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लॉकडाउन के बीच सुकून देने वाली खबर, अपने पुराने रूप में दिखने लगी सुसवा नदी

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Published : Apr 26, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 8:10 PM IST

लॉकडाउन के बीच जहां लोग परेशान हैं वहीं, कुछ सुकून देने वाली खबर भी सामने आ रही हैं. जिससे हमारे चारों ओर का पर्यावरण स्वच्छ हो रहा है. ऐसे ही देहरादून की सुसवा नदी का काला और बदबूदार पानी अब फिर से नाले से नदी में बदल रहा है.

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लॉकडाउन के बीच सुसवा नदी साफ

देहरादून: लॉकडाउन में पाबंदियों के चलते परेशान होते तमाम लोगों की तस्वीरें सामने आ रही हैं. लेकिन इस सब के बीच सुकून देने वाली खबर भी सामने आ रही है. जिससे हमारे चारों ओर का पर्यावरण स्वच्छ हो रहा है. जो इतने सालों में नहीं हो सका उसे लॉकडाउन ने संभव कर दिया है. देखिये ईटीवी भारत की ग्राउंड जीरो से ये स्पेशल रिपोर्ट.

लॉकडाउन के बीच सुसवा नदी साफ

मानव संस्कृति नदियों के आस-पास ही विकसित हुई हैं और नदियों का मानव जीवन से मृत्यु तक का गहरा नाता है, लेकिन आधुनिक युग में कई बार नदियों के अस्तित्व को लेकर हम बेपरवाह हो जाते हैं. देहरादून की सुसवा नदी का काला पानी ऐसी ही लापरवाही का सुबूत है. इस नदी ने बदबूदार नाले का रूप ले लिया था, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण जबसे लोग घरों में हैं तब से इस नदी की तस्वीर में थोड़ा बदलाव हुआ है.

ये भी पढ़ेंः लौटने लगी देश के अंतिम गांवों की 'रौनक', लौटने लगे नीति और माणा घाटी के लोग

सुसवा नदी अब जीवित स्वरूप में साफ और दुर्गंध से मुक्त हो रही है. ये कोई चमत्कार या नदी की सफाई के अभियान का नतीजा नहीं है. बल्कि ये लॉकडाउन की उन पाबंदियों से मुमकिन हुआ है, जिसने इस नदी पर बसे हजारों-लाखों लोगों को गंदगी और दुर्गंध से मुक्ति दी है.

नदी के किनारे बसा एक परिवार लॉकडाउन के एक महीने बाद सुकून महसूस कर रहा है. आस-पास के मवेशी भी नदी का साफ पानी पी रहे हैं. इससे पहले इस नदी के पानी से अक्सर मवेशियों के बीमार होने और मरने की खबर आती थी. यहां तक कि इंसानों में चर्म रोग की भी शिकायतें इस पानी से मिली थी, लेकिन लॉकडाउन ने ये सभी परेशानियां खत्म कर दी हैं.

देहरादून: लॉकडाउन में पाबंदियों के चलते परेशान होते तमाम लोगों की तस्वीरें सामने आ रही हैं. लेकिन इस सब के बीच सुकून देने वाली खबर भी सामने आ रही है. जिससे हमारे चारों ओर का पर्यावरण स्वच्छ हो रहा है. जो इतने सालों में नहीं हो सका उसे लॉकडाउन ने संभव कर दिया है. देखिये ईटीवी भारत की ग्राउंड जीरो से ये स्पेशल रिपोर्ट.

लॉकडाउन के बीच सुसवा नदी साफ

मानव संस्कृति नदियों के आस-पास ही विकसित हुई हैं और नदियों का मानव जीवन से मृत्यु तक का गहरा नाता है, लेकिन आधुनिक युग में कई बार नदियों के अस्तित्व को लेकर हम बेपरवाह हो जाते हैं. देहरादून की सुसवा नदी का काला पानी ऐसी ही लापरवाही का सुबूत है. इस नदी ने बदबूदार नाले का रूप ले लिया था, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण जबसे लोग घरों में हैं तब से इस नदी की तस्वीर में थोड़ा बदलाव हुआ है.

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सुसवा नदी अब जीवित स्वरूप में साफ और दुर्गंध से मुक्त हो रही है. ये कोई चमत्कार या नदी की सफाई के अभियान का नतीजा नहीं है. बल्कि ये लॉकडाउन की उन पाबंदियों से मुमकिन हुआ है, जिसने इस नदी पर बसे हजारों-लाखों लोगों को गंदगी और दुर्गंध से मुक्ति दी है.

नदी के किनारे बसा एक परिवार लॉकडाउन के एक महीने बाद सुकून महसूस कर रहा है. आस-पास के मवेशी भी नदी का साफ पानी पी रहे हैं. इससे पहले इस नदी के पानी से अक्सर मवेशियों के बीमार होने और मरने की खबर आती थी. यहां तक कि इंसानों में चर्म रोग की भी शिकायतें इस पानी से मिली थी, लेकिन लॉकडाउन ने ये सभी परेशानियां खत्म कर दी हैं.

Last Updated : Apr 26, 2020, 8:10 PM IST
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