देहरादून: लंबी माथापच्ची के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लगा दी है. उत्तराखंड में कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं संगठन की कमान यानी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बनाया गया है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी उत्तराखंड विधानसभआ चुनाव 2022 के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा चार प्रदेश कार्यकारणी अध्यक्ष बनाए गए हैं.
जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राज बेहड़ और रंजीत रावत को प्रदेश कार्यकारणी अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं चुनाव कमेटी का अध्यक्ष हरीश रावत को बनाया गया है. इसके साथ ही राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा को चुनाव कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल को संयोजक बनाया गया है.
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गौर हो कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस में उनका स्थान को लेकर जद्दोजहद जारी थी. इसको लेकर कई हाई लेवल मीटिंग भी दिल्ली में हुईं, लेकिन आपसी गुटबाजी के कारण पार्टी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई थी. कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता चुनने के लिए दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की अध्यक्ष में विधायकों की एक बैठक भी हुई थी, लेकिन तब भी बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर कोई सहमति नहीं बना पाई थी.
फिर विधायकों ने सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष के नाम का निर्णय कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिय गांधी पर छोड़ दिया था. कांग्रेस हाईकमान इस पर कोई फैसला लेता, उससे पहले कांग्रेस में पंजाब का मसला उठ गया. पंजाब संकट खड़ा होने के कारण भी इस मुद्दे को टाल दिया गया. अब जब पंजाब संकट टाला जा चुका है तो हाईकमान ने उत्तराखंड पर काम करना शुरू कर दिया है.
अब प्रदेश कांग्रेस की कमान श्रीनगर गढ़वाल से विधायक रह चुके हैं गणेश गोदियाल के हाथों में रहेगी और नेता प्रतिपक्ष चकराता विधायक प्रीतम सिंह होंगे. वहीं, उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे मजबूत नेता हरीश रावत को चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. माना जा रहा था कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के बीच समन्वय बनाने लिए एक गढ़वाल और दूसरे को कुमाऊं से चुना जाएगा लेकिन यहां दोनों ही पदों पर गढ़वाल का वर्चस्व है. वहीं, कुमाऊं को साधने के लिए हरीश रावत का सहारा लिया गया है.