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चंपावत उपचुनाव: तारीख का ऐलान, सीएम धामी की किस्मत का होगा फैसला, देखें पूरी डिटेल

चंपावत सीट पर 31 मई को उपचुनाव होगा. वहीं 3 जून को इस सीट पर मतगणना होगी. इस सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी उम्मीदवार होंगे. इसी साल 10 मार्च को आए नतीजों में विधानसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह माह के भीतर उपचुनाव लड़कर विधानसभा का सदस्य बनना होगा.

cm pushkar singh dhami
सीएम पुष्कर सिंह धामी
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Published : May 2, 2022, 6:25 PM IST

Updated : May 2, 2022, 7:04 PM IST

देहरादून: चंपावत विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. चंपावत उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान होगा और 3 जून को रिजल्ट आएगा. 4 मई को चंपावत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग नोटिफिकेशन जारी करेगा और नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 11 मई तय की गई है. नामांकन वापस लेने की तारीख 17 मई तय की गई है.

धामी के हारते ही सीट ऑफर की थी: कैलाश गहतोड़ी बीजेपी के पहले विधायक थे जिन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट ऑफर की थी. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम 10 मार्च को जब घोषित हुए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अप्रत्याशित रूप से अपनी परंपरागत सीट खटीमा से चुनाव हार गए थे. बीजेपी को जब पूर्ण बहुमत मिल गया तो उसी दिन कैलाश गहतोड़ी ने घोषणा कर दी कि वो धामी के लिए अपनी सीट से इस्तीफा देने को तैयार हैं. ये तब हुआ था जब बीजेपी ने धामी को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा नहीं की थी. हालांकि इसके बाद कई दूसरे विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की थी.

पढ़ें: चंपावत से उपचुनाव लड़ेंगे CM धामी, जानिए क्यों चुनी यही सीट

चंपावत से ही क्यों लड़ेंगे सीएम धामी: चंपावत सीट को जातिगत समीकरणों के आधार पर धामी के लिए आसान माना जा रहा है. पहाड़ी जिले की इस सीट पर करीब 54 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं. सीएम धामी भी ठाकुर हैं. इस सीट पर 24 फीसदी ब्राह्मण हैं. ब्राह्मणों को परंपरागत रूप से बीजेपी का वोटर माना जाता है. चंपावत सीट पर 18 फीसदी दलित और चार फीसदी मुस्लिम वोटर भी हैं. इस तरह वोटों के गुणा-गणित को देखते हुए बीजेपी ने सीएम धामी को चंपावत से उपचुनाव लड़ाना मुफीद समझा.

ये भी है कारण: सीएम धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में धामी को अपनी परंपरागत सीट खटीमा में हार का सामना करना पड़ा. चंपावत सीट सीएम धामी की परंपरागत खटीमा सीट से सटी हुई है. इसलिए वह यहां के राजनीतिक, जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों से भी परिचित हैं. इस कारण सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत सीट को चुना होगा.

चंपावत से सीएम धामी का रिश्ता: चंपावत जिला पहले पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा था. सीएम धामी का जन्म पिथौरागढ़ में ही हुआ था. इस तरह पिथौरागढ़ सीएम धामी का पैतृक जिला हुआ. चंपावत 15 सितंबर 1997 में पिथौरागढ़ से अलग करके स्वतंत्र जिला बनाया गया था. इस कारण चंपावत के लोगों में सीएम धामी को लेकर अपने जिले का वासी होने की फीलिंग भी होगी. बीजेपी इस फीलिंग को वोटों में तब्दील करना चाहेगी.

सीएम धामी ने क्या कहा: गहतोड़ी के इस्तीफा देने के बाद सीएम धामी ने चंपावत में कहा था कि मां पूर्णागिरि और मां शारदा ने मुझे बुलाया है. सीएम ने ये भी कहा था कि चंपावत मां बाराही देवी का धाम है. गोल्ज्यू का धाम है. मैं शारदा किनारे ही पैदा हुआ, इसलिए यहां से लगाव है. कैलाश गहतोड़ी के चंपावत विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद सीएम धामी ने यहां से चुनाव लड़ने के अनेक कारण बताए.

