देहरादून: उत्तराखंड में आरक्षित श्रेणी के चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग को ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. हालात यह हैं कि सालों से इस श्रेणी से जुड़े चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं और विभाग में इन्हें भरने के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
प्रदेश में यूं तो पहले ही चिकित्सकों के कई पद खाली हैं, लेकिन इनमें 300 से ज्यादा ऐसे पद हैं जिन्हें भरने में चयन बोर्ड के पसीने छूट रहे हैं. स्थिति यह है कि लाख कोशिशों के बाद भी इन पदों को नहीं भरा जा पा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि आरक्षित श्रेणी के चिकित्सकों को इसी श्रेणी में चयनित किए गए चिकित्सकों से भरा जा सकता है, लेकिन आरक्षित श्रेणी के चिकित्सक चयन बोर्ड में नियुक्ति के लिए नहीं पहुंच रहे हैं.
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लिहाजा राज्य में कुल 363 पद चिकित्सकों के खाली पड़े हैं. इस मामले पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर सकता और जिस तरह के निर्देश शासन स्तर पर दिए जाते हैं. उसी लिहाज से पदों पर नियुक्ति की जाती है. खास बात यह है कि ये आरक्षण से जुड़ा विषय है. ऐसे में इस पर चयन बोर्ड भी कुछ नहीं कर सकता और ना चाह कर भी प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सकों को नियुक्ति नहीं हो पा रही है.