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उत्तराखंड के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, प्रोटोकॉल तोड़ दिव्यांग प्रदीप नेगी को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने हरिद्वार के प्रदीप नेगी और कुमाऊं से कौस्तुभ जोशी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया. ये वही दिव्यांग शिक्षक प्रदीप नेगी हैं, जिन्हें पुरस्कार देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटोकॉल तोड़कर मंच से उतरकर उन्हें सम्मानित किया.

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दो शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
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Published : Sep 5, 2022, 12:04 PM IST

Updated : Sep 6, 2022, 8:16 PM IST

देहरादून: आज 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (teachers day on 5 september) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान (National Awards to Teachers 2022) देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया. उत्तराखंड से हरिद्वार के प्रदीप नेगी और कुमाऊं से कौस्तुभ जोशी का चयन किया गया. जिन्हें शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया. ये वही दिव्यांग शिक्षक प्रदीप नेगी हैं, जिन्हें पुरस्कार देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटोकॉल तोड़कर मंच से उतरकर उन्हें सम्मानित किया. वहीं, सीएम धामी ने भी प्रदीप नेगी और कौस्तुभ जोशी को पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है.

दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 प्रदान किया गया है. इसके साथ ही अवॉर्ड पाने वाले 46 शिक्षकों में जिन 6 शिक्षकों का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंटरेक्शन के लिए हुआ था, उनमें उत्तराखंड के प्रदीप नेगी भी शामिल हैं. जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके शिक्षण कार्य को लेकर जानकारी हासिल की है.

प्रोटोकॉल तोड़ दिव्यांग प्रदीप नेगी को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित.

पढ़ें: उत्तराखंड के दो शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित

पीएम मोदी ने पूछे दो प्रश्न: शिक्षक प्रदीप नेगी ने बताया कि पीएम से हुई बातचीत के दौरान उनसे शिक्षण कार्य से संबंधित दो प्रश्न पीएम मोदी ने पूछे. पहला सवाल पीएम ने प्रदीप नेगी से पूछा कि जो आप ऑनलाइन शिक्षण कार्य को बढ़ावा दे रहे हैं, उसमें दूसरे राज्यों के भी छात्र-छात्राएं जुड़े हैं, उनसे आप कैसे संपर्क करते हैं.

इस पर प्रदीप नेगी ने पीएम को बताया कि इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया में कई ग्रुप बनाए हुए हैं. जिसके जरिए वे दूसरे जिले, राज्यों के स्टूड़ेंट्स जुड़े हुए हैं. जिनको वे अपने नवाचार के बारे में जानकारी देते हैं. इसके लिए वे अपने साथ के टीचर और अन्य लोगों की मदद लेते हैं. जिसके जरिए वे अपने ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकें.

प्रदीप नेगी से पीएम नरेंद्र मोदी ने दूसरा प्रश्न पूछा कि आप के नवाचार के तरीके को नई एजुकेशन पॉलिसी में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रदीप नेगी ने बताया कि आईसीटी के जरिए वे जो भी काम और नवाचार कर रहे हैं, नई एजुकेशन पॉलिसी में इसी तरह से पढ़ाई के प्रचार प्रसार का काम होना है. नई एजुकेशन पॉलिसी में सबसे ज्यादा नवाचार और ऑनलाइन शिक्षण के तरीकों का ही इस्तेमाल है. ऐसे में उनके ये प्रयोग और नवाचार के तरीके इस्तेमाल हो सकते हैं.

स्कूल आकर देखूंगा आपके काम: अध्यापक प्रदीप नेगी एकेश्वर ब्लॉक के भंडारी गांव पौड़ी गढ़वाल निवासी हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षक प्रदीप नेगी से कहा कि वह उनके स्कूल में आकर वहां किए गए कार्यों को कभी जरूर देखेंगे. इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी शिक्षक प्रदीप नेगी को स्कूल में आकर कार्य देखने की बात कहीं.

दिव्यांग प्रदीप नेगी को जाने: राजकीय इंटर कॉलेज भेल में तैनात अध्यापक प्रदीप नेगी एकेश्वर ब्लॉक के भंडारी गांव पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं. महज दो वर्ष की आयु में उन्हें पोलियो ने जकड़ लिया था. जिससे उनका एक पैर दिव्यांग हो गया. लेकिन उन्होंने दिव्यांगता के आगे कभी हार नहीं मानी.

उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 1998 को उनका चयन बतौर सहायक अध्यापक के पद पर अति दुर्गम हाई स्कूल जयखाल बोरगांव पौड़ी गढ़वाल में हुआ. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चलने फिरने में असमर्थ होने के बाद भी अपने कर्तव्य पर डटे रहे. बाद में उनका ट्रांसफर राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की हो गया. 20 दिसंबर 2006 को उनका चयन अर्थशास्त्र के प्रवक्ता पद हुआ. अध्यापन कार्य के साथ ही ऑनलाइन पाठ्य सामग्री निर्माण करने अहम भूमिका निभा चुके हैं.

राष्ट्रपति पुरस्कार भी ले चुके नेगी: शिक्षक प्रदीप नेगी ने शिक्षा के क्षेत्र में नवीन तकनीक आईसीटी में ऑनलाइन शिक्षा के कई नवाचार प्रयोग किए. जिससे उन्हें आईसीटी (इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) में उत्कृष्ट प्रयोग के लिए वर्ष 2014 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है. वर्ष 2016 में राज्य विकलांग पुरस्कार के लिए चुना गया. इसके अलावा भी उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थाओं ने सम्मानित किया है.

