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पोस्टल बैलेट की रहती है अहम भूमिका, इन आंकड़ों पर डालें नजर

लोकसभा चुनाव 2009 में भले ही बीजेपी प्रदेश की पांचों सीटें हार गई हो लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करें तो बीजेपी पांचों सीटें हारने के बावजूद भी पोस्टल बैलेट से वोट प्राप्त होने में अव्वल रही है.

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Published : Apr 4, 2019, 7:08 AM IST

Updated : Apr 4, 2019, 7:49 AM IST

पोस्टल बैलेट की रहती है अहम भूमिका

देहरादून: लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान होने में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को मतदान किया जाएगा. जिसको देखते हुए सभी पार्टियां जोड़-तोड़ मेहनत कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, अगर प्रदेश के सर्विस मतदाताओं की बात करें तो प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा सर्विस मतदाता बीजेपी के मुरीद हैं और सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता बीजेपी को वोट देते रहे हैं. ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि पिछले लोकसभा चुनावों के आंकड़े खुद इस बात की तस्दीक कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2009 में भले ही बीजेपी प्रदेश की पांचों सीटें हार गई हो लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करें तो बीजेपी पांचों सीटें हारने के बावजूद भी पोस्टल बैलेट से वोट प्राप्त होने में अव्वल रही है. हालांकि, लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस ने प्रदेश के पांचों सीटों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन कांग्रेस को कुछ खास पोस्टल बैलेट वोट नहीं मिले थे. ये है लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टियों को पोस्टल बैलेट से पड़े वोट आंकड़े.

पढ़ें- चुनाव आते ही फिर मुद्दा बना मलिन बस्ती, राजकुमार ने त्रिवेंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

आंकड़ों पर एक नजर

  • टिहरी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी जसपाल राणा को 1551 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विजय बहुगुणा को मात्र 7 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे.
  • पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी टीपीएस रावत को 8030 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल महाराज को सिर्फ 950 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 887 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को 514 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बच्ची सिंह रावत को 270 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 172 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी यतिनंद्रा नंद गिरि को 307 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्यशी हरीश रावत को 188 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी ने प्रदेश की पांचों सीटें जीती थी और कांग्रेस को भारी बहुमत से हराया था, लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2014 में भी बीजेपी को पोस्टल बैलेट से भारी मत मिली थी. ये है लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टियों को पोस्टल बैलेट से पड़े वोट आंकड़े

आंकड़ों पर एक नजर

  • टिहरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह को 3534 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्यशी साकेत बहुगुणा को 1259 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बीसी खंडूड़ी को 3739 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वही कांग्रेस प्रत्याशी हरक सिंह रावत को मात्र 177 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • अल्मोड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 902 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को मात्र 80 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी भगत सिंह कोशियारी को 1451 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 525 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे.
  • हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक को 1489 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका रावत को 547 वोट पोस्टल बैलेट से प्राप्त हुए थे.

हालांकि, पिछले दोनों लोकसभा चुनाव के आकडों पर गौर करे तो इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपीपोस्टल बैलेट मत में कांग्रेस से बहुत आगे है. साथ ही इन आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि जिस तरह से सर्विस मतदाताओं ने बीजेपीको वोट दिया है, ऐसे में यह जरूर कह सकते है कि सर्विस मतदाता बीजेपीके मुरीद हैं.

देहरादून: लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान होने में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को मतदान किया जाएगा. जिसको देखते हुए सभी पार्टियां जोड़-तोड़ मेहनत कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, अगर प्रदेश के सर्विस मतदाताओं की बात करें तो प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा सर्विस मतदाता बीजेपी के मुरीद हैं और सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता बीजेपी को वोट देते रहे हैं. ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि पिछले लोकसभा चुनावों के आंकड़े खुद इस बात की तस्दीक कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2009 में भले ही बीजेपी प्रदेश की पांचों सीटें हार गई हो लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करें तो बीजेपी पांचों सीटें हारने के बावजूद भी पोस्टल बैलेट से वोट प्राप्त होने में अव्वल रही है. हालांकि, लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस ने प्रदेश के पांचों सीटों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन कांग्रेस को कुछ खास पोस्टल बैलेट वोट नहीं मिले थे. ये है लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टियों को पोस्टल बैलेट से पड़े वोट आंकड़े.

