देहरादून: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के बीच रविवार रात 9:00 बजे 9 मिनट के लिए घरों की सभी लाइटें बंद कर दी गईं. मोमबत्ती जलाने की पीएम मोदी की अपील पर विशेषज्ञों और विपक्ष द्वारा कई सवाल खड़े किए जा रहे थे. इसमें एक महत्वपूर्ण सवाल यह था कि यदि रात 9:00 बजे 9 मिनट के लिए देश के सभी घरों की लाइट बंद कर दी जाएंगी और जब 9 मिनट बाद सभी घरों में लाइटें जलाई जाएंगी तो देश का पावर ग्रिड इसका दबाव नहीं झेल पाएगा. जिसके कारण पावर ग्रिड फेल हो सकता है. हालांकि ऐसा हुआ नहीं.
गौरतलब है कि, रविवार रात जब देशवासियों ने रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घरों की लाइटें बंद कर दी. जिसके बाद मोमबत्ती जलाई तब इन 9 मिनटों में देश में बिजली की खपत 86000 मेगावाट तक घट गई थी. ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो रविवार रात 9:00 बजे 9 मिनट के लिए जब देश के सभी घरों में लाइटें बंद कर दी गईं, तो इसका पावर ग्रिड के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा. देश की पावर ग्रिड किसी भी कठिन परिस्थिति में सामान्य तरह से संचालित हो सकती है.
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वहीं ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार रविवार रात जब 9:00 बजे 9 मिनट के लिए देश के सभी घरों में लाइट बंद कर दी गई तो इन 9 मिनटों में सामान्य के मुकाबले 32000 मेगावाट बिजली की खपत में गिरावट आई. जबकि, सामान्य तौर पर देश में हर दिन लगभग 1,17,000 मेगावाट बिजली की खपत होती है.