देहरादूनः उत्तराखंड में साल 2015 की दरोगा भर्ती की जांच कर रहे जांच अधिकारी का विजिलेंस से जिले में तबादला कर दिया गया है. वैसे तो इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है, लेकिन हकीकत ये है कि पुलिस मुख्यालय की तरफ से 7 पुलिस निरीक्षकों के तबादले हुए हैं.
दरअसल, विजिलेंस में कार्यरत 3 पुलिस निरीक्षकों के पुलिस मुख्यालय के स्तर से तबादले किए गए हैं. इसके अलावा सीआईडी के भी एक पुलिस निरीक्षक को जिले के लिए स्थानांतरित किया गया है. उधर, अल्मोड़ा, चमोली और पुलिस मुख्यालय में तैनात तीन पुलिस निरीक्षकों को विजिलेंस और एसटीएफ में भेजा गया है. हालांकि, पुलिस मुख्यालय के स्तर से 7 निरीक्षक के तबादले हुए हैं, लेकिन चर्चा विजिलेंस में तैनात रहे चंचल शर्मा की हो रही है. जो पुलिस दरोगा भर्ती की जांच कर रहे थे.
पुलिस मुख्यालय के स्तर से कुमाऊं परिक्षेत्र में स्थानांतरित किया गया है. खास बात ये है कि इनमें से ज्यादातर पुलिस निरीक्षकों के तबादले समयावधि पूर्ण होने के चलते किए गए हैं. इनमें विजिलेंस से चंचल शर्मा, तुषार बोरा और मारुत शाह का तबादला किया गया है. इन तीनों ही पुलिस निरीक्षकों ने अपने 3 साल विजिलेंस में पूरे कर लिए थे.
ये भी पढ़ेंः व्यापम घोटाले में ब्लैकलिस्टेड कंपनी से कराई वन दारोगा परीक्षा, रडार पर संतोष बडोनी सहित 5 अधिकारी
देवेंद्र सिंह सीआईडी में थे, जिन्हें समय पूरा होने पर गढ़वाल परिक्षेत्र में स्थानांतरित किया गया है. पावन स्वरूप को अल्मोड़ा से अनुकंपा के आधार पर एसटीएफ भेजा गया है. कीर्ति कुमार श्रीवास्तव को पुलिस मुख्यालय से विजिलेंस में भेजा गया है. मनोज कुमार नैनवाल को चमोली से विजिलेंस के लिए भेजा गया है. इनका स्थानांतरण पदोन्नति के फल स्वरूप किया गया है.
आईजी कार्मिक विम्मी सचदेवा ने ईटीवी भारत को बताया कि जितने भी पुलिस निरीक्षकों के तबादले किए गए हैं, वो समयावधि पूर्ण होने के आधार पर किए गए हैं. यदि किसी विशेष जांच को लेकर किसी अधिकारी को उसी पद पर रोकने के लिए लिखा जाता है. तभी उसके फलस्वरूप कार्रवाई की जाती है. अन्यथा समय पूरा होने पर स्थानांतरण किया जाता है.