देहरादूनः बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाने के लिए कोटद्वार शहर में जगह-जगह प्लेबॉय जॉब (Playboy JOB) के पोस्टर लगे हैं. आलम ये है कि पुलिस के नाक के नीचे भी शातिर पोस्टर चस्पा कर रफ्फूचक्कर हो गए. जिसकी भनक पुलिसकर्मियों को तक नहीं लगी. जिसके बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया. अब पुलिस शातिरों को खोज रही है. बकायदा पुलिस ने पोस्टर में दिए नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया है. पुलिस की मानें तो नंबर की लोकेशन मिल चुकी है.
दरअसल, कोटद्वार शहर में बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, प्रमुख चौक चौराहों के साथ सरकारी और गैर सरकारी इमारतों की दीवारों पर प्लेबॉय जॉब के पोस्टर चिपकाए (Playboy Job Poster in Kotdwar) गए हैं. जिसमें लिखा कि लड़के Escort कंपनी से जुड़कर रोजाना 5000 से 10000 कमायें. बकायदा पोस्टर में एक नंबर भी लिखा है. इनता हीं नहीं कोतवाली के बाहर भी पोस्टर चस्पा किया गया है. जब से यह पोस्टर शहर में लगे हैं, तब से कोटद्वार पुलिस बेहद परेशान है.
दिल्ली और हरियाणा बॉर्डर पर मिली लोकेशनः कोटद्वार पुलिस पोस्टर में दिए नंबर की डिटेल और लोकेशन ट्रेस करने में जुट गई है. साथ ही शहर के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है. ताकि ये भी देखा जा सके कि आखिर रातों-रात पोस्टर लगाकर कौन गया है? पुलिस अधिकारी शेखर चंद की मानें तो फिलहाल नंबर को ट्रेसिंग पर लगाया गया है. हैरानी की बात ये है कि फोन कभी खुलता है तो कभी बंद हो जाता है. फिलहाल, फोन नंबर की लोकेशन दिल्ली और हरियाणा बॉर्डर के आसपास मिल रही है. पुलिस की टीम ने इस पूरे मामले पर काम कर रही है. उम्मीद है जल्द ही शातिरों को दबोच लिया जाएगा.
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ईटीवी भारत ने साधा संपर्क, नहीं उठा फोनः पुलिस अधिकारी भी मान रहे हैं यह किसी की शरारत हो सकती है. फिलहाल, पुलिस अधिकारी और जनप्रतिनिधि शहर में युवाओं से इस विज्ञापन पर ध्यान न देने की बात कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने भी इस नंबर पर कई बार कॉल किया, लेकिन लगातार घंटी जाने के बाद भी यह नंबर उठ नहीं रहा है. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार इन पोस्टरों के लिए कोटद्वार शहर को ही क्यों चुना गया? वे कौन लोग हैं, जो बेखौफ पूरे शहर में प्लेबॉय के पोस्टर (Kotdwar Playboy Poster) लगाकर चले भी गए.
ऐसे करते हैं ठगीः दरअसल, इन पोस्टरों को देखकर कई युवा लालच में आ जाते हैं और नंबरों पर कॉल कर देते हैं. जिसके बाद शातिर व्हाट्सएप के जरिए अमीर घरों की महिलाओं और लड़कियों के साथ दोस्ती समेत यौन संबंध बनाने का झांसा देकर मोटी कमाई करने का लालच देते हैं. इसके लिए शातिर फोटो, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर जैसी जानकारियां मांगते हैं. साथ ही पार्ट टाइम जॉब की बात कहकर लाइसेंस लेने की बात करते हैं.
वहीं, लाइसेंस के लिए रुपए जमा कराने को कहा जाता है. जिसके बाद ठगी को अंजाम दिया जाता है. इतना ही नहीं ये शातिर लोग व्हाट्सएप कॉल और वॉयस मैसेज के जरिए ही बात करते हैं. जब युवा ठगी का शिकार (Jobless Youth victims of fraud) हो जाते हैं तो लोकलाज और समाज में अपनी प्रतिष्ठा व छवि खराब न हो इसके डर से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने से कतराते हैं. वहीं, जब शातिर पोस्टर लगाते हैं तो इसकी भनक पुलिस प्रशासन को तक नहीं लगती है. रातोंरात पोस्टर लगाकर शातिर रफ्फूचक्कर हो जाते हैं.
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