देहरादून: आज 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (teachers day on 5 september) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान (National Awards to Teachers 2022) देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया. उत्तराखंड से हरिद्वार के प्रदीप नेगी और कुमाऊं से कौस्तुभ जोशी का चयन किया गया. जिन्हें शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया. ये वही दिव्यांग शिक्षक प्रदीप नेगी हैं, जिन्हें पुरस्कार देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटोकॉल तोड़कर मंच से उतरकर उन्हें सम्मानित किया. वहीं, सीएम धामी ने भी प्रदीप नेगी और कौस्तुभ जोशी को पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है.

दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 प्रदान किया गया है. इसके साथ ही अवॉर्ड पाने वाले 46 शिक्षकों में जिन 6 शिक्षकों का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंटरेक्शन के लिए हुआ था, उनमें उत्तराखंड के प्रदीप नेगी भी शामिल हैं. जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके शिक्षण कार्य को लेकर जानकारी हासिल की है.

प्रोटोकॉल तोड़ दिव्यांग प्रदीप नेगी को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित.

पढ़ें: उत्तराखंड के दो शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित

पीएम मोदी ने पूछे दो प्रश्न: शिक्षक प्रदीप नेगी ने बताया कि पीएम से हुई बातचीत के दौरान उनसे शिक्षण कार्य से संबंधित दो प्रश्न पीएम मोदी ने पूछे. पहला सवाल पीएम ने प्रदीप नेगी से पूछा कि जो आप ऑनलाइन शिक्षण कार्य को बढ़ावा दे रहे हैं, उसमें दूसरे राज्यों के भी छात्र-छात्राएं जुड़े हैं, उनसे आप कैसे संपर्क करते हैं.

इस पर प्रदीप नेगी ने पीएम को बताया कि इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया में कई ग्रुप बनाए हुए हैं. जिसके जरिए वे दूसरे जिले, राज्यों के स्टूड़ेंट्स जुड़े हुए हैं. जिनको वे अपने नवाचार के बारे में जानकारी देते हैं. इसके लिए वे अपने साथ के टीचर और अन्य लोगों की मदद लेते हैं. जिसके जरिए वे अपने ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकें.

प्रदीप नेगी से पीएम नरेंद्र मोदी ने दूसरा प्रश्न पूछा कि आप के नवाचार के तरीके को नई एजुकेशन पॉलिसी में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रदीप नेगी ने बताया कि आईसीटी के जरिए वे जो भी काम और नवाचार कर रहे हैं, नई एजुकेशन पॉलिसी में इसी तरह से पढ़ाई के प्रचार प्रसार का काम होना है. नई एजुकेशन पॉलिसी में सबसे ज्यादा नवाचार और ऑनलाइन शिक्षण के तरीकों का ही इस्तेमाल है. ऐसे में उनके ये प्रयोग और नवाचार के तरीके इस्तेमाल हो सकते हैं.

स्कूल आकर देखूंगा आपके काम: अध्यापक प्रदीप नेगी एकेश्वर ब्लॉक के भंडारी गांव पौड़ी गढ़वाल निवासी हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षक प्रदीप नेगी से कहा कि वह उनके स्कूल में आकर वहां किए गए कार्यों को कभी जरूर देखेंगे. इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी शिक्षक प्रदीप नेगी को स्कूल में आकर कार्य देखने की बात कहीं.

दिव्यांग प्रदीप नेगी को जाने: राजकीय इंटर कॉलेज भेल में तैनात अध्यापक प्रदीप नेगी एकेश्वर ब्लॉक के भंडारी गांव पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं. महज दो वर्ष की आयु में उन्हें पोलियो ने जकड़ लिया था. जिससे उनका एक पैर दिव्यांग हो गया. लेकिन उन्होंने दिव्यांगता के आगे कभी हार नहीं मानी.

उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 1998 को उनका चयन बतौर सहायक अध्यापक के पद पर अति दुर्गम हाई स्कूल जयखाल बोरगांव पौड़ी गढ़वाल में हुआ. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चलने फिरने में असमर्थ होने के बाद भी अपने कर्तव्य पर डटे रहे. बाद में उनका ट्रांसफर राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की हो गया. 20 दिसंबर 2006 को उनका चयन अर्थशास्त्र के प्रवक्ता पद हुआ. अध्यापन कार्य के साथ ही ऑनलाइन पाठ्य सामग्री निर्माण करने अहम भूमिका निभा चुके हैं.

राष्ट्रपति पुरस्कार भी ले चुके नेगी: शिक्षक प्रदीप नेगी ने शिक्षा के क्षेत्र में नवीन तकनीक आईसीटी में ऑनलाइन शिक्षा के कई नवाचार प्रयोग किए. जिससे उन्हें आईसीटी (इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) में उत्कृष्ट प्रयोग के लिए वर्ष 2014 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है. वर्ष 2016 में राज्य विकलांग पुरस्कार के लिए चुना गया. इसके अलावा भी उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थाओं ने सम्मानित किया है.

Last Updated : Sep 6, 2022, 8:16 PM IST
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