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आबकारी विभाग को नई ऊंचाई तक ले जाने में प्रकाश पंत का था अहम योगदान, किया था ये काम

आबकारी मंत्री रहने के दौरान प्नकाश पंत ने आबकारी विभाग को नई ऊंचाई पर ले जाने का कार्य किया था. पंत ने बीते 2017 में आबकारी नीति में पारदर्शिता लाने के लिए मदिरा लाइसेंस वितरण प्रणाली को ऑनलाइन टेंडर से जोड़ा था. इस नीति से विभाग के राजस्व में काफी इजाफा हुआ.

प्नकाश पंत फाइल फोटो.
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Published : Jun 5, 2019, 8:49 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के वित्त और आबकारी मंत्री का आज निधन हो गया है. पंत बीते लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज अमेरिका के टेक्सास में चल रहा था. बीमारी से पहले प्रकाश पंत संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल, स्वच्छता, गन्ना विकास और चीनी उद्योग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. आबकारी मंत्री रहने के दौरान उन्होंने आबकारी विभाग को नई ऊंचाई पर ले जाने का कार्य किया था. पंत ने बीते 2017 में आबकारी नीति में पारदर्शिता लाने के लिए मदिरा लाइसेंस वितरण प्रणाली को ऑनलाइन टेंडर से जोड़ा था. इस नीति से विभाग के राजस्व में काफी इजाफा हुआ.


मौजूदा बीजेपी सरकार में आबकारी मंत्री रहे प्रकाश पंत का आबकारी विभाग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने साल 2017 में आबकारी नीति में पारदर्शिता लाने की दिशा में कदम उठाते हुए मदिरा लाइसेंस वितरण प्रणाली को ऑनलाइन टेंडर से जोड़कर सभी व्यापारियों को आगे आने का मौका दिया था. इस नई आबकारी नीति के ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से एक विशेष वर्ग के सिंडिकेट माफिया को बड़ा झटका लगा था. आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने अपनी सूझ-बूझ और दूरदर्शिता वाली नीति से विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी कर राज्य के विकास में अहम हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया था.

ये भी पढ़ेंः सरकारी नौकरी छोड़ आए थे राजनीति में, बेदाग रहा 'सफेद कुर्ता'


प्रकाश पंत ने आबकारी विभाग के राजस्व को बढ़ाने के लिए 2017-18 के वित्तीय वर्ष में 2650 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को तय करते हुए समय से पूरा करवाया था. जबकि नए वित्त वर्ष में आबकारी लाइसेंस में 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर 3180 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया था. पंत ने अपनी नीति के तहत जहां एक ओर आबकारी नीति को ऊपर ले जाने का काम किया तो दूसरी ओर अवैध रूप से नशा, मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाते हुए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से भी नहीं चुके थे.


बता दें कि रुड़की जहरीली शराब से हुई मौत की घटना से प्रकाश पंत काफी दुखी थे. इतना ही नहीं वो इस घटना को लेकर रो भी पड़े थे. साथ ही मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. उन्होंने बकायदा जहरीली शराब प्रकरण में एक उच्च स्तरीय रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की जांच कमेटी का गठन भी किया था. इस कमेटी को छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौपनें के निर्देश भी दिए थे. जिसके बाद इस एकल जांच कमेटी को निर्देश देते हुए जहरीली शराब प्रकरण में हर पहलू से अवगत कराकर जनता की रायशुमारी लेकर सख्त कानून बनाने को कहा था.

देहरादून: उत्तराखंड के वित्त और आबकारी मंत्री का आज निधन हो गया है. पंत बीते लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज अमेरिका के टेक्सास में चल रहा था. बीमारी से पहले प्रकाश पंत संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल, स्वच्छता, गन्ना विकास और चीनी उद्योग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. आबकारी मंत्री रहने के दौरान उन्होंने आबकारी विभाग को नई ऊंचाई पर ले जाने का कार्य किया था. पंत ने बीते 2017 में आबकारी नीति में पारदर्शिता लाने के लिए मदिरा लाइसेंस वितरण प्रणाली को ऑनलाइन टेंडर से जोड़ा था. इस नीति से विभाग के राजस्व में काफी इजाफा हुआ.


