देहरादून: विशेष न्यायाधीश रमा पांडये की पॉक्सो कोर्ट ने कुकर्म के मामले में दोषी को बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर दस हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर तीन महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. दोषी का नाम मोहित त्यागी है, जो विकासनगर के डाकपत्थर का रहने वाला है.
पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि अगस्त 2018 से चले कानूनी प्रक्रिया के दौरान इस मामले में पीड़ित बच्चे के कोर्ट में 164 के बयान दर्ज कराए गए थे. दोषी के खिलाफ एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोग शाला) रिपोर्ट में डीएनए मैच हो गया था. मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होने के साथ ही इस केस में पांच लोगों की गवाही भी हुई है. जिनकी वजह से आरोपी पर दोष साबित हो सका.
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि दोषी को अप्रैल 2018 में संशोधित पॉक्सो कानून के तहत सजा सुनाई गई है. संशोधित पॉक्सो कानून-2018 के तहत दोषी को कम से कम 20 साल की सजा दिए जाने का प्रावधान है.
पढ़ें- उत्तराखंडः दो दिन चटक धूप के बाद फिर बदले मौसम के तेवर, पहाड़ी इलाकों में भारी हिमपात की चेतावनी
यह था मामला
जानकारी के मुताबिक 15 अगस्त 2018 को 13 साल का नाबालिग टयूशन जा रहा था, तभी बीच रास्ते से मोहित त्यागी ने बच्चे को अगवा कर लिया और उसे शमशान घाट ले गया, जहां दोषी ने पहले उसके साथ मारपीट की और फिर जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ कुकर्म किया.
इसके बाद मोहित बच्चे को सड़क पर छोड़कर फरार हो गया, जहां से पीड़ित अपने घर पहुंचा और अपने पिता को अपने साथ हुई आपबीती बताई. बच्चे के पिता ने इस मामले में मोहित त्यागी के खिलाफ विकास नगर थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने अगले दिन 16 अगस्त 2018 को मोहित को गिरफ्तार कर लिया था. घटना से जुड़े साक्ष्य, सबूत और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने 18 अगस्त 2018 को आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जिस पर सोमवार को पॉस्को कोर्ट का फैसला आया. कोर्ट में इस मामले में मोहित त्यागी को दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई है.