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ऋषिकेश: राष्ट्रपति परिवार संग गंगा आरती में शामिल हुए, 'भारत की अस्मिता और गौरव की पहचान है गंगा'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परमार्थ निकेतन पहुंचे हैं, साथ उनकी धर्मपत्नी सविता कोविंद भी हैं. राष्ट्रपति गंगा आरती में शामिल हो रहे हैं

President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
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Published : Nov 28, 2021, 4:21 PM IST

Updated : Nov 28, 2021, 7:53 PM IST

ऋषिकेश: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पर हैं. रविवार शाम राष्ट्रपति कोविंद पत्नी सविता कोविंद के साथ ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पहुंचे और गंगा आरती में शामिल हुए. राष्ट्रपति के आगमन पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने उनका स्वागत किया. इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत भी मौजूद रहे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी कई वर्षो से इच्छा थी कि मैं इस गंगा आरती में सम्मिलित हो सकूं. कोरोना के कारण भी कार्यक्रम टलते गए. लेकिन आज मुझे प्रसन्नता है कि जो मेरा अधूरा कार्य था वो आज पूरा हो गया. मां गंगा के बारे में जितना भी कहा जाए वह कम है. शायद कहने वालों के पास शब्द नहीं है.

परमार्थ निकेतन में राष्ट्रपति कोविंद गंगा आरती में हुए शामिल.

इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने मां गंगा को भारत की अस्मिता बताया है. उन्होंने कहा कि मां गंगा के बिना भारत अधूरा है और भारत के बिना मां गंगा अधूरी है, ये एक ऐसा मिश्रण है या एक दूसरे के पूरक है. राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा न जाने कितने देशों में जाना हुआ, जब हम स्विट्जरलैंड में उनकी राष्ट्रपति महोदया से मिले तो उन्होंने मुझे एक ही सवाल किया कहा कि हमारे स्विट्जरलैंड में हमारे पास पर्याप्त पैसा और समृद्धि है. लेकिन, क्या बात है कि आप के यहां शांति है और हमारे यहां अशांति है. ऐसे में मैंने उत्तर दिया आध्यात्मिकता सबसे श्रेष्ठ है.

आश्रम में हुआ भव्य स्वागत: परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सानिध्य में ऋषि कुमारों और आचार्यों ने तिलक लगाकर, पुष्प वर्षा और शंख ध्वनि से राष्ट्रपति का स्वागत किया.

President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति का स्वागत करते स्वामी चिदानंद सरस्वती.

स्वामी चिदानंद ने कहा कि वर्ष 1953-54 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अभिनन्दन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था. वर्ष 2019 प्रयागराज कुंभ मेला में परमार्थ निकेतन शिविर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनंदन और सानिध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था.

बता दें कि, परमार्थ निकेतन आश्रम को वर्ष 1953-54 में प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के अभिनंदन का सौभाग्य मिला था. उनके साथ तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन यहां आए थे, जो बाद में राष्ट्रपति बने.

स्वामी चिदानंद ने पवित्र रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया. आरती के पश्चात राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद और उनकी बेटी ने पवित्र गंगा में दीप प्रवाहित किए.

सोमवार को देव संस्कृति विवि में रहेंगे राष्ट्रपति: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय में स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर शांतिकुंज एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय में होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. विवि प्रशासन के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विवि प्रांगण में स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद मृत्युंजय सभागार में विवि के प्रमुख पदाधिकारियों एवं आचार्यों के साथ बातचीत करेंगे.

ये भी पढ़ें: पतंजलि विवि: राष्ट्रपति ने 71 छात्र-छात्राओं को दिया गोल्ड मेडल, 700 स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा की उपाधि

राष्ट्रपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय में स्थित एशिया के प्रथम बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र का अवलोकन करेंगे और प्रांगण में रुद्राक्ष का पौधा लगाएंगे. इसके बाद वह गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचेंगे. वहां युग ऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा के कक्ष का दर्शन करेंगे.

ऋषिकेश: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पर हैं. रविवार शाम राष्ट्रपति कोविंद पत्नी सविता कोविंद के साथ ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पहुंचे और गंगा आरती में शामिल हुए. राष्ट्रपति के आगमन पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने उनका स्वागत किया. इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत भी मौजूद रहे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी कई वर्षो से इच्छा थी कि मैं इस गंगा आरती में सम्मिलित हो सकूं. कोरोना के कारण भी कार्यक्रम टलते गए. लेकिन आज मुझे प्रसन्नता है कि जो मेरा अधूरा कार्य था वो आज पूरा हो गया. मां गंगा के बारे में जितना भी कहा जाए वह कम है. शायद कहने वालों के पास शब्द नहीं है.

परमार्थ निकेतन में राष्ट्रपति कोविंद गंगा आरती में हुए शामिल.

इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने मां गंगा को भारत की अस्मिता बताया है. उन्होंने कहा कि मां गंगा के बिना भारत अधूरा है और भारत के बिना मां गंगा अधूरी है, ये एक ऐसा मिश्रण है या एक दूसरे के पूरक है. राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा न जाने कितने देशों में जाना हुआ, जब हम स्विट्जरलैंड में उनकी राष्ट्रपति महोदया से मिले तो उन्होंने मुझे एक ही सवाल किया कहा कि हमारे स्विट्जरलैंड में हमारे पास पर्याप्त पैसा और समृद्धि है. लेकिन, क्या बात है कि आप के यहां शांति है और हमारे यहां अशांति है. ऐसे में मैंने उत्तर दिया आध्यात्मिकता सबसे श्रेष्ठ है.

आश्रम में हुआ भव्य स्वागत: परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सानिध्य में ऋषि कुमारों और आचार्यों ने तिलक लगाकर, पुष्प वर्षा और शंख ध्वनि से राष्ट्रपति का स्वागत किया.

President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति का स्वागत करते स्वामी चिदानंद सरस्वती.

स्वामी चिदानंद ने कहा कि वर्ष 1953-54 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अभिनन्दन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था. वर्ष 2019 प्रयागराज कुंभ मेला में परमार्थ निकेतन शिविर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनंदन और सानिध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था.

बता दें कि, परमार्थ निकेतन आश्रम को वर्ष 1953-54 में प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के अभिनंदन का सौभाग्य मिला था. उनके साथ तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन यहां आए थे, जो बाद में राष्ट्रपति बने.

स्वामी चिदानंद ने पवित्र रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया. आरती के पश्चात राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद और उनकी बेटी ने पवित्र गंगा में दीप प्रवाहित किए.

सोमवार को देव संस्कृति विवि में रहेंगे राष्ट्रपति: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय में स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर शांतिकुंज एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय में होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. विवि प्रशासन के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विवि प्रांगण में स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद मृत्युंजय सभागार में विवि के प्रमुख पदाधिकारियों एवं आचार्यों के साथ बातचीत करेंगे.

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राष्ट्रपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय में स्थित एशिया के प्रथम बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र का अवलोकन करेंगे और प्रांगण में रुद्राक्ष का पौधा लगाएंगे. इसके बाद वह गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचेंगे. वहां युग ऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा के कक्ष का दर्शन करेंगे.

Last Updated : Nov 28, 2021, 7:53 PM IST
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