क्या होता है उपचुनाव: उपचुनाव मुख्य चुनाव के बाद होने वाला चुनाव है जो मुख्य चुनाव न हो पाने की स्थिति में करवाया जाता है. ज्यादातर मामलों में ये चुनाव किसी चुने गए प्रतिनिधि के निधन, किसी के इस्तीफा देने या किसी के अपात्र घोषित होने के कारण होता है. चंपावत सीट से बीजेपी के विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने इस्तीफा दिया है, इसलिए यहां उपचुनाव होगा.

देहरादून: चंपावत विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. चंपावत उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान होगा और 3 जून को रिजल्ट आएगा. 4 मई को चंपावत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग नोटिफिकेशन जारी करेगा और नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 11 मई तय की गई है. नामांकन वापस लेने की तारीख 17 मई तय की गई है.

धामी के हारते ही सीट ऑफर की थी: कैलाश गहतोड़ी बीजेपी के पहले विधायक थे जिन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट ऑफर की थी. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम 10 मार्च को जब घोषित हुए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अप्रत्याशित रूप से अपनी परंपरागत सीट खटीमा से चुनाव हार गए थे. बीजेपी को जब पूर्ण बहुमत मिल गया तो उसी दिन कैलाश गहतोड़ी ने घोषणा कर दी कि वो धामी के लिए अपनी सीट से इस्तीफा देने को तैयार हैं. ये तब हुआ था जब बीजेपी ने धामी को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा नहीं की थी. हालांकि इसके बाद कई दूसरे विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की थी.

पढ़ें: चंपावत से उपचुनाव लड़ेंगे CM धामी, जानिए क्यों चुनी यही सीट

चंपावत से ही क्यों लड़ेंगे सीएम धामी: चंपावत सीट को जातिगत समीकरणों के आधार पर धामी के लिए आसान माना जा रहा है. पहाड़ी जिले की इस सीट पर करीब 54 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं. सीएम धामी भी ठाकुर हैं. इस सीट पर 24 फीसदी ब्राह्मण हैं. ब्राह्मणों को परंपरागत रूप से बीजेपी का वोटर माना जाता है. चंपावत सीट पर 18 फीसदी दलित और चार फीसदी मुस्लिम वोटर भी हैं. इस तरह वोटों के गुणा-गणित को देखते हुए बीजेपी ने सीएम धामी को चंपावत से उपचुनाव लड़ाना मुफीद समझा.

ये भी है कारण: सीएम धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में धामी को अपनी परंपरागत सीट खटीमा में हार का सामना करना पड़ा. चंपावत सीट सीएम धामी की परंपरागत खटीमा सीट से सटी हुई है. इसलिए वह यहां के राजनीतिक, जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों से भी परिचित हैं. इस कारण सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत सीट को चुना होगा.

चंपावत से सीएम धामी का रिश्ता: चंपावत जिला पहले पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा था. सीएम धामी का जन्म पिथौरागढ़ में ही हुआ था. इस तरह पिथौरागढ़ सीएम धामी का पैतृक जिला हुआ. चंपावत 15 सितंबर 1997 में पिथौरागढ़ से अलग करके स्वतंत्र जिला बनाया गया था. इस कारण चंपावत के लोगों में सीएम धामी को लेकर अपने जिले का वासी होने की फीलिंग भी होगी. बीजेपी इस फीलिंग को वोटों में तब्दील करना चाहेगी.

सीएम धामी ने क्या कहा: गहतोड़ी के इस्तीफा देने के बाद सीएम धामी ने चंपावत में कहा था कि मां पूर्णागिरि और मां शारदा ने मुझे बुलाया है. सीएम ने ये भी कहा था कि चंपावत मां बाराही देवी का धाम है. गोल्ज्यू का धाम है. मैं शारदा किनारे ही पैदा हुआ, इसलिए यहां से लगाव है. कैलाश गहतोड़ी के चंपावत विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद सीएम धामी ने यहां से चुनाव लड़ने के अनेक कारण बताए.

क्या होता है उपचुनाव: उपचुनाव मुख्य चुनाव के बाद होने वाला चुनाव है जो मुख्य चुनाव न हो पाने की स्थिति में करवाया जाता है. ज्यादातर मामलों में ये चुनाव किसी चुने गए प्रतिनिधि के निधन, किसी के इस्तीफा देने या किसी के अपात्र घोषित होने के कारण होता है. चंपावत सीट से बीजेपी के विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने इस्तीफा दिया है, इसलिए यहां उपचुनाव होगा.

Last Updated : May 2, 2022, 7:04 PM IST
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