देहरादून: उत्तराखंड में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. प्रदेश में पहले से स्थापित बीजेपी और कांग्रेस के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी भी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में है. इस कारण उत्तराखंड में होने वाला विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय हो गया है.
AAP के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्नल अजय कोठियाल को सीएम पद का चेहरा घोषित किया है. साथ ही केजरीवाल ने उत्तराखंड को पूरी दुनिया के हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक राजधानी बनाए जाने का वादा किया है. लेकिन उत्तराखंड की राजनीति में एक और नया मोड़ देखने को मिला है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अब यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड में भी चुनावी ताल ठोकने जा रही है. इससे केजरीवाल की पार्टी का गणित गड़बड़ा सकता है.
तैयारियों में जुटीं पार्टियां: लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, चुनाव से पहले एक चीज सबसे ज्यादा खबरों में रहती है और वो चुनावी घोषणा पत्र. उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भी इसकी काफी चर्चा हो रही है. क्योंकि प्रदेश के सभी राजनीतिक दल मेनिफेस्टो (Manifesto) तैयार करने में जुट गए हैं. ऐसे में फिर से घोषणा पत्र पर चर्चा होनी शुरू हो गई है.
दरअसल, चुनाव में घोषणा पत्र पार्टी के लोगों और देश या राज्य के प्रति सोच को दर्शाता है. घोषणा पत्र के माध्यम से पार्टी विचारधारा, सोच, योजनाओं और वादों को लेकर जनता के बीच जाती है. यह जनता द्वारा निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में उत्तराखंड की दोनों मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही थर्ड फ्रंट के रूप में उभरी आम आदमी पार्टी भी अपना मेनिफेस्टो तैयार करने में जुट गई है.
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बीजेपी का घोषणा पत्र: मेनिफेस्टो के सवाल पर बोलते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पार्टी मेनिफेस्टो तैयार करने में जुटी हुई है, जिसे जल्द ही जनता के बीच लाया जाएगा. मदन कौशिक ने कहा कि फिलहाल पार्टी साल 2017 में जारी हुए घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने में जुट गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक 2017 में जारी घोषणा पत्र के करीब 85% वादे पूरे हो चुके हैं. ऐसे में आगामी चुनाव को देखते हुए अन्य मुद्दों को मेनिफेस्टो में शामिल किया जा रहा है.
कांग्रेस की तैयारी: कांग्रेस मेनिफेस्टो के संयोजक सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि कांग्रेस 'जनता को, जनता के लिए और जनता के द्वारा' नारे के साथ चुनाव घोषणा पत्र को तैयार कर रही है. चुनावी घोषणा पत्र में कई अहम मुद्दों को शामिल किया जाएगा. जिसमें बेरोजगारी, महंगाई, अपराध मुक्त समाज, किसानों को कर्ज से मुक्त करने, शिक्षा, जर्जर स्वास्थ्य सेवाएं समेत तमाम अन्य मुद्दे हैं, जिनको लेकर कांग्रेस अभी फिलहाल खाका तैयार कर रही है. जिसे कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करेगी. साथ ही कहा कि इस पर कांग्रेस की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव से काफी पहले ही चुनाव घोषणा पत्र को जनता के बीच ले आएगी, ताकि जनता को घोषणा पत्र के प्रति जानकारियां दी जा सकें.
AAP का ऐसा होगा मेनिफेस्टो: आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल के मुताबिक पार्टी अपना मेनिफेस्टो तैयार करने में जुट गई है. आम आदमी पार्टी जनता से सीधे संवाद करती है और जो सुझाव जनता से प्राप्त होते हैं, उन्हें मेनिफेस्टो में शामिल किया जाएगा. यही नहीं, मुख्यमंत्री का चेहरा जनता से पूछने के बाद ही घोषित किया गया है. लिहाजा, मेनिफेस्टो जनता की राय के अनुसार ही तैयार किया जाएगा. जनता ने बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, फ्री बिजली के साथ ही मुफ्त पानी और करप्शन पर लगाम लगाने का सुझाव दिया है, जो मेनिफेस्टो में शामिल किया जाएगा.
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वहीं, मेनिफेस्टो के सवाल पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी चुनावी घोषणा पत्र में अपने किए गए विकास कार्यों को समाहित करते हुए अन्य जनता से जुड़े विवादों को अपने मेनिफेस्टो में शामिल करती है. विपक्षी दल पूर्व में सत्ताधारी पार्टी द्वारा जारी की गई मेनिफेस्टो में से बचे हुए घोषणाओं को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जाती है.
लिहाजा प्रदेश के विपक्षी दल के पास तमाम ऐसे मुद्दे मौजूद हैं, जिन मुद्दों को तो साल 2017 में भाजपा सरकार ने उठाया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन मुद्दों को पूरा नहीं किया. साथ ही बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से विपक्षी दल, लोकायुक्त, भू-कानून, फ्री बिजली, बेरोजगारी के मुद्दे को उठाएगी, जिसे जनता सीधे कैच करेगी.