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उत्तराखंड फायर सर्विस के कार्यों की हुई समीक्षा, बैठक में तय की गई प्राथमिकता

Review meeting of Uttarakhand Fire Service in Dehradun उत्तराखंड फायर सर्विस की देहरादून में बैठक हुई. बैठक में फायर सर्विस की मौजूदा स्थिति और प्राथमिकता तय की गई. इस दौरान बताया गया कि 368 फायरमैन प्रशिक्षण ले रहे हैं. फायर सर्विस विभाग ने डीजीपी अभिनव कुमार को डेमो भी दिया. डीजीपी ने आग लगने की आशंका वाले स्थानों के चिन्हीकरण का आदेश दिया.

Uttarakhand Fire Service
फायर सर्विस बैठक
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 28, 2023, 6:45 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में फायर सर्विस को मजबूत करने के लिए जहां एक तरफ नई तकनीक को इसमें जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं, वहीं कर्मियों की कमी को दूर करने और इनके प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है. इसी संबंध में पुलिस मुख्यालय में फायर सर्विस के कार्यों की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में अब तक हुए कार्यों की प्रगति पर भी विचार किया गया.

फायर सर्विस विभाग के कार्यों की समीक्षा: प्रदेश में फायर की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर फायर सर्विस विभाग खुद को अपडेट करने में जुटा हुआ है. इस कड़ी में विभाग की तरफ से भी फायर सर्विस की जरूरत को पूरा करने और उसके सामने आने वाली चुनौतियों से पार पाने के लिए प्रयास किए जाते हैं. पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार की अध्यक्षता में फायर सर्विस की समीक्षा बैठक की गई, जिसमें ऐसे ही तमाम विषयों पर संबंधित अधिकारियों से बातचीत हुई. इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक नीरू गर्ग ने फायर सर्विस को लेकर कार्य योजना पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया.

फायर सर्विस की प्राथमिकता तय: पुलिस महानिरीक्षक निरू गर्ग की तरफ से फायर सर्विस में मौजूद कर्मचारी, उपकरणों की वर्तमान स्थिति, चुनौतियां और अब तक किए गए प्रयासों के बारे में अपने प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया. इस दौरान अधिकारियों की तरफ से कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए.

368 फायरमैन ले रहे प्रशिक्षण: समीक्षा बैठक के दौरान एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा ने बताया कि इस समय 368 फायरमैन प्रशिक्षणाधीन हैं. इसमें 100 पुरुष और 268 महिलाएं हैं. खास बात यह है कि उत्तराखंड फायर सर्विस में महिलाओं को मौका देने वाला देश का आठवां राज्य है. बातचीत के दौरान निर्देश दिए गए कि फायर सर्विस को विभिन्न घटनाओं के दौरान घटनास्थल पर पहुंचने के लिए अपने रिस्पांस टाइम को कम करना होगा. विभिन्न अग्निशमन की गाड़ियों में भी जीपीएस लगाए जाने के निर्देश दिए गए.

आग लगने की आशंका वाले क्षेत्रों का होगा चिन्हीकरण: बैठक के दौरान कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया. इसके अलावा ऐसे क्षेत्र के चिन्हीकरण की बात कही गई, जहां आग लगने की अधिक आशंका रहती है. ऐसे क्षेत्रों के लिए अलग से कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए गए. इसके लिए सभी जिलों में औद्योगिक इकाई और दूसरे भवनों का निरीक्षण करने और यहां फायर सेफ्टी का ऑडिट करने के लिए भी कहा गया. उधर दूसरी तरफ कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए फायर सर्विस प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और इसके लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए. वहीं अग्नि सुरक्षा उपकरणों और इसमें इस्तेमाल होने वाले वाहनों का भी ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए गए.
ये भी पढ़ें: Fire Service Week पर फायर सर्विस ने दिखाई ताकत, डेमो दिखाकर जीता सभी का दिल

देहरादून: उत्तराखंड में फायर सर्विस को मजबूत करने के लिए जहां एक तरफ नई तकनीक को इसमें जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं, वहीं कर्मियों की कमी को दूर करने और इनके प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है. इसी संबंध में पुलिस मुख्यालय में फायर सर्विस के कार्यों की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में अब तक हुए कार्यों की प्रगति पर भी विचार किया गया.

फायर सर्विस विभाग के कार्यों की समीक्षा: प्रदेश में फायर की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर फायर सर्विस विभाग खुद को अपडेट करने में जुटा हुआ है. इस कड़ी में विभाग की तरफ से भी फायर सर्विस की जरूरत को पूरा करने और उसके सामने आने वाली चुनौतियों से पार पाने के लिए प्रयास किए जाते हैं. पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार की अध्यक्षता में फायर सर्विस की समीक्षा बैठक की गई, जिसमें ऐसे ही तमाम विषयों पर संबंधित अधिकारियों से बातचीत हुई. इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक नीरू गर्ग ने फायर सर्विस को लेकर कार्य योजना पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया.

फायर सर्विस की प्राथमिकता तय: पुलिस महानिरीक्षक निरू गर्ग की तरफ से फायर सर्विस में मौजूद कर्मचारी, उपकरणों की वर्तमान स्थिति, चुनौतियां और अब तक किए गए प्रयासों के बारे में अपने प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया. इस दौरान अधिकारियों की तरफ से कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए.

368 फायरमैन ले रहे प्रशिक्षण: समीक्षा बैठक के दौरान एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा ने बताया कि इस समय 368 फायरमैन प्रशिक्षणाधीन हैं. इसमें 100 पुरुष और 268 महिलाएं हैं. खास बात यह है कि उत्तराखंड फायर सर्विस में महिलाओं को मौका देने वाला देश का आठवां राज्य है. बातचीत के दौरान निर्देश दिए गए कि फायर सर्विस को विभिन्न घटनाओं के दौरान घटनास्थल पर पहुंचने के लिए अपने रिस्पांस टाइम को कम करना होगा. विभिन्न अग्निशमन की गाड़ियों में भी जीपीएस लगाए जाने के निर्देश दिए गए.

आग लगने की आशंका वाले क्षेत्रों का होगा चिन्हीकरण: बैठक के दौरान कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया. इसके अलावा ऐसे क्षेत्र के चिन्हीकरण की बात कही गई, जहां आग लगने की अधिक आशंका रहती है. ऐसे क्षेत्रों के लिए अलग से कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए गए. इसके लिए सभी जिलों में औद्योगिक इकाई और दूसरे भवनों का निरीक्षण करने और यहां फायर सेफ्टी का ऑडिट करने के लिए भी कहा गया. उधर दूसरी तरफ कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए फायर सर्विस प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और इसके लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए. वहीं अग्नि सुरक्षा उपकरणों और इसमें इस्तेमाल होने वाले वाहनों का भी ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए गए.
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