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धन सिंह रावत का सेल्फ गोल! संगठन की मीटिंग को बताया मंत्रिपरिषद की बैठक, कांग्रेस ने घेरा

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष दो दिवसीय दौर पर देहरादून में हैं. वहीं, इस दौरान उन्होंने सीएम धामी सहित कैबिनेट मंत्री के साथ बैठक की. जिसे डॉ धन सिंह रावत ने मंत्रिपरिषद की बैठक बता दिया. इतना ही नहीं बीजेपी के ऑफिशियल सोशल मीडिया पेज पर भी इस मंत्रिपरिषद की बैठक बताया गया है. जिसको लेकर कांग्रेस ने इस संवैधानिक संकट बताया है.

Minister Dhan Singh Rawat post
मंत्री धन सिंह रावत का पोस्ट
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Published : Apr 24, 2022, 4:29 PM IST

Updated : Apr 24, 2022, 7:22 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) अक्सर ही अपने अजीब बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. इस बार चर्चा उनके उस ज्ञान की है, जो उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर दिया है. दरअसल शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम मंत्रालय को देख रहे धन सिंह मंत्रिपरिषद शब्द का मतलब (Meaning of the word council of ministers) ही नहीं जानते. यही नहीं भाजपा के नेताओं को भी इस शब्द का महत्व नहीं पता है.

शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भाजपा कार्यालय में राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष की मुख्यमंत्री और मंत्रियों से हुई सामान्य मुलाकात को मंत्रिपरिषद की बैठक बता दिया. राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष अपने दो दिवसीय दौरे को लेकर शनिवार शाम देहरादून पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पार्टी मुख्यालय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित मंत्रियों से मुलाकात की. हैरत की बात यह है कि इस सामान्य मुलाकात या बैठक को सरकार के मंत्रियों ने मंत्रिपरिषद की बैठक मान लिया.

Minister Dhan Singh Rawat post
मंत्री धन सिंह रावत का पोस्ट.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में बिजली कटौती पर भड़के CM धामी, अधिकारियों से मांगा जवाब

इतना ही नहीं भाजपा के कई बड़े नेता इसे मंत्री परिषद की बैठक बता रहे हैं. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने तो बकायदा अपने फेसबुक पोस्ट में राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष के मार्गदर्शन में मंत्रिपरिषद की बैठक होने की बात लिखी है. यही नहीं पार्टी के ऑफिशियल पेज बीजेपी उत्तराखंड समेत प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने भी अपने सोशल अकाउंट पर मंत्रिपरिषद होने की जानकारी दी है. इस बैठक की सत्यता के लिए बकायदा इन अकाउंट पर बैठक की फोटो भी डाली गई है.

अब भाजपा सरकार के मंत्री और नेताओं को मंत्रिपरिषद शब्द का ज्ञान नहीं रहा या इसे भूल वंश लिख दिया गया, इसका जवाब तो वही नेता दे सकते हैं, लेकिन इतना जरूर है कि जिस तरह सरकार के मंत्री समेत आधिकारिक भाजपा के सोशल मीडिया पेज और महामंत्री संगठन की तरफ से बैठक के लिए मंत्रिपरिषद शब्द का प्रयोग किया गया वह चौंकाने वाला है.

वहीं, इस मामले पर कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत (Former MLA Manoj Rawat) ने तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा सरकार के मंत्री धन सिंह रावत शायद मंत्रिपरिषद शब्द का मतलब ही नहीं जानते. मनोज रावत ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह एक संवैधानिक संकट है. क्योंकि मुख्यमंत्री समेत पूरा मंत्रिमंडल पद एवं गोपनीयता की शपथ (Cabinet Oath of Office and Secrecy) से बंधा हुआ है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने CM धामी के एक माह के कार्यकाल को बताया निराशाजनक, कहा- सरकार के पास नहीं है रोडमैप

उन्होंने लिखा मंत्री जी को यह लिखने से पहले एक बार संविधान के आर्टिकल 163 और 164 को पढ़ लेना चाहिए था. इसी मामले पर अपनी दूसरी पोस्ट में मनोज रावत कहते हैं कि, उन्हें लगा केवल मंत्री धन सिंह ने भूलवश यह लिख दिया होगा, लेकिन भाजपा के बाकी नेताओं और पार्टी के आधिकारिक पेज पर जिस तरह मंत्रिपरिषद की बैठक होने की बात को लिखा गया है, उससे इसे भूल तो नहीं कहा जा सकता. मनोज रावत ने लिखा सरकार के मंत्री अधिकारियों की सीआर लिखने का अधिकार मांग रहे हैं. जबकि उन्हें अपने अधिकारों का ही ज्ञान नहीं है.

