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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में किया रुद्राभिषेक, नक्षत्र वाटिका का किया उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu Uttarakhand Tour) उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं. आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन स्थित राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर (Dehradun Raj pragyeshwar Mahadev Temple) में 'रुद्राभिषेक' किया. साथ ही राष्ट्रपति ने राजभवन में नक्षत्र वाटिका का भी उद्घाटन किया.

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Published : Dec 9, 2022, 11:20 AM IST

Updated : Dec 9, 2022, 1:54 PM IST

देहरादून: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu Uttarakhand Tour) उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं. आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन स्थित राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर (Dehradun Raj pragyeshwar Mahadev Temple) में 'रुद्राभिषेक' किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के साथ राज्यपाल (Uttarakhand Governor) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) की उपस्थिति में राजभवन में नक्षत्र वाटिका का भी उद्घाटन किया.

नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों से संबंधित 27 पौधों को स्थान दिया गया है, जिसमें कुचिला, आंवला, गूलर, जामुन, खैर, अगर, बांस, पीपल, नागकेसर, बरगद, ढ़ाक, पाकड़, चमेली, बेल, अर्जुन, हर श्रृंगार, मौलश्री, सेमल, साल, सीता अशेक, कटहल, मदार, शमी, कदम्ब, नीम, आम, महुआ पौधे शामिल हैं, जो कि भारतीय आध्यात्म, प्राचीन ज्ञान और प्रकृति संरक्षण का अनूठा मिश्रण है.

नक्षत्र वाटिका का विवरण: आध्यात्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में राजभवन देहरादून में 'नक्षत्र वाटिका' की स्थापना की गई है. प्राचीन काल से धरती के ऊपर आकाश को 360 डिग्री में बांटा गया है. यदि हम 360 डिग्री को 27 भागों में बांटते हैं तो इसकी प्रत्येक इकाई 13.33 डिग्री (13 डिग्री 20 मिनट) के रूप में आती है. इस प्रत्येक इकाई का एक नक्षत्र बनाया गया है. अब यदि 360 डिग्री को 12 भागों (राशियों) में बांटते हैं तो प्रत्येक राशि चिह्न 30 डिग्री के रूप होता है, जिससे हम 12 अलग-अलग राशियों के नाम से जानते हैं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देहरादून दौरा

प्रत्येक नक्षत्र को 4 चरण या पाद में समान रूप से विभाजित किया जाता है. इन नक्षत्रों की पहचान आसमान के तारों की स्थिति व विन्यास से की जाती है, जिस प्रकार समुद्र में प्रवाह मान जहाज की स्थिति देशांतर रेखा व्यक्त करती है उसी तरह पृथ्वी के निकट भ्रमण पिंडों (ग्रहों) की स्थिति नक्षत्रों द्वारा व्यक्त की जाती है. नक्षत्र वाटिका में इन्हीं 27 नक्षत्रों से संबंधित 27 पौधों को स्थान दिया गया है जो कि भारतीय आध्यात्म, प्राचीन ज्ञान और प्रकृति संरक्षण का अनूठा मिश्रण है.
पढ़ें- राष्ट्रपति मुर्मू ने देवभूमि की माटी और वीरों को किया याद, CM ने भेंट की कंडाली के रेशों से बनी शॉल

इन्हीं 27 नक्षत्रों के माध्यम से भारतीय ज्योतिष में नवग्रहों और 12 राशियों की स्थिति और चाल का आंकलन किया जाता हैं. प्रत्येक ग्रह एवं राशि के लिए भी एक वनस्पति अथवा पौधे की पहचान की गई है, इसलिये वाटिका में 9 ग्रहों, 12 राशियों से संबधित पौधों तथा त्रिगुणात्मक देव के प्रतीक के रूप में तीन पौधों, कुल 51 पौधों को स्थान दिया गया है. इन नक्षत्रों, ग्रहों तथा राशियों से सम्बन्ध रखने वाले वृक्षों के नाम आयुर्वेदिक, पौराणिक, ज्योतिषीय ग्रन्थों में मिलते हैं. इन ग्रन्थों में वर्णन है कि जन्म नक्षत्र के वृक्ष की सेवा व वृद्धि करने से मनुष्य का कल्याण होता है.

President Draupadi Murmu
प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक करतीं राष्ट्रपति.

ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को उसके नक्षत्र एवं राशि से सम्बन्धित पौधे को लगाकर उसकी देखभाल करनी चाहिए. यह भी माना जाता है कि यह सभी वृक्ष प्रजातियां अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन प्रदान करती हैं और इसलिए इन वृक्षों के पास बैठने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. इन वृक्षों की प्रजातियां एंटीऑक्सीडेन्ड, फ्लेवोनोइड, तारपीन व टैनिन नामक द्वितीयक चयापचयों (Secondary metabolites) से समृद्ध हैं और इनका प्रयोग पारम्परिक उपचार प्रणालियों में व्यापक रूप से किया जाता है. राजभवन नक्षत्र वटिका के रूप में इन प्रजातियों के संरक्षण से जैव विविधता को समृद्ध करने की अनुपम पहल है.

President Draupadi Murmu
राजभवन में नक्षत्र वाटिका का भी उद्घाटन.

राष्ट्रपति का पहला उत्तराखंड दौरा: गौर हो कि बीते दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर देहरादून (President Draupadi Murmu Dehradun Tour) पहुंची और एयरपोर्ट पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया. इसके बाद एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देहरादून में उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति को कंडाली के रेशों से बनी हुई शॉल भेंट किया.

President Draupadi Murmu
नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों से संबंधित 27 पौधों को स्थान दिया गया है.

पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू ने देवभूमि उत्तराखंड को विकास की सौगात देते हुए 2001.94 करोड़ रुपए की 9 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की एक समृद्ध संस्कृति रही है. इनका विकास होना चाहिए. इन्हें बढ़ावा मिलना चाहिए और आगे लाना चाहिए. ये हमारा कर्तव्य है. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देवभूमि, तपोभूमि और वीरभूमि उत्तराखंड में आना, मैं अपना सौभाग्य मानती हूं. हिमालय को महाकवि कालिदास ने ‘देवात्मा’ कहा है. राष्ट्रपति के रूप में हिमालय के आंगन, उत्तराखंड में, आप सब के आथित्य सत्कार का उपहार प्राप्त करके, मैं स्वयं को कृतार्थ मानती हूं.

President Draupadi Murmu
नक्षत्र वाटिका में पौधों को पानी देतीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू.

राष्ट्रपति ने विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से लोगों के लिए जन-सुविधाएं बढ़ेंगी. उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के सुव्यवस्थित मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऊर्जावान नेतृत्व में उत्तराखंड समग्र विकास के पथ पर अग्रसर है. राज्य के विकास की इस यात्रा में उत्तराखंड के परिश्रमी और प्रतिभाशाली निवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है.

देहरादून: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu Uttarakhand Tour) उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं. आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन स्थित राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर (Dehradun Raj pragyeshwar Mahadev Temple) में 'रुद्राभिषेक' किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के साथ राज्यपाल (Uttarakhand Governor) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) की उपस्थिति में राजभवन में नक्षत्र वाटिका का भी उद्घाटन किया.

नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों से संबंधित 27 पौधों को स्थान दिया गया है, जिसमें कुचिला, आंवला, गूलर, जामुन, खैर, अगर, बांस, पीपल, नागकेसर, बरगद, ढ़ाक, पाकड़, चमेली, बेल, अर्जुन, हर श्रृंगार, मौलश्री, सेमल, साल, सीता अशेक, कटहल, मदार, शमी, कदम्ब, नीम, आम, महुआ पौधे शामिल हैं, जो कि भारतीय आध्यात्म, प्राचीन ज्ञान और प्रकृति संरक्षण का अनूठा मिश्रण है.

नक्षत्र वाटिका का विवरण: आध्यात्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में राजभवन देहरादून में 'नक्षत्र वाटिका' की स्थापना की गई है. प्राचीन काल से धरती के ऊपर आकाश को 360 डिग्री में बांटा गया है. यदि हम 360 डिग्री को 27 भागों में बांटते हैं तो इसकी प्रत्येक इकाई 13.33 डिग्री (13 डिग्री 20 मिनट) के रूप में आती है. इस प्रत्येक इकाई का एक नक्षत्र बनाया गया है. अब यदि 360 डिग्री को 12 भागों (राशियों) में बांटते हैं तो प्रत्येक राशि चिह्न 30 डिग्री के रूप होता है, जिससे हम 12 अलग-अलग राशियों के नाम से जानते हैं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देहरादून दौरा

