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'एग्जाम फोबिया' को मन से निकालें, प्रिंसिपल आरके पांडे की टेंशन 'फ्री' एग्जाम देने की सलाह

ईटीवी भारत के मिशन एग्जामिनेशन के तहत बच्चों को प्रेरक रियल लाइफ स्टोरी से प्रोत्साहित करने की पहल की जा रही है. छतरपुर में शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों को एग्जाम में एकाग्र चित्त रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं होती है इसलिए बच्चे कभी निराश न हों.

मिशन एग्जामिनेशन
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Published : Feb 17, 2020, 7:57 AM IST

Updated : Feb 17, 2020, 8:09 AM IST

छतरपुर. मिशन एग्जामिनेशन के तहत ईटीवी भारत आने वाले समय में परीक्षाएं देने वाले बच्चों को एक स्वच्छ वातावरण देने की कोशिश कर रहा है. इसी कार्यक्रम के तहत जब ईटीवी भारत की टीम शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे से मिली तो उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से बच्चों को कुछ टिप्स दिए.

छात्र परीक्षा का डर मन से निकालें.

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि जब हम परीक्षा की तैयारी अपने बचपन में करते थे तो परीक्षा जैसे ही नजदीक आती थी तो दिल की धड़कनें बढ़ जाया करती थीं, लेकिन हम घबराते कभी नहीं थे, आत्मविश्वास बनाए रखते थे और लगता था कि हम अच्छे से अच्छा करके दिखाएंगे. जरा भी विचलित हुए बिना और एकाग्र चित्त होकर अपने अध्ययन पर ध्यान लगाते थे और मानकर चलते थे मेहनत करना हमारा काम है और फल देना ईश्वर का काम है.

असफलता से न हों निराश

प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों के लिए कहा कि हम यदि अच्छी मेहनत करेंगे तो अच्छा ही परिणाम मिलेगा, जब उनसे पूछा गया कि कुछ बच्चों के नंबर कम आते हैं तो बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, तो उन्होंने कहा कि मेहनत अधिक करते हैं और अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है, तो ऐसे में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि जीवन में कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं है.

असफलता से फिर मिलता है मौका

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि असफलता से हमें फिर मौका मिलता है, अगर एक बार हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो हमें दोगुने उत्साह से लग जाना चाहिए कि हमें अवश्य सफलता मिलेगी.

यह भी पढ़ेंः AIIMS ऋषिकेश में PG सीट को लेकर शासन को भेजा गया प्रस्ताव, मिलेंगी 24 सीटें

असफलता के बाद सफलता का उदाहरण हम लोग बैठे हैं, हम जब असफल हुए तो हमने दोगने उत्साह से मेहनत की और आप लोगों के सम्मुख उपस्थित हैं.

छतरपुर. मिशन एग्जामिनेशन के तहत ईटीवी भारत आने वाले समय में परीक्षाएं देने वाले बच्चों को एक स्वच्छ वातावरण देने की कोशिश कर रहा है. इसी कार्यक्रम के तहत जब ईटीवी भारत की टीम शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे से मिली तो उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से बच्चों को कुछ टिप्स दिए.

छात्र परीक्षा का डर मन से निकालें.

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि जब हम परीक्षा की तैयारी अपने बचपन में करते थे तो परीक्षा जैसे ही नजदीक आती थी तो दिल की धड़कनें बढ़ जाया करती थीं, लेकिन हम घबराते कभी नहीं थे, आत्मविश्वास बनाए रखते थे और लगता था कि हम अच्छे से अच्छा करके दिखाएंगे. जरा भी विचलित हुए बिना और एकाग्र चित्त होकर अपने अध्ययन पर ध्यान लगाते थे और मानकर चलते थे मेहनत करना हमारा काम है और फल देना ईश्वर का काम है.

असफलता से न हों निराश

प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों के लिए कहा कि हम यदि अच्छी मेहनत करेंगे तो अच्छा ही परिणाम मिलेगा, जब उनसे पूछा गया कि कुछ बच्चों के नंबर कम आते हैं तो बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, तो उन्होंने कहा कि मेहनत अधिक करते हैं और अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है, तो ऐसे में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि जीवन में कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं है.

असफलता से फिर मिलता है मौका

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि असफलता से हमें फिर मौका मिलता है, अगर एक बार हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो हमें दोगुने उत्साह से लग जाना चाहिए कि हमें अवश्य सफलता मिलेगी.

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असफलता के बाद सफलता का उदाहरण हम लोग बैठे हैं, हम जब असफल हुए तो हमने दोगने उत्साह से मेहनत की और आप लोगों के सम्मुख उपस्थित हैं.

Last Updated : Feb 17, 2020, 8:09 AM IST
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