वहीं, इस मामले पर भाजपा के कई नेताओं से बात करने की कोशिश की गई. इस मामले में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स ने कहा कि जो शब्द लिखा गया है, वह भूल वंश लिख दिया गया है. इसे अन्यथा नहीं लेना चाहिए. यह पहला मौका नहीं है, जब धन सिंह रावत ने कोई ऐसी बात लिखी या कह दी हो और उनकी बातों पर विवाद शुरू हो गया हो, लेकिन इस बार तो मंत्री के साथ भाजपा नेता भी मंत्रिपरिषद शब्द लिख कर इस विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बोले सुबोध उनियाल, महिलाओं को आरक्षण मिलने से हुआ लाभ

मंत्रिपरिषद बैठक का महत्व: मंत्रिपरिषद का तात्पर्य मंत्रियों के समूह की बैठक से है. संविधान में मंत्रिपरिषद की बैठक से जुड़े प्रोटोकॉल और नियम दिए गए हैं. राज्य के परिपेक्ष में मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री होते हैं. यानी राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ही होती है. यही नहीं मंत्रियों की संख्या और मंत्रिपरिषद में लिए गए फैसलों की गोपनीयता तक के लिए भी नियम हैं.

ऐसे में विधानसभा के गैर सदस्य ही नहीं खुद विधायक भी सामान्य रूप से इसका हिस्सा नहीं हो सकते. इतने महत्वपूर्ण विषय वाली मंत्रिपरिषद को लेकर भाजपा दफ्तर में बैठक होने की बात कहना या इसकी जानकारी देना, अपने आप में बेहद गंभीर है. हालांकि, यह एक भूल हो सकती है, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले को उठाकर इसे मंत्री और भाजपा के नेताओं के ज्ञान से जोड़ दिया है.

कैबिनेट मंत्री के कार्यालय ने दी सफाई: वहीं पूरे मामले में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के कार्यालय की तरफ से सफाई दी गई है. उनका कहना है कि इस पोस्ट को मंत्री धन सिंह रावत की तरफ से नहीं डाला गया था. कैबिनेट मंत्री का सोशल मीडिया संभालने वाले कर्मचारी की छुट्टी होने के कारण एक दूसरे स्टाफ की तरफ से गलती से मंत्रिपरिषद शब्द का प्रयोग किया गया. इस बात की जानकारी लगते ही फौरन इस पोस्ट को हटा दिया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) अक्सर ही अपने अजीब बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. इस बार चर्चा उनके उस ज्ञान की है, जो उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर दिया है. दरअसल शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम मंत्रालय को देख रहे धन सिंह मंत्रिपरिषद शब्द का मतलब (Meaning of the word council of ministers) ही नहीं जानते. यही नहीं भाजपा के नेताओं को भी इस शब्द का महत्व नहीं पता है.

शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भाजपा कार्यालय में राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष की मुख्यमंत्री और मंत्रियों से हुई सामान्य मुलाकात को मंत्रिपरिषद की बैठक बता दिया. राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष अपने दो दिवसीय दौरे को लेकर शनिवार शाम देहरादून पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पार्टी मुख्यालय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित मंत्रियों से मुलाकात की. हैरत की बात यह है कि इस सामान्य मुलाकात या बैठक को सरकार के मंत्रियों ने मंत्रिपरिषद की बैठक मान लिया.

Minister Dhan Singh Rawat post
मंत्री धन सिंह रावत का पोस्ट.

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इतना ही नहीं भाजपा के कई बड़े नेता इसे मंत्री परिषद की बैठक बता रहे हैं. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने तो बकायदा अपने फेसबुक पोस्ट में राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष के मार्गदर्शन में मंत्रिपरिषद की बैठक होने की बात लिखी है. यही नहीं पार्टी के ऑफिशियल पेज बीजेपी उत्तराखंड समेत प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने भी अपने सोशल अकाउंट पर मंत्रिपरिषद होने की जानकारी दी है. इस बैठक की सत्यता के लिए बकायदा इन अकाउंट पर बैठक की फोटो भी डाली गई है.