प्रत्येक नक्षत्र को 4 चरण या पाद में समान रूप से विभाजित किया जाता है. इन नक्षत्रों की पहचान आसमान के तारों की स्थिति व विन्यास से की जाती है, जिस प्रकार समुद्र में प्रवाह मान जहाज की स्थिति देशांतर रेखा व्यक्त करती है उसी तरह पृथ्वी के निकट भ्रमण पिंडों (ग्रहों) की स्थिति नक्षत्रों द्वारा व्यक्त की जाती है. नक्षत्र वाटिका में इन्हीं 27 नक्षत्रों से संबंधित 27 पौधों को स्थान दिया गया है जो कि भारतीय आध्यात्म, प्राचीन ज्ञान और प्रकृति संरक्षण का अनूठा मिश्रण है.
पढ़ें- राष्ट्रपति मुर्मू ने देवभूमि की माटी और वीरों को किया याद, CM ने भेंट की कंडाली के रेशों से बनी शॉल

इन्हीं 27 नक्षत्रों के माध्यम से भारतीय ज्योतिष में नवग्रहों और 12 राशियों की स्थिति और चाल का आंकलन किया जाता हैं. प्रत्येक ग्रह एवं राशि के लिए भी एक वनस्पति अथवा पौधे की पहचान की गई है, इसलिये वाटिका में 9 ग्रहों, 12 राशियों से संबधित पौधों तथा त्रिगुणात्मक देव के प्रतीक के रूप में तीन पौधों, कुल 51 पौधों को स्थान दिया गया है. इन नक्षत्रों, ग्रहों तथा राशियों से सम्बन्ध रखने वाले वृक्षों के नाम आयुर्वेदिक, पौराणिक, ज्योतिषीय ग्रन्थों में मिलते हैं. इन ग्रन्थों में वर्णन है कि जन्म नक्षत्र के वृक्ष की सेवा व वृद्धि करने से मनुष्य का कल्याण होता है.

President Draupadi Murmu
प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक करतीं राष्ट्रपति.

ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को उसके नक्षत्र एवं राशि से सम्बन्धित पौधे को लगाकर उसकी देखभाल करनी चाहिए. यह भी माना जाता है कि यह सभी वृक्ष प्रजातियां अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन प्रदान करती हैं और इसलिए इन वृक्षों के पास बैठने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. इन वृक्षों की प्रजातियां एंटीऑक्सीडेन्ड, फ्लेवोनोइड, तारपीन व टैनिन नामक द्वितीयक चयापचयों (Secondary metabolites) से समृद्ध हैं और इनका प्रयोग पारम्परिक उपचार प्रणालियों में व्यापक रूप से किया जाता है. राजभवन नक्षत्र वटिका के रूप में इन प्रजातियों के संरक्षण से जैव विविधता को समृद्ध करने की अनुपम पहल है.

President Draupadi Murmu
राजभवन में नक्षत्र वाटिका का भी उद्घाटन.

राष्ट्रपति का पहला उत्तराखंड दौरा: गौर हो कि बीते दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर देहरादून (President Draupadi Murmu Dehradun Tour) पहुंची और एयरपोर्ट पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया. इसके बाद एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देहरादून में उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति को कंडाली के रेशों से बनी हुई शॉल भेंट किया.

President Draupadi Murmu
नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों से संबंधित 27 पौधों को स्थान दिया गया है.

पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू ने देवभूमि उत्तराखंड को विकास की सौगात देते हुए 2001.94 करोड़ रुपए की 9 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की एक समृद्ध संस्कृति रही है. इनका विकास होना चाहिए. इन्हें बढ़ावा मिलना चाहिए और आगे लाना चाहिए. ये हमारा कर्तव्य है. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देवभूमि, तपोभूमि और वीरभूमि उत्तराखंड में आना, मैं अपना सौभाग्य मानती हूं. हिमालय को महाकवि कालिदास ने ‘देवात्मा’ कहा है. राष्ट्रपति के रूप में हिमालय के आंगन, उत्तराखंड में, आप सब के आथित्य सत्कार का उपहार प्राप्त करके, मैं स्वयं को कृतार्थ मानती हूं.

President Draupadi Murmu
नक्षत्र वाटिका में पौधों को पानी देतीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू.

राष्ट्रपति ने विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से लोगों के लिए जन-सुविधाएं बढ़ेंगी. उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के सुव्यवस्थित मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऊर्जावान नेतृत्व में उत्तराखंड समग्र विकास के पथ पर अग्रसर है. राज्य के विकास की इस यात्रा में उत्तराखंड के परिश्रमी और प्रतिभाशाली निवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है.

Last Updated : Dec 9, 2022, 1:54 PM IST
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