मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में एकमात्र सरकारी उप जिला चिकित्सालय इन दिनों अव्यवस्थाओं की मार को झेल रहा है. अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है. जिस कारण अस्पताल सही तरीके से संचालित नहीं हो पा रहा है. अस्पताल में डॉक्टर तो हैं, लेकिन स्टाफ, नर्स, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी न होने के कारण अस्पताल को संचालित करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इससे लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर सरकार और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा बड़ी-बड़ी बातें की गई. लेकिन मसूरी में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर अस्पताल में कुछ भी उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये स आईसीयू वार्ड बनाया गया, लेकिन उसके संचालन के लिए न तो डॉक्टर है और न ही स्टाफ है.
आईसीयू वार्ड में ताले लटके हुए हैं. अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर आज तक शुरू नहीं हो पाया है. अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. साफ-सफाई करने वाले कर्मचारी की नियुक्ति ही नहीं की जा रही है. इससे साफ है कि मसूरी का उप जिला चिकित्सालय स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर सफेद हाथी साबित हो रहा है.
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आप पार्टी के नेता प्रकाश राणा ने कहा कि प्रदेश की सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल मसूरी में ही खुलती नजर आ रही है. राजधानी से मात्र 30 किलोमीटर दूर मसूरी उप जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. डॉक्टर की नियुक्ति मसूरी में की गई है. लेकिन डॉक्टर यहां पर नजर नहीं आते हैं. कुछ डॉक्टरों को अन्य जगह अटैच किया गया है.
कई डॉक्टर समय पर नहीं आते हैं, दोपहर 2 बजे के बाद अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहता है. इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द सरकार द्वारा मसूरी के उप जिला चिकित्सालय की स्वास्थ सुविधाओं के साथ नर्स और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जाती तो आम आदमी पार्टी उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी.
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स्थानीय निवासी परमिंदर, आदित्य, अनिल आदि ने कहा कि मसूरी में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बदहाल है. करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, परंतु स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां पर कुछ नहीं है. डॉक्टर द्वारा बाहर की दवाई मंगाई जाती है. इससे मरीज बहुत ज्यादा परेशान हैं.