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चुनावी मौसम में शुरू हुई सेंधमारी की सियासत, दलों ने किये दल-बदल के बड़े-बड़े दावे - Uttarakhand assembly elections special news

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav 2022) से पहले नेताओं के दलबदल का सिलसिला अब जोर पकड़ने लगा है. राजनीतिक दल भी खुद को मजबूत करने के लिए दलों में सेंधमारी कर रहे हैं. भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सभी चुनावों से पहले बड़े-बड़े नेताओं के अपनी पार्टी में शामिल होने के दावे कर रहे हैं.

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चुनावी मौसम में शुरू हुई सेंधमारी की सियासत
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Published : Sep 8, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 9:34 PM IST

देहरादून: 2022 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में सेंधमारी का खेल शुरू हो गया है. फिलहाल छोटे नेता एक दल छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम रहे हैं. आने वाले दिनों में बड़े-बड़े नेताओं की भी दल-बदल की खबरें सियासी गलियारों में गूंजेंगी. हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ का नाम इस लिस्ट में सबसे आगे है.

कांग्रेस पहले भी इस बात का दावा कर चुकी है कि उनके संपर्क में भाजपा के कई बड़े नेता हैं. वहीं अब आम आदमी पार्टी भी समय-समय पर भाजपा नेताओं के आप में शामिल होने की बात कहती आ रही है. आप का कहना है कि भाजपा दो बड़े नेता समेत तमाम पूर्व दायित्वधारी आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं.


उत्तराखंड राज्य में चुनावी सरगर्मियां शुरू हो गई हैं. जिससे राज्य में राजनीतिक दल पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं. वहीं, नेता भी अपने भविष्य के गणित को बिठाने के गुणा-भाग में लग गये हैं. हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव में अभी तीन से चार महीने का वक्त है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां अभी से ही अपने दलों को और मजबूत करने की कवायद में जुट गई हैं. जिसके लिए अन्य दलों के नेताओं को अपने दलों में शामिल करने की कोशिशें की जा रही हैं.


आगामी विधानसभा चुनाव रहेगा काफी रोचक: आप के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने बताया कि काफी लोग संपर्क में हैं, लेकिन पिछले 3 महीने में जो परिस्थितियां बदली हैं, लिहाजा उन चीजों को समझने की आवश्यकता है. यह तय है कि कुछ नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं. ऐसे में आगामी साल 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव काफी रोचक रहने वाला है. यही नहीं, दिनेश ने बताया कि जो नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं वह चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी प्रदेश में सरकार बनाये.

दलों के बड़े-बड़े दावे

पढ़ें-चुनाव से पहले उत्तराखंड में शुरू हुआ दल-बदल का 'खेल', कितना सही-कितना गलत?

करीब 20 दायित्वधारी आप के संपर्क में: आप के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने पूरे दावे के साथ इस बात को कहा कि पहले चार नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में थे. नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद दो नेता अपने नए मुख्यमंत्री से संतुष्ट हो गए हैं. लिहाजा अभी भी दो नेता, आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा भाजपा में इन दिनों फूट देखने को मिल रही है. जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिलेगा. उन्होंने कहा करीब 15 से 20 पूर्व दायित्वधारी नेता आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं.

पढ़ें- शराब ठेकों पर नहीं रुक रही ओवर रेटिंग, चार साल में 879 शिकायतों पर हुई कार्रवाई


नवंबर में आप जारी करेगी उम्मीदवारों की लिस्ट: दिनेश मोहनिया ने कहा आम आदमी पार्टी पहली ऐसी पार्टी होगी जो नवंबर महीने में अपने उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट जारी कर देगी. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि अंतिम समय में अगर किसी नेता का किसी अन्य दल से टिकट कट गया है और वह आम आदमी पार्टी में संभावनाएं देखता है तो उसे टिकट नहीं मिलेगा. ट्रिपल सी के फार्मूले पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों को टिकट देगी. जिसमें करप्ट, कम्युनल और क्रिमिनल जैसे व्यक्तियों को टिकट नहीं दिया जाएगा.

पढ़ें-धनौल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने ज्वाइन की BJP, बलूनी-स्मृति ईरानी ने दिलाई सदस्यता

भाजपा नेताओं का शामिल होना आम आदमी पार्टी का खयाली पुलाव: वहीं, आप के प्रदेश प्रभारी के इस बयान पर भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा आम आदमी पार्टी खयाली पुलाव पका रही है. यह उनका फ्रस्ट्रेशन है. इस पार्टी ने जितने हाथ पैर मारने थे मार लिये, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ. जिसके चलते आम आदमी पार्टी बिना सिर-पैर की बातें कर सिर्फ चर्चा में बने रहना चाहती है. उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी के सभी बड़े से लेकर छोटे कार्यकर्ता एक मुट्ठी की तरह, एक साथ पूरी ताकत के साथ खड़े हैं. लिहाजा भाजपा का एक भी कार्यकर्ता किसी अन्य दल में शामिल नहीं होगा.

