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पुलिस रैंकर प्रमोशन परीक्षा परिणाम से जवानों में मायूसी, DGP से लगाई ये गुहार - पुलिस रैंकर परीक्षा परिणाम से जवान नाखुश

उत्तराखंड पुलिस रैंकर प्रमोशन परीक्षा परिणाम से जवान खासे मायूस हैं. कोर्ट ने सिविल पुलिस और पीएसी प्लाटून कमांडर के 138 दारोगा पदों के प्रमोशन परिणाम पर रोक लगाई है.

police ranker exam result
पुलिस रैंकर प्रमोशन परीक्षा
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Published : Sep 21, 2021, 10:01 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 10:19 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस विभाग में रैंकर प्रमोशन परीक्षा का आधा-अधूरा परिणाम जारी होने से पुलिस जवानों में मायूसी है. खासतौर पर उन पुलिसकर्मियों का दर्द छलक रहा है, जिनका नाम प्रमोशन चयनित मेरिट लिस्ट में एक या डेढ़ नंबर से पीछे रह गया है. वहीं, डीजीपी अशोक कुमार से समस्या को दूर करने की गुहार लगाई है. उधर, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से 23 सितंबर तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, इस रैंकर प्रमोशन परीक्षा में हेड कॉन्स्टेबल और दारोगा जैसे दोनों पदों के लिए प्रमोशन की परीक्षा आयोजित कराई गई थी. यही कारण था कि इन दोनों पदों के लिए आवदेकों ने इस रैंकर्स परीक्षा में हिस्सा लिया था. लेकिन दूसरी ओर हाईकोर्ट में याचिका दायर के चलते दारोगा पदों के परिणाम पर रोक लगाई दी गई. जिसकी वजह से केवल कॉन्स्टेबल से हेड कॉन्स्टेबल पदों पर ही चयनित लोगों का परिणाम ही घोषित किया गया है.

ये भी पढ़ेंः ETV भारत की खबर पर मुहर, रैंकर परीक्षा का रिजल्ट घोषित, 856 पुलिसकर्मियों का प्रमोशन

हालांकि, ऐसे में रैंकर्स परीक्षा के उन परीक्षार्थियों को तो दोतरफा फायदा हो गया है, जो हेड कॉन्स्टेबल और दारोगा दोनों पदों के लिए मेरिट लिस्ट में चयनित हो गए हैं, लेकिन इसका नुकसान अब उन प्रतिभागियों को हो रहा है, जो केवल हेड कॉन्स्टेबल पदों पर उत्तीर्ण होने के बावजूद भी चयनित मेरिट सूची में नहीं आ सके. अब डीजीपी के सामने पेश होकर हेड कॉन्स्टेबल पद प्रमोशन में पीछे रहने वाले जवानों की ओर से लगातार गुहार लगाई जा रही है. वहीं, इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार की ओर से शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजकर समस्या के समाधान करने की जानकारी सामने आ रही है.

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगा जवाबः बता दें कि हरिद्वार निवासी जवान आशीष त्यागी ने दारोगा पदों के लिए आयोग पर परीक्षा पेपर में अंकों की अनियमितता जैसे आरोप लगाए थे. यही कारण है कि फिलहाल सिविल पुलिस और पीएसी प्लाटून कमांडर के कुल 138 (याचिकाकर्ता भी शामिल) दरोगा पदों के प्रमोशन परिणाम पर रोक लगाई गई है. याचिकाकर्ता आशीष त्यागी के कारण पुलिस में परीक्षा देकर उत्तीर्ण होने वाले चयनित 137 पुलिसकर्मियों का भविष्य अधर में लटका है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड पुलिस रैंकर परीक्षा परिणाम अधर में लटका, जानिए क्या है कारण

रैंकर परीक्षा में चयनित होने वाले 137 दारोगाओं का भविष्य एकमात्र याचिकाकर्ता के चलते फिलहाल अधर पर लटका हुआ है. हाईकोर्ट ने दारोगा पदों के परिणाम रोक मामले में याचिकाकर्ता जवान आशीष त्यागी को 23 सितंबर तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिया है. हालांकि, इस मामले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहले ही मामले में अपना जवाब कोर्ट में दाखिल कर चुका है.

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस विभाग में रैंकर प्रमोशन परीक्षा का आधा-अधूरा परिणाम जारी होने से पुलिस जवानों में मायूसी है. खासतौर पर उन पुलिसकर्मियों का दर्द छलक रहा है, जिनका नाम प्रमोशन चयनित मेरिट लिस्ट में एक या डेढ़ नंबर से पीछे रह गया है. वहीं, डीजीपी अशोक कुमार से समस्या को दूर करने की गुहार लगाई है. उधर, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से 23 सितंबर तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, इस रैंकर प्रमोशन परीक्षा में हेड कॉन्स्टेबल और दारोगा जैसे दोनों पदों के लिए प्रमोशन की परीक्षा आयोजित कराई गई थी. यही कारण था कि इन दोनों पदों के लिए आवदेकों ने इस रैंकर्स परीक्षा में हिस्सा लिया था. लेकिन दूसरी ओर हाईकोर्ट में याचिका दायर के चलते दारोगा पदों के परिणाम पर रोक लगाई दी गई. जिसकी वजह से केवल कॉन्स्टेबल से हेड कॉन्स्टेबल पदों पर ही चयनित लोगों का परिणाम ही घोषित किया गया है.

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हालांकि, ऐसे में रैंकर्स परीक्षा के उन परीक्षार्थियों को तो दोतरफा फायदा हो गया है, जो हेड कॉन्स्टेबल और दारोगा दोनों पदों के लिए मेरिट लिस्ट में चयनित हो गए हैं, लेकिन इसका नुकसान अब उन प्रतिभागियों को हो रहा है, जो केवल हेड कॉन्स्टेबल पदों पर उत्तीर्ण होने के बावजूद भी चयनित मेरिट सूची में नहीं आ सके. अब डीजीपी के सामने पेश होकर हेड कॉन्स्टेबल पद प्रमोशन में पीछे रहने वाले जवानों की ओर से लगातार गुहार लगाई जा रही है. वहीं, इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार की ओर से शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजकर समस्या के समाधान करने की जानकारी सामने आ रही है.

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगा जवाबः बता दें कि हरिद्वार निवासी जवान आशीष त्यागी ने दारोगा पदों के लिए आयोग पर परीक्षा पेपर में अंकों की अनियमितता जैसे आरोप लगाए थे. यही कारण है कि फिलहाल सिविल पुलिस और पीएसी प्लाटून कमांडर के कुल 138 (याचिकाकर्ता भी शामिल) दरोगा पदों के प्रमोशन परिणाम पर रोक लगाई गई है. याचिकाकर्ता आशीष त्यागी के कारण पुलिस में परीक्षा देकर उत्तीर्ण होने वाले चयनित 137 पुलिसकर्मियों का भविष्य अधर में लटका है.

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रैंकर परीक्षा में चयनित होने वाले 137 दारोगाओं का भविष्य एकमात्र याचिकाकर्ता के चलते फिलहाल अधर पर लटका हुआ है. हाईकोर्ट ने दारोगा पदों के परिणाम रोक मामले में याचिकाकर्ता जवान आशीष त्यागी को 23 सितंबर तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिया है. हालांकि, इस मामले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहले ही मामले में अपना जवाब कोर्ट में दाखिल कर चुका है.

Last Updated : Sep 21, 2021, 10:19 PM IST
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