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एनसीसी शिफ्ट करने की आग पहुंची राजभवन, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लिया हिरासत में

वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों श्रीकोट माल्डा में एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया गया था, लेकिन तीन साल बाद राज्य सरकार ने इसे पौड़ी में शिफ्ट करने का निर्णय लिया. जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.

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Published : Aug 15, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Aug 15, 2019, 11:08 PM IST

विरोध प्रदर्शन

देहरादून: देवप्रयाग ब्लॉक के श्रीकोट माल्डा से एनसीसी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट किए जाने के विरोध में स्थानीय लोग गुरुवार को देहरादून स्थित राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया. जिस वजह से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. बाद में पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन में भेज दिया.

स्थानीय लोगों ने इससे पहले देवप्रयाग में राज्य सरकार के इस फैसले के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया था, लेकिन जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने देहरादून स्थित राजभवन के सामने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया.

पढ़ें- हरिद्वार पहुंची पाकिस्तान से निकली गुरू नानक देव की यात्रा, हुआ जोरदार स्वागत

प्रदर्शनकारियों को कहना है कि राज्य सरकार ने एनसीसी अकादमी को पौड़ी में शिफ्ट करके युवाओं को धोखा दिया है. सरकार को क्षेत्रवाद से उठकर इस मामले में निष्पक्ष निर्णय लेना चाहिए.

राजभवन के सामने प्रदर्शन

बता दें कि साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्रीकोट माल्डा में एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया गया था, लेकिन बीते दिनों पौड़ी में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस संस्थान को पौड़ी के सितौनस्यूं पट्टी के देवार में स्थापित किए जाने की घोषणा कर दी गई थी.

देहरादून: देवप्रयाग ब्लॉक के श्रीकोट माल्डा से एनसीसी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट किए जाने के विरोध में स्थानीय लोग गुरुवार को देहरादून स्थित राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया. जिस वजह से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. बाद में पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन में भेज दिया.

स्थानीय लोगों ने इससे पहले देवप्रयाग में राज्य सरकार के इस फैसले के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया था, लेकिन जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने देहरादून स्थित राजभवन के सामने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया.

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प्रदर्शनकारियों को कहना है कि राज्य सरकार ने एनसीसी अकादमी को पौड़ी में शिफ्ट करके युवाओं को धोखा दिया है. सरकार को क्षेत्रवाद से उठकर इस मामले में निष्पक्ष निर्णय लेना चाहिए.

राजभवन के सामने प्रदर्शन

बता दें कि साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्रीकोट माल्डा में एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया गया था, लेकिन बीते दिनों पौड़ी में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस संस्थान को पौड़ी के सितौनस्यूं पट्टी के देवार में स्थापित किए जाने की घोषणा कर दी गई थी.

Intro:जहा एक ओर गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण कर आजादी के 72 साल पूरे होने पर जश्न मनाया गया तो वही दूसरी ओर देवप्रयाग के निवाशी एनसीसी अकादमी शिफ्ट करने के मामले को लेकर राजभवन पहुचे, जहा अपना विरोध जताया। हालांकि मौके पर पहुची, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोक झोख भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया। 


Body:एनसीसी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट किए जाने का मामला थमने का नाम नही ले रहा है। देवप्रयाग के स्थानीय निवाशी कैबिनेट के फैसले के बाद से ही धरना, जलूस निकालकर और पुतला दहनकर अपना विरोध जता है। तो वही अब देवप्रयाग से विरोध की आग, अब राजभवन तक आ पहुची है। 


आपको बता दे कि देवप्रयाग में पौड़ीखाल क्षेत्र में खुलने वाली एनसीसी अकादमी को राज्य सरकार, पौड़ीखाल की जगह पौड़ी में खोलने का निर्णय लिया है। जिस पर पिछले महीने हुई कैबिनेट में मुहर भी लग गयी है। हालांकि साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनसीसी अकादमी निर्माण के लिए, देवप्रयाग के पौड़ीखाल में शिलान्यास किया था। मगर तीन साल बाद अब राज्य सरकार द्वारा अकादमी को पौड़ी में शिफ्ट करने के निर्णय पर विवाद शुरू हो गया है।


तो वही प्रदर्शनकारियो के अनुसार राज्य सरकार एनसीसी अकादमी को पौड़ी में शिफ्ट कर पौड़ीखाल क्षेत्र के युवाओं के साथ धोखा किया है। और सरकार को क्षेत्रवाद से उठकर इस मामले में निष्पक्ष निर्णय लेना चाहिए।


Conclusion:
Last Updated : Aug 15, 2019, 11:08 PM IST
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