देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है. ऐसे में सामान्य मरीजों की परेशानी को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) के बाद अब आईपीडी (इनपेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाओं को बाहल करने की तैयारी कर रहा है. पहले चरण में सिर्फ नॉन सर्जिकल आईपीडी ही शुरू की जाएगी. इसके बाद अन्य विभागों की आईपीडी पर विचार किया जाना है. ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) पहले ही खोल दी गई थी.
बता दें कि बीते साल मार्च में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बाद दून मेडिकल कॉलेज को कोविड हॉस्पिटल में परिवर्तित कर दिया गा था. इसके बाद से ही यहां पर सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों की इलाज किया जा रहा था. अब कोरोना की रफ्तार में काफी कमी आई है. एक्टिव केस भी काफी कम हो गए हैं. ऐसे में दून मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एक फरवरी से आईपीडी खोले जाने का निर्णय लिया है.
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दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना के मुताबिक एक्टिव केसों में काफी कमी आई है. इसीलिए पहले की तरह व्यवस्थाएं बनाई जा रही है. अभी ओटी खोले जाने तक ऑपरेशन के मरीजों को इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि अभी कोविड में चिकित्सक और स्टाफ व्यस्त हैं. ऐसे में ओटी खोलने के लिए तमाम संसाधनों की जरूरत होती है. इसलिए फिलहाल चरणबद्ध तरीके से आईपीडी शुरू करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग स्टाफ की व्यवस्था की गई है. एक फरवरी को आईपीडी खोले जाने को लेकर अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉक्टर एन एस खत्री को समुचित व्यवस्थाओं के निर्देश दिए गए हैं.
इसके साथ ही मरीजों को सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में सीटी एंजियोग्राफी भी शुरू कर दी गई है. इसी क्रम में गुरुवार को पहली बार दोनों हाथों की एंजियोग्राफी की गई है. रेडियोलॉजी प्रभारी और अस्पताल के पीआरओ महेंद्र भंडारी के अनुसार जो जांच प्राइवेट लैब में 10 से 15 हजार रुपए के बीच में होती है, वो जांच दो चिकित्सालय में 4 हजार रुपये में की जाएगी.