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पॉक्सो कोर्ट की सुनवाई पर भी कोरोना की मार, पीड़ित परेशान, आरोपियों की 'बहार'

कोरोना ने दुनिया की सारी गतिविधियां अस्त-व्यस्त कर दीं. इन्हीं में अदालतों की कार्यवाही भी शामिल है. पॉक्सो कोर्ट में कई सारे मामले निस्तारित नहीं हो पाए.

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सुनवाई पर कोरोना की मार
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Published : Dec 30, 2020, 5:50 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 6:27 PM IST

देहरादून: कोरोना महामारी के कारण वैसे तो वर्ष 2020 का पूरा साल हर तरह की अदालती कार्रवाई के लिए बाधित रहा. लेकिन सबसे ज्यादा वो केस प्रभावित हुए जो कोर्ट कार्यवाही में निर्णय की कगार पर आ चुके थे.

पॉक्सो कोर्ट की सुनवाई पर भी कोरोना की मार

अंतिम पड़ाव पर मुकदमे लेकिन कोरोना की मार !

देहरादून के पॉक्सो कोर्ट में एक दर्जन से अधिक ऐसे दुष्कर्म (नाबालिग) वाले मामले हैं जो कानूनी प्रक्रिया के तहत अंतिम पड़ाव में आने के बावजूद कोरोना संक्रमण के कारण अटके हुए हैं. ऐसे में इसका सीधा लाभ आरोपी पक्ष को मिल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इसका नुकसान पीड़ित पक्ष को उठाना पड़ रहा है.

जानलेवा संक्रमण के कारण उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार एहतियातन पुराने मामलों पर अदालतों में सुनवाई नहीं हो पा रही है. ना ही इस बात की संभावना नजर आ रही है कि कब तक कोर्ट की कार्यवाही सामान्यत रूप में सुचारू हो पाएगी.

पीड़ित पक्ष परेशान, आरोपितों को कोरोना ने दिलाई राहत

देहरादून पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक दर्जनभर से अधिक ऐसे मामले हैं जो कोर्ट की कार्यवाही में लगभग निस्तारण के पड़ाव पर हैं. लेकिन कोरोना के कारण अदालत की कार्यवाही काफी समय से बाधित हो रही है. ऐसे में कोरोना का हवाला देकर बचाव पक्ष भी एक के बाद एक आगे की तारीख लेकर समय निकाल राहत लेते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: नए साल के स्वागत के लिए बाहें फैलाकर तैयार है 'कार्बेट पार्क', आप भी उठाएं लुत्फ

अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक कई ऐसे मामले हैं जिनमें सभी साक्ष्य-सबूतों के आधार पर दो से तीन सुनवाई के उपरांत दुष्कर्म के आरोपी को दोषी ठहराया जा सकता है. लेकिन कोर्ट की कार्यवाही बाधित होने के चलते यह न्याय प्रक्रिया में लंबित होते जा रहे हैं.

पॉक्सो के मुकदमे

समय- वर्ष 2019 जनवरी से अक्टूबर 2020 तक

2019 में दर्ज मुकदमे- 620

कुल पीड़ित की संख्या- 620

गिरफ्तार अभियुक्तों की संख्या- 706

अक्टूबर 2020 तक दर्ज मुकदमे- 480

कुल पीड़ितों की संख्या- 483

गिरफ्तार अभियुक्तों की संख्या- 561

24 दिसंबर से 1 जनवरी तक कोर्ट में शीतकालीन अवकाश चल रहा है. शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि संभवत: जनवरी के मध्य से कोर्ट सुचारू हो.

कानूनी जानकारों के अनुसार मार्च 2020 से वर्तमान समय तक अधिकांश अदालतों में कानूनी प्रक्रिया तेजी से फैलते संक्रमण के कारण अब भी बाधित चल रही है. हालांकि नए मामलों के केस फाइल होने के साथ ही जमानतों की सुनवाई जरूर हो रही है. लेकिन पूरा साल कोरोना महामारी की भेंट चढ़ने के कारण पुराने मामलों की सुनवाई संभवत: जनवरी 2021 से पहले शुरू होने की संभावना नजर नहीं आ रही है.