अब भाजपा सरकार के मंत्री और नेताओं को मंत्रिपरिषद शब्द का ज्ञान नहीं रहा या इसे भूल वंश लिख दिया गया, इसका जवाब तो वही नेता दे सकते हैं, लेकिन इतना जरूर है कि जिस तरह सरकार के मंत्री समेत आधिकारिक भाजपा के सोशल मीडिया पेज और महामंत्री संगठन की तरफ से बैठक के लिए मंत्रिपरिषद शब्द का प्रयोग किया गया वह चौंकाने वाला है.

वहीं, इस मामले पर कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत (Former MLA Manoj Rawat) ने तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा सरकार के मंत्री धन सिंह रावत शायद मंत्रिपरिषद शब्द का मतलब ही नहीं जानते. मनोज रावत ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह एक संवैधानिक संकट है. क्योंकि मुख्यमंत्री समेत पूरा मंत्रिमंडल पद एवं गोपनीयता की शपथ (Cabinet Oath of Office and Secrecy) से बंधा हुआ है.

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उन्होंने लिखा मंत्री जी को यह लिखने से पहले एक बार संविधान के आर्टिकल 163 और 164 को पढ़ लेना चाहिए था. इसी मामले पर अपनी दूसरी पोस्ट में मनोज रावत कहते हैं कि, उन्हें लगा केवल मंत्री धन सिंह ने भूलवश यह लिख दिया होगा, लेकिन भाजपा के बाकी नेताओं और पार्टी के आधिकारिक पेज पर जिस तरह मंत्रिपरिषद की बैठक होने की बात को लिखा गया है, उससे इसे भूल तो नहीं कहा जा सकता. मनोज रावत ने लिखा सरकार के मंत्री अधिकारियों की सीआर लिखने का अधिकार मांग रहे हैं. जबकि उन्हें अपने अधिकारों का ही ज्ञान नहीं है.

वहीं, इस मामले पर भाजपा के कई नेताओं से बात करने की कोशिश की गई. इस मामले में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स ने कहा कि जो शब्द लिखा गया है, वह भूल वंश लिख दिया गया है. इसे अन्यथा नहीं लेना चाहिए. यह पहला मौका नहीं है, जब धन सिंह रावत ने कोई ऐसी बात लिखी या कह दी हो और उनकी बातों पर विवाद शुरू हो गया हो, लेकिन इस बार तो मंत्री के साथ भाजपा नेता भी मंत्रिपरिषद शब्द लिख कर इस विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं.

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मंत्रिपरिषद बैठक का महत्व: मंत्रिपरिषद का तात्पर्य मंत्रियों के समूह की बैठक से है. संविधान में मंत्रिपरिषद की बैठक से जुड़े प्रोटोकॉल और नियम दिए गए हैं. राज्य के परिपेक्ष में मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री होते हैं. यानी राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ही होती है. यही नहीं मंत्रियों की संख्या और मंत्रिपरिषद में लिए गए फैसलों की गोपनीयता तक के लिए भी नियम हैं.

ऐसे में विधानसभा के गैर सदस्य ही नहीं खुद विधायक भी सामान्य रूप से इसका हिस्सा नहीं हो सकते. इतने महत्वपूर्ण विषय वाली मंत्रिपरिषद को लेकर भाजपा दफ्तर में बैठक होने की बात कहना या इसकी जानकारी देना, अपने आप में बेहद गंभीर है. हालांकि, यह एक भूल हो सकती है, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले को उठाकर इसे मंत्री और भाजपा के नेताओं के ज्ञान से जोड़ दिया है.

कैबिनेट मंत्री के कार्यालय ने दी सफाई: वहीं पूरे मामले में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के कार्यालय की तरफ से सफाई दी गई है. उनका कहना है कि इस पोस्ट को मंत्री धन सिंह रावत की तरफ से नहीं डाला गया था. कैबिनेट मंत्री का सोशल मीडिया संभालने वाले कर्मचारी की छुट्टी होने के कारण एक दूसरे स्टाफ की तरफ से गलती से मंत्रिपरिषद शब्द का प्रयोग किया गया. इस बात की जानकारी लगते ही फौरन इस पोस्ट को हटा दिया गया है.

Last Updated : Apr 24, 2022, 7:22 PM IST
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