पढ़ें- चुनाव आते ही फिर मुद्दा बना मलिन बस्ती, राजकुमार ने त्रिवेंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

आंकड़ों पर एक नजर

  • टिहरी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी जसपाल राणा को 1551 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विजय बहुगुणा को मात्र 7 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे.
  • पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी टीपीएस रावत को 8030 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल महाराज को सिर्फ 950 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 887 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को 514 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बच्ची सिंह रावत को 270 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 172 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी यतिनंद्रा नंद गिरि को 307 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्यशी हरीश रावत को 188 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी ने प्रदेश की पांचों सीटें जीती थी और कांग्रेस को भारी बहुमत से हराया था, लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2014 में भी बीजेपी को पोस्टल बैलेट से भारी मत मिली थी. ये है लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टियों को पोस्टल बैलेट से पड़े वोट आंकड़े

आंकड़ों पर एक नजर

  • टिहरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह को 3534 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्यशी साकेत बहुगुणा को 1259 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बीसी खंडूड़ी को 3739 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वही कांग्रेस प्रत्याशी हरक सिंह रावत को मात्र 177 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • अल्मोड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 902 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को मात्र 80 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे.
  • नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी भगत सिंह कोशियारी को 1451 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 525 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे.
  • हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक को 1489 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका रावत को 547 वोट पोस्टल बैलेट से प्राप्त हुए थे.

हालांकि, पिछले दोनों लोकसभा चुनाव के आकडों पर गौर करे तो इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपीपोस्टल बैलेट मत में कांग्रेस से बहुत आगे है. साथ ही इन आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि जिस तरह से सर्विस मतदाताओं ने बीजेपीको वोट दिया है, ऐसे में यह जरूर कह सकते है कि सर्विस मतदाता बीजेपीके मुरीद हैं.

Intro:लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान होने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में उत्तराखंड के 5 लोकसभा सीटों पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को मतदान किया जाएगा। जिसको देखते हुए सभी पार्टियां जोड़ तोड़ मेहनत कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि अगर प्रदेश के सर्विस मतदाताओं की बात करें तो प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा सर्विस मतदाता बीजेपी के मुरीद है। और सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता भाजपा प्रत्याशियो को वोट देते रहे है। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि पिछले लोकसभा चुनावो के आंकड़े खुद इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।




Body:लोकसभा चुनाव 2009 में भले ही भाजपा प्रदेश की पांचो सीटे हार गई हो लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करे तो भाजपा पांचो सीटें हारने के बावजूद भी पोस्टल बैलेट से वोट प्राप्त होने में अव्वल रही हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस ने प्रदेश के पांचो सीटों पर कब्जा कर लिया था। लेकिन कांग्रेस को कुछ खास पोस्टल बैलेट वोट नही मिले थे। ये है लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टियों को पोस्टल बैलेट से पड़े वोट आंकड़े..........

- टिहरी लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी जसपाल राणा को 1551 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विजय बहुगुणा को मात्र 7 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे।

- पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी टीपीएस रावत को 8030 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे, तो ही कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल महाराज को सिर्फ 950 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे।

- अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा को 887 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को 514 वोट पोस्टल बैलट से पड़े थे।

- नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी बच्ची सिंह रावत को 270 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 172 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

- हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी यतिनंद्रा नंद गिरि को 307 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वही कांग्रेस प्रत्यशी हरीश रावत को 188 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।


लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने प्रदेश की पांचों सीटें जीती थी। और कांग्रेस को भारी बहुमत से हराया था। लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करे को लोकसभा चुनाव 2014 में भी भाजपा को पोस्टल बैलेट से भारी मत मिली थी। ये है लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टियों को पोस्टल बैलेट से पड़े वोट आंकड़े..........

- टिहरी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह को 3534 वोट पोस्टल बैलट से पड़े थे, तो वही कांग्रेस प्रत्यशी साकेत बहुगुणा को 1259 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

- पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी बीसी खंडूरी को 3739 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे, तो वही कांग्रेस प्रत्याशी हरक सिंह रावत को मात्र 177 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे।

- अल्मोड़ा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा को 902 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को मात्र 80 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे।

- नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी भगत सिंह कोशियारी को 1451 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 525 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे।

- हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक को 1489 वोट पोस्टल बैलट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका रावत को 547 वोट पोस्टल बैलेट से प्राप्त हुए थे।


हालांकि दोनों पिछले लोकसभा चुनाव के आकडो पर गौर करे तो इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा, पोस्टल बैलट मत में कांग्रेस से बहुत आगे है। साथ ही इन आंकड़ो से साफ जाहिर होता है कि जिस तरह से सर्विस मतदाताओ ने भाजपा को वोट दिया है। तो ऐसे में यह जरूर कह सकते है कि सर्विस मतदाता भाजपा के मुरीद है।


Conclusion:
Last Updated : Apr 4, 2019, 7:49 AM IST
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