देहरादून: कोरोना महामारी में मानवता के कई रूप सामने आ रहे हैं. एक तरफ जहां कई लोग इस संक्रमण में मदद के लिए बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो महामारी के डर से अपनों को ही छोड़ कर चले जा रहे हैं.
अब तक 474 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है पुलिस
अस्पताल में परिजनों द्वारा महामारी के डर से शवों को छोड़ कर चले जाने की खबरें इन दिनों आते रहती हैं. लेकिन इसी बीच पुलिस द्वारा ऐसे शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने की तस्वीरें भी सुकून देती हैं. दरअसल प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जहां परिजनों ने मरीजों को अस्पतालों में भर्ती तो करवा दिया, लेकिन उसके बाद उनकी खैर खबर लेने नहीं पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग ऐसी घड़ी में अपनों को छोड़ने वाले लोगों से मानवता की अपील कर रहा है.
इस मुसीबत की घड़ी में एक तरफ अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी समाज से ठुकराए गए इन लोगों की मदद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पुलिसकर्मी भी ऐसे लोगों का ख्याल रख रहे हैं. पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर पुलिसकर्मी ऐसे लोगों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर शवों के अंतिम संस्कार में भी लोगों की मदद कर रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस के जवान अब तक 474 ऐसे शवों का दाह संस्कार करा चुके हैं, जिन्हें उनके परिजन छोड़ कर चले गए थे.
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क्यों छोड़ चले जाते हैं अपने?
चिकित्सक कहते हैं कि एक तरफ लोगों को महामारी का डर है तो दूसरी तरफ पारिवारिक समस्या के कारण लोग अपनों को छोड़ रहे हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका कोई नहीं है, उनकी सेवा चिकित्साकर्मी या फिर पुलिसकर्मी कर रहे हैं.