पढ़ें- प्रदेश का झगड़ा दिल्ली दरबार ले गए उमेश 'काऊ', आर-पार के मूड में

तमाम नेताओं की कांग्रेस से है उम्मीदें: वहीं, कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने बताया कि चुनाव से पहले लोगों का पार्टी ज्वाइन करना और एक दल से दूसरे दलों में जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. जिसका प्लेसमेंट कहीं नहीं हो पाता है तो वह नया घर ढूढता है. जिस तरह से कांग्रेस परिवर्तन यात्रा निकाल रही है, उससे यह साफ स्पष्ट हो गया है कि जनता को अब कांग्रेस से उम्मीदें हैं. यही नहीं, तमाम नेताओं की उम्मीदें भी कांग्रेस से हैं. ऐसे में तमाम लोग इस सोच के साथ हैं. आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले दिल्ली चला ले उसके बाद फिर उत्तराखंड में देखा जाएगा, क्योंकि, दिल्ली की स्थिति बद से बदतर हो रही है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री के नैनीताल दौरे का विरोध, कांग्रेसियों ने लगाए 'CM Go Back' के नारे

ताजा घटनाक्रम में धनौल्टी सीट से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. बीजेपी के मीडिया हेड अनिल बलूनी ने प्रीतम को दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दिलाई. प्रीतम सिंह पंवार 2017 में बीजेपी की प्रचंड लहर के बावजूद निर्दलीय जीते थे. वे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में निर्दलीय विधायकों का गठबंधन पीडीएफ अहम भूमिका में रहे थे.

इसी गठबंधन का हिस्सा रहे प्रीतम सिंह पंवार को सरकार ने पीडीएफ कोटे से मंत्री पद दिया था. अब उन्हें अपने दल में शामिल करवाकर बीजेपी ने बड़ी बाजी मारी है. वहीं, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ हुए कार्यकर्ताओं के बवाल के बाद कांग्रेस भी एक्टिव हो गई है. फिलहाल, काऊ इस मामले को दिल्ली दरबार तक ले गए. उन्हें बीजेपी के प्रदेश संगठन से सुलह की कोई उम्मीद नहीं है. कांग्रेस भी मौके की नजाकत को समझते हुए उमेश शर्मा को वापसी का लॉलीपॉप दिखा रही है.

देहरादून: 2022 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में सेंधमारी का खेल शुरू हो गया है. फिलहाल छोटे नेता एक दल छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम रहे हैं. आने वाले दिनों में बड़े-बड़े नेताओं की भी दल-बदल की खबरें सियासी गलियारों में गूंजेंगी. हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ का नाम इस लिस्ट में सबसे आगे है.

कांग्रेस पहले भी इस बात का दावा कर चुकी है कि उनके संपर्क में भाजपा के कई बड़े नेता हैं. वहीं अब आम आदमी पार्टी भी समय-समय पर भाजपा नेताओं के आप में शामिल होने की बात कहती आ रही है. आप का कहना है कि भाजपा दो बड़े नेता समेत तमाम पूर्व दायित्वधारी आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं.


उत्तराखंड राज्य में चुनावी सरगर्मियां शुरू हो गई हैं. जिससे राज्य में राजनीतिक दल पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं. वहीं, नेता भी अपने भविष्य के गणित को बिठाने के गुणा-भाग में लग गये हैं. हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव में अभी तीन से चार महीने का वक्त है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां अभी से ही अपने दलों को और मजबूत करने की कवायद में जुट गई हैं. जिसके लिए अन्य दलों के नेताओं को अपने दलों में शामिल करने की कोशिशें की जा रही हैं.


आगामी विधानसभा चुनाव रहेगा काफी रोचक: आप के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने बताया कि काफी लोग संपर्क में हैं, लेकिन पिछले 3 महीने में जो परिस्थितियां बदली हैं, लिहाजा उन चीजों को समझने की आवश्यकता है. यह तय है कि कुछ नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं. ऐसे में आगामी साल 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव काफी रोचक रहने वाला है. यही नहीं, दिनेश ने बताया कि जो नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं वह चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी प्रदेश में सरकार बनाये.

दलों के बड़े-बड़े दावे

पढ़ें-चुनाव से पहले उत्तराखंड में शुरू हुआ दल-बदल का 'खेल', कितना सही-कितना गलत?

