी समर्थन किया है. हरीश रावत का कहना है कि मनरेगा के आउटसोर्स कर्मचारी लंबे समय से हड़ताल पर हैं. उनकी मांगें न्यायोचित हैं. कर्मचारी वर्षों से कार्यरत हैं, ऐसे में सरकार को उनकी मांगों को लेकर कोई रास्ता निकालना चाहिए. सरकार मनरेगा कर्मचारियों की मांगे मानने की बजाय उन्हें धमका रही है कि यदि आप 14 दिन के अंदर वापस काम पर नहीं आते हैं, तो उनके लिए दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे.
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि वो एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से कहना चाहते हैं कि इनकी बर्खास्तगी समाधान नहीं बल्कि एक समस्या है. इसलिए अपने अनुभव का उपयोग करते हुए कोई ऐसा रास्ता निकालें ताकि इन कर्मचारियों की मांगे पूरी हो सके.
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हरीश रावत ने दिया सरकार को सुझाव
मनरेगा कर्मचारियों की मांगों को लेकर हरीश रावत ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि मनरेगा के दायरे में कुछ धन भी निकाला जा सकता है और कुछ सरकार धन दे दे तो दोनों मिलकर के जो वित्तीय भार है. उस वित्तीय भार का समाधान निकाला जा सकता है.
दरअसल, बीते कई दिनों से आंदोलनरत मनरेगा कर्मचारियों की मांगों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार से कहा कि 13 सौ कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन सरकार की उदासीनता की वजह से वह आंदोलन को मजबूर हैं. इसी मामले को लेकर प्रीतम सिंह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंप चुके हैं.