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देहरादून पुलिस लूटकांड: सेमी ज्यूडिशियल टीम ने पूरी की जांज, आरोपी पुलिसकर्मी हो सकते हैं बर्खास्त

पुलिस ने मामले की जांच के लिए विभागीय अर्द्ध दंड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) गठित की थी. टीम ने जांच के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

पुलिस लूटकांड
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Published : Oct 19, 2019, 8:20 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव के दौरान देहरादून में पुलिस लूटकांड में फंसे आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस जल्द ही विभागीय कार्रवाई कर सकती है. उम्मीद है कि तीनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जा सकता है. इस मामले में पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग द्वारा गठित अर्द्ध दंड न्यायायिक टीम आरोपियों की सजा पर फैसला ले सकती है.

इस मामले में निलंबित दरोगा के अवकाश पर होने के कारण कुछ औपचारिकताएं लंबित थी. दरोगा के छुट्टी से वापस आने के बाद विभागीय अर्द्ध दंड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) द्वारा सम्भवतः अगले एक हफ्ते में इस पर निर्णय लिया जाएगा.

मामले की जांच कर रही सेमी ज्यूडिशियल टीम को तीनों निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज के अलावा कई और अहम सबूत मिले थे. जिनके आधार पर उन्हें दोषी ठहराया जा सकता है. इसके बाद उम्मीद की जा रही है तीनों आरोपियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक सकती है.

पढ़ें- कमलेश तिवारी हत्याकांड: हिंदू संगठन के लोगों का फूटा गुस्सा, ISIS का जलाया पुतला

हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी जैसी कोई सख्त कार्रवाई न हो इसके लिए पुलिस टीम पर लगातार राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है. जबकि पुलिस मुख्यालय आरोपी पुलिसकर्मियों को सख्त सजा देकर वर्दी पर लगा दाग धोने की कोशिश कर रहा है.

क्या पूरा मामला
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के दौरान दरोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय और मनोज अधिकारी पर आरोप लगा था कि आईजी गढ़वाल अजय रौतेला की गाड़ी का इस्तेमाल करके प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों रुपए लूटे थे. तीनों पुलिसकर्मियों ने इस वारदात को देहरादून के राजपुर रोड पर मधुबन होटल के पास अंजाम दिया था. पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर ने इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. प्रॉपर्टी डीलर की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हालांकि कुछ समय बाद तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों की कानूनी प्रक्रिया के तहत जमानत मिल गई थी.

पढ़ें- चुनावी रंजिश में महिला प्रत्याशी के भाई पर हमला, कांग्रेसियों ने थाने में किया हंगामा

पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विभागीय अर्द्ध दंड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) गठित की थी. इस टीम में एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल और एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र हैं. जानकारी के मुताबिक टीम ने जांच के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते तक टीम आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई बड़ा फैसला ले सकती है. हालांकि जब इस बारेमें देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.

देहरादून: लोकसभा चुनाव के दौरान देहरादून में पुलिस लूटकांड में फंसे आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस जल्द ही विभागीय कार्रवाई कर सकती है. उम्मीद है कि तीनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जा सकता है. इस मामले में पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग द्वारा गठित अर्द्ध दंड न्यायायिक टीम आरोपियों की सजा पर फैसला ले सकती है.

इस मामले में निलंबित दरोगा के अवकाश पर होने के कारण कुछ औपचारिकताएं लंबित थी. दरोगा के छुट्टी से वापस आने के बाद विभागीय अर्द्ध दंड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) द्वारा सम्भवतः अगले एक हफ्ते में इस पर निर्णय लिया जाएगा.

मामले की जांच कर रही सेमी ज्यूडिशियल टीम को तीनों निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज के अलावा कई और अहम सबूत मिले थे. जिनके आधार पर उन्हें दोषी ठहराया जा सकता है. इसके बाद उम्मीद की जा रही है तीनों आरोपियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक सकती है.

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हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी जैसी कोई सख्त कार्रवाई न हो इसके लिए पुलिस टीम पर लगातार राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है. जबकि पुलिस मुख्यालय आरोपी पुलिसकर्मियों को सख्त सजा देकर वर्दी पर लगा दाग धोने की कोशिश कर रहा है.

क्या पूरा मामला
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के दौरान दरोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय और मनोज अधिकारी पर आरोप लगा था कि आईजी गढ़वाल अजय रौतेला की गाड़ी का इस्तेमाल करके प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों रुपए लूटे थे. तीनों पुलिसकर्मियों ने इस वारदात को देहरादून के राजपुर रोड पर मधुबन होटल के पास अंजाम दिया था. पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर ने इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. प्रॉपर्टी डीलर की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हालांकि कुछ समय बाद तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों की कानूनी प्रक्रिया के तहत जमानत मिल गई थी.

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पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विभागीय अर्द्ध दंड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) गठित की थी. इस टीम में एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल और एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र हैं. जानकारी के मुताबिक टीम ने जांच के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते तक टीम आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई बड़ा फैसला ले सकती है. हालांकि जब इस बारेमें देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.

