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उत्तराखंड में प्राइमरी स्कूल के बच्चे भूखे पेट करेंगे पढ़ाई, जानिए वजह

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Published : Sep 20, 2021, 10:13 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 10:56 PM IST

भूखे भजन न होय गोपाला…यह कहावत आपने सुनी होगी. ऐसा ही कुछ अब नौनिहालों के साथ होने वाला है. दरअसल, कोविड के चलते प्राइमरी स्कूलों न तो मिड डे मील परोसा जाएगा. न ही बच्चे अपने साथ खाना ले जा सकेंगे.

school open
मिड डे मील

देहरादूनः उत्तराखंड में 21 सितंबर यानी मंगलवार से लंबे समय के बाद छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे. बकायदा राज्य सरकार प्राइमरी स्कूल खोलने को लेकर एसओपी जारी कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी के तहत छोटे बच्चों को भूखा रहना पड़ेगा. जी हां, राज्य सरकार की एसओपी के अनुसार बच्चा न तो स्कूल में खाना ले जा सकेगा और न ही उसे स्कूल में मध्याह्न भोजन मिलेगा. बच्चों को अब भूखे पेट ही स्कूल में पढ़ाई करनी होगी.

बता दें कि राज्य सरकार के आदेश के बाद पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चे मंगलवार से स्कूल जाना शुरू करेंगे. राज्य सरकार के गाइडलाइन मिलने के बाद सभी स्कूल संचालकों ने तैयारियां पूरी कर ली है. प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कोरोना की गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए कक्षा में अतिरिक्त टीचर की व्यवस्था भी की है.

ये भी पढ़ेंः स्कूल चले हम: उत्तराखंड में 21 सितंबर से कक्षा 1 से 5वीं तक के विद्यालय भी खुलेंगे

वहीं, राज्य सरकार के आदेश के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न में मिलने वाला खाना नहीं मिलेगा. साथ ही बच्चा स्कूल में घर से खाना भी नहीं ले जा सकता है. बच्चों को खाना नहीं दिए जाने की निगरानी के लिए शिक्षकों को सतर्कता बरतने को कहा गया है. प्राथमिक विद्यालयों में तीन घंटे तक बच्चे पढ़ेंगे. अधिक बच्चे होने पर दो पालियों में कक्षाएं चलेंगी. कक्षा छह से लेकर आठवीं कक्षा के बच्चे चार घंटे तक स्कूल में पढ़ाई करेंगे.

ये भी पढ़ेंः फीस जमा नहीं कराने पर छात्रों को थमाई टीसी, नाराज अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

अभिभावकों की मानें तो जिस तरह से राज्य सरकार की ओर से आदेश के बाद बच्चों को स्कूल में खाना नहीं मिलेगा, साथ ही अगर बच्चा स्कूल में घर से खाना भी नहीं ले जाएगा तो बच्चे भूख से परेशान हो जाएंगे. साथ ही उसके शरीर में कमजोरी भी हो सकती है. जो बच्चों के लिए ठीक नहीं है. कोरोना का हवाला देते हुए बच्चों के खाने लाने और देने की मनाही है.

देहरादूनः उत्तराखंड में 21 सितंबर यानी मंगलवार से लंबे समय के बाद छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे. बकायदा राज्य सरकार प्राइमरी स्कूल खोलने को लेकर एसओपी जारी कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी के तहत छोटे बच्चों को भूखा रहना पड़ेगा. जी हां, राज्य सरकार की एसओपी के अनुसार बच्चा न तो स्कूल में खाना ले जा सकेगा और न ही उसे स्कूल में मध्याह्न भोजन मिलेगा. बच्चों को अब भूखे पेट ही स्कूल में पढ़ाई करनी होगी.

बता दें कि राज्य सरकार के आदेश के बाद पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चे मंगलवार से स्कूल जाना शुरू करेंगे. राज्य सरकार के गाइडलाइन मिलने के बाद सभी स्कूल संचालकों ने तैयारियां पूरी कर ली है. प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कोरोना की गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए कक्षा में अतिरिक्त टीचर की व्यवस्था भी की है.

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वहीं, राज्य सरकार के आदेश के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न में मिलने वाला खाना नहीं मिलेगा. साथ ही बच्चा स्कूल में घर से खाना भी नहीं ले जा सकता है. बच्चों को खाना नहीं दिए जाने की निगरानी के लिए शिक्षकों को सतर्कता बरतने को कहा गया है. प्राथमिक विद्यालयों में तीन घंटे तक बच्चे पढ़ेंगे. अधिक बच्चे होने पर दो पालियों में कक्षाएं चलेंगी. कक्षा छह से लेकर आठवीं कक्षा के बच्चे चार घंटे तक स्कूल में पढ़ाई करेंगे.

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अभिभावकों की मानें तो जिस तरह से राज्य सरकार की ओर से आदेश के बाद बच्चों को स्कूल में खाना नहीं मिलेगा, साथ ही अगर बच्चा स्कूल में घर से खाना भी नहीं ले जाएगा तो बच्चे भूख से परेशान हो जाएंगे. साथ ही उसके शरीर में कमजोरी भी हो सकती है. जो बच्चों के लिए ठीक नहीं है. कोरोना का हवाला देते हुए बच्चों के खाने लाने और देने की मनाही है.

Last Updated : Sep 20, 2021, 10:56 PM IST
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