देहरादूनः बीती 22 फरवरी को अंसल ग्रीन वैली में सोसायटी के सचिव प्रवीण भारद्वाज के घर में घुसकर मारपीट करने का मामला गरमा गया है. मारपीट का आरोप बीजेपी पार्षदों पर लगा है. ऐसे में दोनों पक्षों के आरोप और प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस मामले में सोसाइटी के सचिव प्रवीण भारद्वाज पर पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका है, जबकि स्थानीय पार्षद संजय नौटियाल की तहरीर पर भी पुलिस ने 21 लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. दोनों पक्ष अपने-अपने परिवार की जान का खतरा बताकर सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इस पूरे मामले में नगर निगम के साथ पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है. घटना मंदिर की दीवार से अतिक्रमण हटाने को लेकर है.
ये था मामलाः बता दें कि देहरादून की अंसल ग्रीन वैली में बीती 22 फरवरी को सोसायटी के सचिव प्रवीण भारद्वाज के घर पर बीजेपी के प्रत्याशी समेत अन्य लोग जमा हुए थे. उनके साथ अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम की एक टीम भी जेसीबी लेकर पहुंची थी. तभी मंदिर की दीवार से अतिक्रमण हटाने को लेकर विवाद शुरू हो गया. विवाद इतना बढ़ गया था कि स्थानीय पार्षद संजय नौटियाल के साथ बीजेपी के अन्य पार्षद, पुलिस के सामने ही भिड़ गए. इस दौरान जमकर मारपीट हुई थी. जिसका वीडियो वायरल भी हुआ.
बीजेपी पार्षदों समेत 21 लोगों पर केस दर्जः इस मामले में सत्ताधारी पार्टी के पार्षदों ने सचिव प्रवीण भारद्वाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें तीन अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. जबकि, प्रवीण भारद्वाज ने एक क्रॉस मुकदमा 24 फरवरी को घर में घुसकर मारपीट के आरोप लगाते हुए 5 बीजेपी पार्षदों समेत 21 लोगों के खिलाफ तहरीर दी. जिस पर पुलिस ने साथ अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
नगर निगम की भूमिका संदिग्धः 22 फरवरी को हुई इस घटना में सबसे ज्यादा संदिग्ध भूमिका नगर निगम की ही दिखाई दे रही है. जो जेसीबी के साथ अतिक्रमण हटाने के लिए सोसाइटी में पहुंची थी. नगर आयुक्त मनुज गोयल का कहना है कि उनकी टीम अतिक्रमण हटाने के लिए शहर भर में घूमती है और अंसल वैली में भी अतिक्रमण की सूचना के बाद पैमाइश करने पहुंची थी. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अगर नगर निगम के पास इस तरह की कोई शिकायत थी तो जब टीम पहुंची तो वहां भीड़ कैसे जमा हुई?
छुट्टी पर जेसीबी लेकर गए अधिकारीः एक और सवाल इस मामले में ये भी है कि नगर निगम के जो अधिकारी सोसाइटी में अतिक्रमण हटाने के लिए गए थे, वो इस घटना के बाद से छुट्टी पर हैं. घर में घुसकर हुई मारपीट की घटना के 3 दिन तक सोसाइटी में जेसीबी मशीन की पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन तीन दिन बाद पुलिस की तरफ से यह कहा गया कि सोसाइटी में पहुंची जेसीबी मशीन नगर निगम की थी. एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने भी इस बात की पुष्टि की थी. जिसके बाद नगर निगम की तरफ से भी बयान जारी किया गया कि यह मशीन अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची थी.
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दोनों पक्षों के बीच क्रॉस FIR: अंसल ग्रीन वैली में बने मंदिर की दीवार के रूप में हुए अतिक्रमण को हटाने की शिकायत प्रवीण भारद्वाज ने की थी. जिसको हटाने को लेकर यह सब विवाद हुआ. अब दोनों पक्ष एक-दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे हैं. सोसाइटी में हुई मारपीट के मामलों में दोनों पक्ष से क्रॉस FIR हो चुकी है. अब दोनों पक्षों को अपने-अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता भी सता रही है. मारपीट करने वाले पार्षदों का एक गुट और कई लोग स्थानीय पार्षद संजय नौटियाल के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. उनके परिवार की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.
प्रवीण भारद्वाज ने सीएम धामी से लगाई सुरक्षा की गुहारः वहीं, सोसाइटी के सचिव प्रवीण भारद्वाज भी मारपीट की घटना होने के बाद अपने और परिवार की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी गुहार लगाई है कि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए. साथ ही पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं.
बीजेपी पार्षद संजय नौटियाल बोले, विपक्ष के नेता कर रहे छवि धूमल, प्रवीण भारद्वाज के आरोप गलतः उधर, अतिक्रमण हटाने के प्रकरण में बीजेपी पार्षद संजय नौटियाल ने अपना पक्ष रखा है. संजय नौटियाल और अन्य पार्षदों का कहना है कि देहरादून नगर निगम के चुनाव होने हैं. ऐसे में विपक्ष के नेता उनकी छवि को धूमिल करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रवीण भारद्वाज ने उन पर आरोप लगाए हैं, वो सरासर गलत हैं.
प्रवीण भारद्वाज बोले, अतिक्रमण की शिकायत करने पर बीजेपी पार्षदों ने किया हमलाः दरअसल, प्रवीण भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी के पार्षदों ने उनके परिवार पर हमला किया. क्योंकि, उन्होंने अतिक्रमण होने की शिकायत की थी. उन्होंने एक सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को दी थी. बता दें कि अतिक्रमण हटाने के दौरान दोनों पक्षों में जमकर बवाल और मारपीट हुई थी. तब से दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
अंसल ग्रीन वैली में जो मारपीट की घटना सामने आई, उसमें दोनों पक्षों की तरफ से पुलिस में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. इस मामले में नगर निगम की कार्रवाई के बीच अधिकारी बनकर खड़े बीजेपी पार्षदों पर कार्रवाई न होना और सीसीटीवी फुटेज में मारपीट मामले में पीड़ित पक्ष पर 22 फरवरी को ही धारा 307 समेत अन्य तीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने पर सवाल उठ रहे हैं. आरोप है कि इस मामले में राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई की जा रही है.