Intro:pls-महोदय यह etv भारत की exclusiv स्टोरी हैं।

summary: पुलिस लूटकांड में आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय दण्ड प्रकिर्या कार्रवाई जल्द होगी पूरी,अगले एक हफ्ते में आ सकता हैं फैसला, आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी के लगाए जा रहे हैं क़यास, राजनीतिक दबाव में पुलिस, लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग की स्टेटिक टीम बनकर गढ़वाल आईजी की गाड़ी का इस्तेमाल कर तीन पुलिसकर्मियों ने दिया था करोड़ों की लूट की घटना को अंजाम।


पुलिस लूटकांड में आरोपियों पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय दण्ड प्रक्रिया पर जल्द निर्णय

देहरादून: 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान गढ़वाल आईजी अजय रौतेला की सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर निर्वाचन आयोग की स्टेटिक के रूप में तीन पुलिसकर्मियों द्वारा देहरादून के प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों की लूट मामले में आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच में दोषी साबित होने के बाद अब जल्द ही विभागीय दण्ड प्रक्रिया पर निर्णय लिया जाएगा..पुलिस आलाधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक अगले एक हफ्ते के दरमियान इस मामलें विभाग द्वारा गठित अर्द्ध दण्ड न्यायायिक टीम द्वारा आरोपियों के खिलाफ दण्ड प्रक्रिया को पूरा कर सजा में फैसला लेगी। इस मामले में निलबिंत दरोगा के अवकाश होने के कारण कुछ औपचारिकताएं लंबित थी, दरोगा के छुट्टी से वापस आने के बाद विभागीय अर्द्ध दण्ड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) द्वारा सम्भवतः अगले एक हफ्ते में इस पर निर्णय लिया जाएगा।

आरोपी पुलिसकर्मियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी

उधर इस लूटकांड घटना को अंजाम देने में आरोपित तीनों निलंबित कर्मियों के खिलाफ वारदात से जुड़े सीसीटीवी सहित अन्य सबूत और विभागीय अर्द्ध दण्ड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) द्वारा जांच पड़ताल में दोषी ठहराया गया हैं। ऐसे में दरोग़ा सहित तीनों पुलिसकर्मियों पर पर नौकरी से बर्खास्तगी की तलवार लटकी हैं!! हालांकि इस मामले अंतिम फैसला विभागीय अर्द्ध दण्ड न्यायायिक टीम द्वारा किया जाना अभी बाकी हैं।

पुलिस लूटकांड के दाग को धोना चाहता हैं मुख्यालय,लेकिन राजनीति दबाव जारी

उधर जानकारों के मुताबिक यह बात भी सामने आ रही हैं कि,लूटकांड के आरोपित पुलिस कर्मियों पर बर्खास्तगी जैसी सख्त कोई कार्रवाई ना हो...इसके लिए लगातार पुलिस विभाग पर अलग-अलग राजनीतिक दबाव बन रहे हैं, जबकि पुलिस मुख्यालय जांच में दोषी पुलिस कर्मियों को सख्त सजा देकर...लूटकांड मामलें में वर्दी पर लगे दाग को धोना चाहता हैं।
ऐसे में देखना होगा कि,विभागीय जांच में दोषी पाए गए तीनों पुलिस कर्मियों को क्या दण्ड दिया जाता हैं, ताकि उत्तराखंड पुलिस की वर्दी पर लगा लूटकांड का दाग धूल सके।


Body:अगले एक हफ्ते तक अर्द्ध दण्ड न्यायायिक टीम आरोपित पुलिस कर्मियों पर फैसला लेगी: एसएसपी

इस लूटकांड में आरोपित एसआई दिनेश नेगी, सिपाही -हिमांशु उपाध्याय और मनोज अधिकारी के खिलाफ विभागीय अर्द्ध दण्ड न्यायायिक की टीम (सेमी ज्यूडिशियल) जिसमें एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल और एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र हैं,वह जांच पूरी होने बाद अब आरोपियों को दण्ड वाले फैसले पर विचाराधीन हैं। इस मामलें में देहरादून एसएसपी कैमरे पर बयान देने से बचते हुए बताया कि, सेमी ज्यूडिशियल रुप दो एसपी अधिकारी अगले एक हफ़्ते दण्ड प्रक्रिया कार्रवाई पूरी कर सकते हैं।


Conclusion:बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव आचार संहिता के दौरान आरोप हैं कि, दरोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय और मनोज अधिकारी द्वारा आईजी गढ़वाल अजय रौतेला की सरकारी स्कॉर्पियो गाड़ी लेकर प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों की लूट की घटना को अंजाम दिया गया। घटना के बाद जानकारी सामने आयी कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने चुनाव आचार संहिता के समय निर्वाचन आयोग की स्टेटिक टीम बनकर राजपुर रोड स्थित मधुबन होटल के सामने एक प्रॉपर्टी डीलर की कार का पीछा करते हुए ओवरटेक किया.... इसके बाद चेकिंग के नाम पर प्रॉपर्टी डीलर से नोटों से भरा बैग अपने कब्जे में लेकर उसे अपने साथ सरकारी गाड़ी में बैठाया... आरोप है कि उसके बाद पुलिसकर्मियों ने प्रॉपर्टी डीलर को कुछ दूर सर्वे रोड के आसपास धमकी देकर गाड़ी से उतार दिया.. पुलिसकर्मी लूट की रकम लेकर मौके से फरार हो गए इस घटना में एक सीसीटीवी जांच टीम के हाथ लगा।। उधर पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर डालनवाला पुलिस ने एक-एक कर तीनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, हालांकि कुछ समय बाद तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों की कानूनी प्रक्रिया के तहत जमानत हो गई।
उधर पुलिस कार्रवाई के बाद तीनों आरोपी पुलिसकर्मी निलंबित चल रहे हैं और तीनों के खिलाफ विभागीय जांच पूरी हो चुकी हैं जिसमें वह दोषी पाए गए है, ऐसे में अब विभागीय अर्द्ध दण्ड न्यायायिक टीम (सेमी ज्यूडिशियल) द्वारा निर्णय आना बाकी हैं।
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