ये भी पढ़ें: ETV भारत की खबर पर लगी मुहर, नए साल से पहले PAC के 59 इंस्पेक्टर्स का प्रमोशन

साल के अंतिम माह दिसंबर में कोर्ट के वार्षिक कार्यक्रम होने के उपरांत 24 दिसंबर से 1 जनवरी 2021 तक सभी कोर्ट शीतकालीन अवकाश के चलते बंद हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अगर कोरोना वैक्सीन जैसे कारगर उपाय सामने आए तो संभवत जनवरी माह के मध्य से पॉक्सो कोर्ट सहित अन्य अदालतों में सुचारू रूप से पहले की तरह कार्यवाही शुरू हो सकती है.

देहरादून: कोरोना महामारी के कारण वैसे तो वर्ष 2020 का पूरा साल हर तरह की अदालती कार्रवाई के लिए बाधित रहा. लेकिन सबसे ज्यादा वो केस प्रभावित हुए जो कोर्ट कार्यवाही में निर्णय की कगार पर आ चुके थे.

पॉक्सो कोर्ट की सुनवाई पर भी कोरोना की मार

अंतिम पड़ाव पर मुकदमे लेकिन कोरोना की मार !

देहरादून के पॉक्सो कोर्ट में एक दर्जन से अधिक ऐसे दुष्कर्म (नाबालिग) वाले मामले हैं जो कानूनी प्रक्रिया के तहत अंतिम पड़ाव में आने के बावजूद कोरोना संक्रमण के कारण अटके हुए हैं. ऐसे में इसका सीधा लाभ आरोपी पक्ष को मिल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इसका नुकसान पीड़ित पक्ष को उठाना पड़ रहा है.

जानलेवा संक्रमण के कारण उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार एहतियातन पुराने मामलों पर अदालतों में सुनवाई नहीं हो पा रही है. ना ही इस बात की संभावना नजर आ रही है कि कब तक कोर्ट की कार्यवाही सामान्यत रूप में सुचारू हो पाएगी.

पीड़ित पक्ष परेशान, आरोपितों को कोरोना ने दिलाई राहत

देहरादून पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक दर्जनभर से अधिक ऐसे मामले हैं जो कोर्ट की कार्यवाही में लगभग निस्तारण के पड़ाव पर हैं. लेकिन कोरोना के कारण अदालत की कार्यवाही काफी समय से बाधित हो रही है. ऐसे में कोरोना का हवाला देकर बचाव पक्ष भी एक के बाद एक आगे की तारीख लेकर समय निकाल राहत लेते जा रहे हैं.

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अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक कई ऐसे मामले हैं जिनमें सभी साक्ष्य-सबूतों के आधार पर दो से तीन सुनवाई के उपरांत दुष्कर्म के आरोपी को दोषी ठहराया जा सकता है. लेकिन कोर्ट की कार्यवाही बाधित होने के चलते यह न्याय प्रक्रिया में लंबित होते जा रहे हैं.

पॉक्सो के मुकदमे

समय- वर्ष 2019 जनवरी से अक्टूबर 2020 तक

2019 में दर्ज मुकदमे- 620

कुल पीड़ित की संख्या- 620

गिरफ्तार अभियुक्तों की संख्या- 706

अक्टूबर 2020 तक दर्ज मुकदमे- 480

कुल पीड़ितों की संख्या- 483

गिरफ्तार अभियुक्तों की संख्या- 561

24 दिसंबर से 1 जनवरी तक कोर्ट में शीतकालीन अवकाश चल रहा है. शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि संभवत: जनवरी के मध्य से कोर्ट सुचारू हो.

कानूनी जानकारों के अनुसार मार्च 2020 से वर्तमान समय तक अधिकांश अदालतों में कानूनी प्रक्रिया तेजी से फैलते संक्रमण के कारण अब भी बाधित चल रही है. हालांकि नए मामलों के केस फाइल होने के साथ ही जमानतों की सुनवाई जरूर हो रही है. लेकिन पूरा साल कोरोना महामारी की भेंट चढ़ने के कारण पुराने मामलों की सुनवाई संभवत: जनवरी 2021 से पहले शुरू होने की संभावना नजर नहीं आ रही है.

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साल के अंतिम माह दिसंबर में कोर्ट के वार्षिक कार्यक्रम होने के उपरांत 24 दिसंबर से 1 जनवरी 2021 तक सभी कोर्ट शीतकालीन अवकाश के चलते बंद हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अगर कोरोना वैक्सीन जैसे कारगर उपाय सामने आए तो संभवत जनवरी माह के मध्य से पॉक्सो कोर्ट सहित अन्य अदालतों में सुचारू रूप से पहले की तरह कार्यवाही शुरू हो सकती है.

Last Updated : Dec 30, 2020, 6:27 PM IST
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