देहरादून: उत्तराखंड हर साल की तरह इस साल भी जंगलों में आग की घटनाओं से जूझ रहा है. प्रदेश के कई जनपदों में वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं. ऐसे में विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. विपक्ष का कहना है कि सरकार उत्तराखंड के जंगलों के प्रति जरा भी गंभीर नहीं है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress spokesperson Garima Dasauni) का कहना है कि उत्तराखंड के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. आग की जद में कई गांव आ चुके हैं. आग बुझाते-बुझाते कई ग्रामीण झुलस भी चुके हैं. ऐसे में वन मंत्री को चाहिए कि इन परिस्थितियों में समीक्षा बैठक करें और जंगलों में लगी आग को बुझाने की दिशा में कार्य योजना तैयार करें. लेकिन वह अपने निजी कार्यों की वजह से मुंबई में हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि अगर वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) के लिए इस घड़ी में निजी कार्य प्राथमिकता है, तो फिर उन्हें जिम्मेदार पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए. क्योंकि, यह हमारे पूरे राज्य की वन भूमि का मामला है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पूरे नॉर्दन इंडिया को ऑक्सीजन कवर देता है, लेकिन आग से पर्यावरण को भारी चोट पहुंच रही है. विपक्ष ने सवाल उठाया कि आखिर वन मंत्री का मुंबई में ऐसा कौन सा निजी काम है, जहां उन्हें इतने दिन बिताने पढ़ रहे हैं.
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इस पर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन (BJP Vice President Dr Devendra Bhasin) का कहना है कि वनों की आग को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग पूरी ताकत के साथ काम कर रहा है. साथ ही जंगलों में आग बुझाने के लिए अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है. उन्होंने इस विषय को राजनीति से अलग बताते हुए कहा कि ये दुःख की बात है कि कांग्रेस को हर बात पर राजनीति करने की आदत पड़ गई है. इसकी मुख्य वजह ये है कि कांग्रेस बार-बार पराजित होने के कारण कुंठित हो गई है और अपनी कुंठा अनर्गल बयानबाजी करके निकालती है.