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इन मांगों को लेकर पीआरडी जवानों ने किया सीएम आवास कूच, रोके जाने पर पुलिस के साथ नोकझोंक

देहरादून में प्रांतीय रक्षक दल (PRD jawans) के जवानों ने मानदेय बढ़ाने, साल भर नौकरी, पीएफ समेत कई मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच (PRD jawans march to CM residence in dehardun) किया, लेकिन पुलिस ने पीआरडी जवानों को बैरिकेडिंग लगाकर रोका. जहां पुलिस के साथ पीआरडी जवानों की नोकझोंक भी हुई.

PRD jawans march to CM residence in dehardun
पीआरडी जवानों ने किया सीएम आवास कूच
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Published : Nov 30, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 5:49 PM IST

देहरादूनः प्रांतीय रक्षक दल (Prantiya Rakshak Dal) यानी पीआरडी के जवानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में पीआरडी जवानों ने आज मुख्यमंत्री आवास कूच (PRD jawans march to CM residence in dehardun) किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. पीआरडी जवान मानदेय बढ़ाने, साल भर नौकरी, पीएफ समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

बता दें कि मंगलवार सुबह पीआरडी के जवान (PRD jawans) देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए. जहां उन्होंने एक सभा का आयोजन किया और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीआरडी जवान मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए दिलाराम चौक से होते हुए हाथीबड़कला पहुंचे. जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर पीआरडी जवानों को रोक दिया.

पीआरडी जवानों ने किया सीएम आवास कूच.

ये भी पढ़ेंः PWD संविदा कर्मचारियों का सचिवालय कूच, सरकार से नियमित करने की मांग

हाथीबड़कला में रोके जाने पर जवानों की पुलिस कर्मियों के साथ नोकझोंक भी हुई. इतना ही नहीं नाराज पीआरडी जवान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी (prd jawan protest against govt for demanding increase honorarium) शुरू कर दी. पीआरडी रक्षक दल के उत्तरकाशी के अध्यक्ष किशन रावत का कहना है कि कोरोनाकाल में उन्होंने अपने परिवार और बच्चों की परवाह न करते हुए अपनी सेवाएं दी है, लेकिन उनकी उपेक्षा की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः मानदेय बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर भोजन माताओं ने सचिवालय के बाहर किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि पीआरडी जवानों को जब चाहे साल भर में 2-3 महीने ड्यूटी दी जाती है. जबकि, पूरे साल भर बेरोजगार कर दिया जाता है. इससे जवानों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि 365 दिन का रोजगार न मिलने से उनके सामने परिवार और बच्चों का पालन पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया है, जो कि पीआरडी जवानों के साथ घोर अन्याय है.

उत्तराखंड पीआरडी जवानों की मुख्य मांगे -

  • मार्च 2021 तक के सभी प्रशिक्षित पीआरडी जवानों को 365 दिन का रोजगार और राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
  • युवा कल्याण विभाग से पीआरडी विभाग को पृथक किया जाए.
  • मार्च 2021 तक के सभी प्रशिक्षित जवानों को 365 दिन का रोजगार नहीं मिलता, तब तक सरकार की ओर से नई भर्ती न करवाई जाए.

देहरादूनः प्रांतीय रक्षक दल (Prantiya Rakshak Dal) यानी पीआरडी के जवानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में पीआरडी जवानों ने आज मुख्यमंत्री आवास कूच (PRD jawans march to CM residence in dehardun) किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. पीआरडी जवान मानदेय बढ़ाने, साल भर नौकरी, पीएफ समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

बता दें कि मंगलवार सुबह पीआरडी के जवान (PRD jawans) देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए. जहां उन्होंने एक सभा का आयोजन किया और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीआरडी जवान मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए दिलाराम चौक से होते हुए हाथीबड़कला पहुंचे. जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर पीआरडी जवानों को रोक दिया.

पीआरडी जवानों ने किया सीएम आवास कूच.

ये भी पढ़ेंः PWD संविदा कर्मचारियों का सचिवालय कूच, सरकार से नियमित करने की मांग

हाथीबड़कला में रोके जाने पर जवानों की पुलिस कर्मियों के साथ नोकझोंक भी हुई. इतना ही नहीं नाराज पीआरडी जवान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी (prd jawan protest against govt for demanding increase honorarium) शुरू कर दी. पीआरडी रक्षक दल के उत्तरकाशी के अध्यक्ष किशन रावत का कहना है कि कोरोनाकाल में उन्होंने अपने परिवार और बच्चों की परवाह न करते हुए अपनी सेवाएं दी है, लेकिन उनकी उपेक्षा की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः मानदेय बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर भोजन माताओं ने सचिवालय के बाहर किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि पीआरडी जवानों को जब चाहे साल भर में 2-3 महीने ड्यूटी दी जाती है. जबकि, पूरे साल भर बेरोजगार कर दिया जाता है. इससे जवानों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि 365 दिन का रोजगार न मिलने से उनके सामने परिवार और बच्चों का पालन पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया है, जो कि पीआरडी जवानों के साथ घोर अन्याय है.

उत्तराखंड पीआरडी जवानों की मुख्य मांगे -

  • मार्च 2021 तक के सभी प्रशिक्षित पीआरडी जवानों को 365 दिन का रोजगार और राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
  • युवा कल्याण विभाग से पीआरडी विभाग को पृथक किया जाए.
  • मार्च 2021 तक के सभी प्रशिक्षित जवानों को 365 दिन का रोजगार नहीं मिलता, तब तक सरकार की ओर से नई भर्ती न करवाई जाए.
Last Updated : Nov 30, 2021, 5:49 PM IST
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