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देहरादून: नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक शिक्षा सुदृढ़ीकरण को लेकर शिक्षकों ने दिखाई ताकत

पुरानी पेंशन योजना बहाल करने और नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक शिक्षा सुदृढ़ीकरण को लेकर शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया. राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में आए शिक्षकों ने नारेबाजी की.

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प्राथमिक शिक्षकों ने दिया धरना
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Published : Jan 20, 2020, 7:17 PM IST

देहरादून: पुरानी पेंशन योजना बहाल करने और नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक शिक्षा सुदृढ़ीकरण को लेकर शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जमकर नारेबाजी की. इस दौरान शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया.

प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने कहा कि राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षा की स्थिति में सुधार और बेहतर शिक्षक परिणामों के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता है. साल 2006 से प्राथमिक शिक्षक विभिन्न स्तरों पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए आंदोलनरत हैं.

प्राथमिक शिक्षकों ने दिया धरना

जबकि सरकार द्वारा शिक्षकों की ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पूर्व में भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन सरकार की उदासीन रवैए ने संगठन को पुनः आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर किया है.

बता दें कि उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ से संबद्ध है. यह भारत के लगभग 30 लाख प्राथमिक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एकमात्र शिक्षक संगठन है.

ये भी पढ़े: विकासनगर: गरीबों की मदद के लिए आगे आया युवा संगठन, बांटे गर्म कपड़े

क्या है शिक्षक संघ की प्रमुख मांगे

  • पुरानी पेंशन योजना तत्काल बहाल की जाए.
  • छठें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुशंसाओ की विसंगतियों को दूर करते हुए सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं में संशोधन करते हुए 1 जनवरी 2016 से पूरे देश के प्राथमिक शिक्षकों के लिए समान रूप से लागू किया जाए.
  • देश के सभी राज्यों में अनुबंधित शिक्षकों, पैरा शिक्षकों, शिक्षा सहायकों, शिक्षामित्रों आदि को 31 मार्च 2021 से पूर्व समायोजित करके समान वेतन सुनिश्चित किया जाए.
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षक विरोधी प्रावधानों को हटाते हुए प्रारंभिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण को सुनिश्चित किया जाए.
  • शिक्षक पात्रता परीक्षा शिक्षकों के व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने से पूर्व आयोजित की जाए.

देहरादून: पुरानी पेंशन योजना बहाल करने और नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक शिक्षा सुदृढ़ीकरण को लेकर शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जमकर नारेबाजी की. इस दौरान शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया.

प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने कहा कि राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षा की स्थिति में सुधार और बेहतर शिक्षक परिणामों के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता है. साल 2006 से प्राथमिक शिक्षक विभिन्न स्तरों पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए आंदोलनरत हैं.

प्राथमिक शिक्षकों ने दिया धरना

जबकि सरकार द्वारा शिक्षकों की ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पूर्व में भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन सरकार की उदासीन रवैए ने संगठन को पुनः आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर किया है.

बता दें कि उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ से संबद्ध है. यह भारत के लगभग 30 लाख प्राथमिक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एकमात्र शिक्षक संगठन है.

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क्या है शिक्षक संघ की प्रमुख मांगे

  • पुरानी पेंशन योजना तत्काल बहाल की जाए.
  • छठें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुशंसाओ की विसंगतियों को दूर करते हुए सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं में संशोधन करते हुए 1 जनवरी 2016 से पूरे देश के प्राथमिक शिक्षकों के लिए समान रूप से लागू किया जाए.
  • देश के सभी राज्यों में अनुबंधित शिक्षकों, पैरा शिक्षकों, शिक्षा सहायकों, शिक्षामित्रों आदि को 31 मार्च 2021 से पूर्व समायोजित करके समान वेतन सुनिश्चित किया जाए.
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षक विरोधी प्रावधानों को हटाते हुए प्रारंभिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण को सुनिश्चित किया जाए.
  • शिक्षक पात्रता परीक्षा शिक्षकों के व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने से पूर्व आयोजित की जाए.
Intro: पुरानी पेंशन योजना बहाल करने और नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक शिक्षा का सुदृढ़ीकरण करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में राज्य भर से आए शिक्षकों ने धरना दिया, इस दौरान शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए मांगों को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया।


Body:उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ एक और शिक्षा की स्थिति में सुधार और बेहतर शिक्षक परिणामों के लिए राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाह रहा है, वहीं वर्ष 2006 से प्राथमिक शिक्षक विभिन्न स्तरों पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए आंदोलनरत हैं, अपनी मांगों को लेकर इससे पूर्व भी शिक्षकों ने भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ से संबद्ध है। जो भारत के लगभग 30 लाख प्राथमिक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एकमात्र शिक्षक संगठन है। ऐसे में सरकार के उदासीन रवैए के चलते संगठन को पुनः आंदोलन की राह पर बाधित किया गया है।
बाईट- दिग्विजय सिंह चौहान ,प्रदेश अध्यक्ष ,उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ


Conclusion:शिक्षक संघ की प्रमुख मांगे इस प्रकार है
पुरानी पेंशन योजना तत्काल बहाल की जाए।

छठे केंद्रीय वेतन आयोग के अनुशंषाओ की विसंगतियों को दूर करते हुए सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं में संशोधन करते हुए 1 जनवरी 2016 से संपूर्ण देश के प्राथमिक शिक्षकों के लिए समान रूप से लागू किया जाए।

देश के सभी राज्यों में अनुबंधित शिक्षकों पैरा शिक्षकों, शिक्षा सहायकों, शिक्षामित्रों आदि को 31 मार्च 2021 से पूर्व समायोजित करके समान वेतन सुनिश्चित किया जाए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षक विरोधी प्रावधानों को हटाते हुए प्रारंभिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण को सुनिश्चित किया जाए।

शिक्षक पात्रता परीक्षा शिक्षकों के व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने से पूर्व आयोजित की जाए।
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