देहरादून: उत्तराखंड में 'मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना' को अमित शाह ने लॉन्च तो कर दिया. लेकिन इस कार्यक्रम के आयोजन के दौरान कार्यक्रम स्थल पर जमकर पोस्टर पॉलिटिक्स दिखाई दी. एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस कार्यक्रम का श्रेय दिया जाता रहा, तो दूसरी तरफ मंच पर धन सिंह योजना का श्रेय लेते हुए दिखाई दिए.
योजना को लेकर क्रेडिट लेने का सिलसिला यहीं तक नहीं था. कार्यक्रम स्थल के बाहर त्रिवेंद्र सिंह रावत के जमकर पोस्टर लगाए गए और उसमें पुराने अखबारों की कटिंग जोड़कर योजना को त्रिवेंद्र सिंह की सौगात बताया जाता रहा. उत्तराखंड में पहाड़ी महिलाओं के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को लेकर अमित शाह ने धन सिंह रावत की खूब पीठ थपथपाई. मंच पर इस पूरी योजना का श्रेय धन सिंह रावत को दिया जाता रहा.
उधर, सहकारिता विभाग द्वारा इस योजना का संचालन होने के चलते धन सिंह के समर्थक भी इस योजना के पीछे उन्हें ही देख रहे थे. लेकिन योजना पर हक जताने वाले केवल धन सिंह ही नहीं थे. धामी के चाहने वालों ने इस योजना का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दे दिया.
कार्यक्रम स्थल के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पोस्टर पर अखबारों की कटिंग यह बताने के लिए काफी थी कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस योजना पर अपना नाम जोड़ना चाहते हैं. यानी महिलाओं के लिए शुरू हुई इस एक योजना को अपने खाते में डालने के लिए भाजपा के 3 बड़े नेताओं में होड़ दिखाई दी.
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भाजपा विधायक महिलाओं के कल्याण की बात कहकर जिस योजना को शुरू किया गया. इस पर क्रेडिट लेने का सिलसिला जारी है. हालांकि, संगठन स्तर पर जब योजना किसकी है. यह सवाल किया गया तो जवाब आया कि योजना भाजपा सरकार की है. इसमें सभी लोगों ने अपना योगदान दिया है.