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डेंगू के बढ़ते मरीजों ने नगर निगम की खोली पोल, 20 माह बाद भी डॉक्टर की नहीं हुई तैनाती - Doctor post vacant in Rishikesh Municipal Corporation

शासन द्वारा दिसंबर 2017 में ऋषिकेश नगर पालिका को भंग कर नगर निगम का दर्जा दिया गया. नगर निगम घोषित होने के बाद स्वतः ही नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद सृजित होता है, जिसमें एक चिकित्सक को इस पद पर तैनात किया जाता है.

डेंगू के बढ़ते मरीजों ने नगर निगम की खोली पोल.
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Published : Sep 16, 2019, 7:47 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जो नगर निगम के दावों की पोल खोल रही है. ऋषिकेश नगर निगम में अभी तक कोई नगर स्वास्थ्य अधिकारी ही तैनात नहीं है. दरअसल, नगर निगम गठन हुए 20 माह से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन नगर निगम के द्वारा नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात नहीं किया गया है, जो पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करने वाले नगर निगम के दावे हवा- हवाई साबित हो रहे हैं.

डेंगू के बढ़ते मरीजों ने नगर निगम की खोली पोल.

गौर हो कि शासन द्वारा दिसंबर 2017 में ऋषिकेश नगर पालिका को भंग कर नगर निगम का दर्जा दिया गया. नगर निगम घोषित होने के बाद स्वतः ही नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद सृजित होता है, जिसमें एक चिकित्सक को इस पद पर तैनात किया जाता है. लेकिन नगर निगम गठन हुए 20 माह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक नगर निगम में कोई भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात नहीं किया गया है. जो कि नगर निगम की सबसे बड़ी लापरवाही मानी जा रही है.

पढ़ें-कूड़े के कारण दो अधिकारियों पर गिरी गाज, डीएम ने रोका वेतन

बता दें कि इन दिनों ऋषिकेश में डेंगू के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में अगर नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनाती होती तो उसके द्वारा नगर के अलग-अलग स्थानों पर जाकर यह जांच की जाती है साथ ही डेंगू के लार्वा का सेम्पल लिया जाता. जिससे डेंगू के रोकथाम में मदद मिलती.
वहीं स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती न होने से निगम में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हालत खस्ताहाल है. गौर हो कि नगर निगम गठन को 20 माह बीत गए हैं.

वहीं अगर बात की जाए नगर निगम बोर्ड के गठन की तो नगर निगम चुनाव के बाद बोर्ड का गठन हुए 8 माह से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन ना तो ऋषिकेश महापौर के द्वारा और ना ही किसी जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात करने को लेकर शासन को पत्र नहीं भेजा गया है. लेकिन बात की जाए और अधिकारियों की दो ऋषिकेश नगर निगम में बड़ी संख्या में अधिकारियों के तबादले हो रहे हैं.

वहीं नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि दिसंबर 2017 में नगर निगम का गठन हुआ था नगर निगम गठन के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद सहित होता है. ऐसे में निगम में एक नगर स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती की जाती है, लेकिन अभी तक यहां पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है. जिसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजा गया था लेकिन अभी तक इस और कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जो नगर निगम के दावों की पोल खोल रही है. ऋषिकेश नगर निगम में अभी तक कोई नगर स्वास्थ्य अधिकारी ही तैनात नहीं है. दरअसल, नगर निगम गठन हुए 20 माह से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन नगर निगम के द्वारा नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात नहीं किया गया है, जो पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करने वाले नगर निगम के दावे हवा- हवाई साबित हो रहे हैं.

डेंगू के बढ़ते मरीजों ने नगर निगम की खोली पोल.

गौर हो कि शासन द्वारा दिसंबर 2017 में ऋषिकेश नगर पालिका को भंग कर नगर निगम का दर्जा दिया गया. नगर निगम घोषित होने के बाद स्वतः ही नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद सृजित होता है, जिसमें एक चिकित्सक को इस पद पर तैनात किया जाता है. लेकिन नगर निगम गठन हुए 20 माह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक नगर निगम में कोई भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात नहीं किया गया है. जो कि नगर निगम की सबसे बड़ी लापरवाही मानी जा रही है.