करीब 20 दायित्वधारी आप के संपर्क में: आप के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने पूरे दावे के साथ इस बात को कहा कि पहले चार नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में थे. नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद दो नेता अपने नए मुख्यमंत्री से संतुष्ट हो गए हैं. लिहाजा अभी भी दो नेता, आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा भाजपा में इन दिनों फूट देखने को मिल रही है. जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिलेगा. उन्होंने कहा करीब 15 से 20 पूर्व दायित्वधारी नेता आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं.

पढ़ें- शराब ठेकों पर नहीं रुक रही ओवर रेटिंग, चार साल में 879 शिकायतों पर हुई कार्रवाई


नवंबर में आप जारी करेगी उम्मीदवारों की लिस्ट: दिनेश मोहनिया ने कहा आम आदमी पार्टी पहली ऐसी पार्टी होगी जो नवंबर महीने में अपने उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट जारी कर देगी. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि अंतिम समय में अगर किसी नेता का किसी अन्य दल से टिकट कट गया है और वह आम आदमी पार्टी में संभावनाएं देखता है तो उसे टिकट नहीं मिलेगा. ट्रिपल सी के फार्मूले पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों को टिकट देगी. जिसमें करप्ट, कम्युनल और क्रिमिनल जैसे व्यक्तियों को टिकट नहीं दिया जाएगा.

पढ़ें-धनौल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने ज्वाइन की BJP, बलूनी-स्मृति ईरानी ने दिलाई सदस्यता

भाजपा नेताओं का शामिल होना आम आदमी पार्टी का खयाली पुलाव: वहीं, आप के प्रदेश प्रभारी के इस बयान पर भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा आम आदमी पार्टी खयाली पुलाव पका रही है. यह उनका फ्रस्ट्रेशन है. इस पार्टी ने जितने हाथ पैर मारने थे मार लिये, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ. जिसके चलते आम आदमी पार्टी बिना सिर-पैर की बातें कर सिर्फ चर्चा में बने रहना चाहती है. उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी के सभी बड़े से लेकर छोटे कार्यकर्ता एक मुट्ठी की तरह, एक साथ पूरी ताकत के साथ खड़े हैं. लिहाजा भाजपा का एक भी कार्यकर्ता किसी अन्य दल में शामिल नहीं होगा.

पढ़ें- प्रदेश का झगड़ा दिल्ली दरबार ले गए उमेश 'काऊ', आर-पार के मूड में

तमाम नेताओं की कांग्रेस से है उम्मीदें: वहीं, कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने बताया कि चुनाव से पहले लोगों का पार्टी ज्वाइन करना और एक दल से दूसरे दलों में जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. जिसका प्लेसमेंट कहीं नहीं हो पाता है तो वह नया घर ढूढता है. जिस तरह से कांग्रेस परिवर्तन यात्रा निकाल रही है, उससे यह साफ स्पष्ट हो गया है कि जनता को अब कांग्रेस से उम्मीदें हैं. यही नहीं, तमाम नेताओं की उम्मीदें भी कांग्रेस से हैं. ऐसे में तमाम लोग इस सोच के साथ हैं. आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले दिल्ली चला ले उसके बाद फिर उत्तराखंड में देखा जाएगा, क्योंकि, दिल्ली की स्थिति बद से बदतर हो रही है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री के नैनीताल दौरे का विरोध, कांग्रेसियों ने लगाए 'CM Go Back' के नारे

ताजा घटनाक्रम में धनौल्टी सीट से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. बीजेपी के मीडिया हेड अनिल बलूनी ने प्रीतम को दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दिलाई. प्रीतम सिंह पंवार 2017 में बीजेपी की प्रचंड लहर के बावजूद निर्दलीय जीते थे. वे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में निर्दलीय विधायकों का गठबंधन पीडीएफ अहम भूमिका में रहे थे.

इसी गठबंधन का हिस्सा रहे प्रीतम सिंह पंवार को सरकार ने पीडीएफ कोटे से मंत्री पद दिया था. अब उन्हें अपने दल में शामिल करवाकर बीजेपी ने बड़ी बाजी मारी है. वहीं, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ हुए कार्यकर्ताओं के बवाल के बाद कांग्रेस भी एक्टिव हो गई है. फिलहाल, काऊ इस मामले को दिल्ली दरबार तक ले गए. उन्हें बीजेपी के प्रदेश संगठन से सुलह की कोई उम्मीद नहीं है. कांग्रेस भी मौके की नजाकत को समझते हुए उमेश शर्मा को वापसी का लॉलीपॉप दिखा रही है.

Last Updated : Sep 8, 2021, 9:34 PM IST
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