मौजूदा बीजेपी सरकार में आबकारी मंत्री रहे प्रकाश पंत का आबकारी विभाग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने साल 2017 में आबकारी नीति में पारदर्शिता लाने की दिशा में कदम उठाते हुए मदिरा लाइसेंस वितरण प्रणाली को ऑनलाइन टेंडर से जोड़कर सभी व्यापारियों को आगे आने का मौका दिया था. इस नई आबकारी नीति के ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से एक विशेष वर्ग के सिंडिकेट माफिया को बड़ा झटका लगा था. आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने अपनी सूझ-बूझ और दूरदर्शिता वाली नीति से विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी कर राज्य के विकास में अहम हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया था.

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प्रकाश पंत ने आबकारी विभाग के राजस्व को बढ़ाने के लिए 2017-18 के वित्तीय वर्ष में 2650 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को तय करते हुए समय से पूरा करवाया था. जबकि नए वित्त वर्ष में आबकारी लाइसेंस में 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर 3180 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया था. पंत ने अपनी नीति के तहत जहां एक ओर आबकारी नीति को ऊपर ले जाने का काम किया तो दूसरी ओर अवैध रूप से नशा, मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाते हुए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से भी नहीं चुके थे.


बता दें कि रुड़की जहरीली शराब से हुई मौत की घटना से प्रकाश पंत काफी दुखी थे. इतना ही नहीं वो इस घटना को लेकर रो भी पड़े थे. साथ ही मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. उन्होंने बकायदा जहरीली शराब प्रकरण में एक उच्च स्तरीय रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की जांच कमेटी का गठन भी किया था. इस कमेटी को छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौपनें के निर्देश भी दिए थे. जिसके बाद इस एकल जांच कमेटी को निर्देश देते हुए जहरीली शराब प्रकरण में हर पहलू से अवगत कराकर जनता की रायशुमारी लेकर सख्त कानून बनाने को कहा था.

Intro:देहरादून: उत्तराखंड राज्य में सबके अधिक राजस्व प्राप्त करने वाले विभागों में से आबकारी विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य मौजूदा भाजपा सरकार के आबकारी मंत्री प्रकाश द्वारा किया गया... वर्ष 2017 में आबकारी नीति में पारदर्शिता लाने के दिशा में कदम उठाते हुए प्रकाश पंत द्वारा मदिरा लाइसेंस वितरण प्रणाली को ऑनलाइन टेंडर से जुड़कर सभी भर के व्यापारियों को आगे आने का मौका दिया। नई आबकारी नीति के तहत थे ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से एक विशेष वर्ग का सिंडिकेट माफ़िया को सबसे बड़ा झटका दिया गया। उत्तराखंड आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने अपनी सूझ-बूझ वो दूरदर्शिता वाली नीति से विभाग के राजस्व बड़ा लाभ देकर राज्य के विकास कार्य में बड़ी हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया.


Body:उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत द्वारा आपकारी विभाग के राजस्व को नई ऊँचाई पर ले जाने वाले कदम में 2017 -18 वित्त वर्ष में 2650 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य को तय करते हुए समय से पूरा करवाया , जबकि नए वित्त वर्ष में आबकारी लाइसेंस में 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर 3180 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया। मंत्री प्रकाश ने अपनी नीति के तहत जहां एक ओर आपकारी नीति को ऊपर ले जाने का कार्य किया तो वही अअवैध रुप से नशा मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाते हुए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सब कार्रवाई भी करने से नहीं चुके।


Conclusion:हरिद्वार जिले में पिछले दिनों ज़हरीली शराब से मौत होने की घटना से प्रकाश पंत इतने दुखी हुए की वह इस घटना को लेकर रो पड़े थे।इसके साथ ही इस दुःखत घटना के बाद प्रकाश पंत ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जिम्मेदारी कर्मचारियों व अधिकारियों को निलंबित करते हुए बकायदा जहरीली शराब प्रकरण में एक उच्च स्तरीय रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की एकलपीठ में जांच कमेटी का गठन किया। इतना ही नहीं इस कमेटी को छः महीने के अन्दर जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौपने के निर्देश दिए। वही इस एकल जांच कमेटी को यह भी प्रकाश पन्त ने निर्देश दिए कि जहरीली शराब प्रकरण में धरातल के हर पहलू से अवगत कराकर जनता की रायशुमारी से सख्त कानून बनाने की रिपोर्ट भी तैयार करने के दिशानिर्देश दिये।
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