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बता दें कि इन दिनों ऋषिकेश में डेंगू के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में अगर नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनाती होती तो उसके द्वारा नगर के अलग-अलग स्थानों पर जाकर यह जांच की जाती है साथ ही डेंगू के लार्वा का सेम्पल लिया जाता. जिससे डेंगू के रोकथाम में मदद मिलती.
वहीं स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती न होने से निगम में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हालत खस्ताहाल है. गौर हो कि नगर निगम गठन को 20 माह बीत गए हैं.

वहीं अगर बात की जाए नगर निगम बोर्ड के गठन की तो नगर निगम चुनाव के बाद बोर्ड का गठन हुए 8 माह से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन ना तो ऋषिकेश महापौर के द्वारा और ना ही किसी जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात करने को लेकर शासन को पत्र नहीं भेजा गया है. लेकिन बात की जाए और अधिकारियों की दो ऋषिकेश नगर निगम में बड़ी संख्या में अधिकारियों के तबादले हो रहे हैं.

वहीं नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि दिसंबर 2017 में नगर निगम का गठन हुआ था नगर निगम गठन के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद सहित होता है. ऐसे में निगम में एक नगर स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती की जाती है, लेकिन अभी तक यहां पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है. जिसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजा गया था लेकिन अभी तक इस और कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.

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ऋषिकेश-- ऋषिकेश क्षेत्र में डेंगू के बचाव को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली नगर निगम की पोल खुल कर सामने आ गई है, ऋषिकेश में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन ऋषिकेश नगर निगम में अभी तक कोई नगर स्वास्थ्य अधिकारी ही तैनात नहीं है, दरअसल नगर निगम गठन हुए 20 माह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन नगर निगम के द्वारा नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात नहीं किया गया है आज भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद रिक्त पड़ा हुआ है ऐसे में ऋषिकेश क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करने वाले नगर निगम के दावे हवा हवाई साबित हुए हैं।


Body:वी/ओ-- उत्तराखंड शासन द्वारा दिसंबर 2017 में ऋषिकेश नगर पालिका को भंग कर ऋषिकेश नगर निगम का दर्जा देते हुए घोषित किया था नगर निगम घोषित होने के बाद स्वतः ही नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद सृजित होता है जिसमें एक चिकित्सक को इस पद पर तैनात किया जाता है लेकिन नगर निगम गठन हुए 20 माह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक नगर निगम में कोई भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात नहीं किया गया है जो कि नगर निगम की सबसे बड़ी लापरवाही मानी जा रही है, आपको बता दें कि इन दिनों ऋषिकेश में डेंगू का प्रकोप जारी है बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं ऐसे में अगर नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनाती होती तो उसके द्वारा नगर के अलग-अलग स्थानों पर जाकर यह जांच की जाती है साथ ही डेंगू की जांच लार्वा का सेम्पल भी लिया जाता लेकिन नगर में स्वास्थ्य अधिकारी ने होने पर निगम में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बद से बदतर होती जा रही है।

आपको बता दें कि नगर निगम गठन को 20 माह बीत गए हैं वहीं अगर बात की जाए नगर निगम बोर्ड के गठन की तो नगर निगम चुनाव के बाद बोर्ड का गठन हुए 8 माह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन ना तो ऋषिकेश महापौर के द्वारा और ना ही किसी जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा नगर स्वास्थ्य अधिकारी तैनात करने को लेकर शासन को पत्र नहीं भेजा गया है लेकिन बात की जाए और अधिकारियों की दो ऋषिकेश नगर निगम में बड़ी संख्या में अधिकारियों के तबादले हो रहे हैं और वर्तमान में ऋषिकेश नगर निगम में 2 सहायक नगर आयुक्त 2 ए ई और तीन कर अधीक्षकों की तैनाती हुई है, लेकिन नगर निगम को एक भी स्वास्थ्य अधिकारी नहीं मिला है।


Conclusion:वी/ओ-- ऋषिकेश नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि दिसंबर 2017 में नगर निगम का गठन हुआ था नगर निगम गठन के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद सहित होता है ऐसे में निगम में एक नगर स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती की जाती है लेकिन अभी तक यहां पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है उनका हालांकि इसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजा गया था लेकिन अभी तक इस और कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है और अभी भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद रिक्त है।

बाईट--उत्तम सिंह नेगी(सहायक नगर आयुक्त,नगर निगम ऋषिकेश)
पीटीसी--विनय पाण्डेय

बाईट--उत्तम सिंह नेगी(सहायक नगर आयुक्त,नगर निगम ऋषिकेश)
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