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आज भारत में बाघ सर्वेक्षण के आंकड़े जारी करेंगे पीएम मोदी, उत्तराखंड को मिल सकती है खुशखबरी

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अखिल भारतीय बाघ आंकलन-2018 के आंकड़े जारी करेंगे. अभी तक बाघों की संख्या मामले में उत्तराखंड कर्नाटक के बाद दूसरे स्थान पर है. लेकिन इस बार पहले पायदान पर आ सकता है.

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Published : Jul 29, 2019, 7:11 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

देहरादून: अखिल भारतीय बाघ आंकलन-2018 का सर्वेक्षण उत्तराखंड के लिए खुशखबरी लेकर आ सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दिल्ली में सर्वेक्षण के आंकड़ों को जारी करेंगे. अखिल भारतीय बाघ आंकलन के सर्वेक्षण के आंकड़े दिल्ली में जारी किए जाएंगे. यूं तो देशभर में उत्तराखंड बाघों की संख्या के लिहाज से दूसरे नंबर पर है. लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उत्तराखंड बाघों की संख्या के लिहाज से पहला स्थान हासिल कर सकता है.

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गौरतलब है कि बाघों की संख्या को लेकर सर्वेक्षण देशभर में हर 4 साल में किया जाता है. इससे पहले 2014 में सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए गए थे. जिसमें उत्तराखंड कर्नाटक के बाद दूसरे नंबर पर था. देश में चौथी बार अखिल भारतीय बाघ आंकलन के सर्वेक्षण को जारी किया जाएगा. इससे पहले साल 2006, 2010 और फिर 2014 में सर्वेक्षण जारी किया गया था. इसमें कर्नाटक जहां 400 से ज्यादा बाघों की संख्या के साथ पहले स्थान पर था, वहीं उत्तराखंड करीब 300 बाघों की संख्या के साथ दूसरे स्थान पर रहा.

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प्रदेश में सबसे ज्यादा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या रही. इसके बाद राजाजी नेशनल पार्क और 12 वन प्रभावों में बाघों की संख्या का आंकलन किया गया था. उत्तराखंड में बाघों की संख्या का आंकलन करने के लिए करीब 1200 कैमरा लगाए गए थे. वहीं पद चिन्हों के आधार पर भी बाघों की संख्या का सही आंकलन करने की कोशिश की गई है. मौजूदा स्थिति को देखकर उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार उत्तराखंड में बाघों की संख्या 400 के पार पहुंच सकती है. जिससे उत्तराखंड कर्नाटक को बाघों की संख्या में पिछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच सकता है.

देहरादून: अखिल भारतीय बाघ आंकलन-2018 का सर्वेक्षण उत्तराखंड के लिए खुशखबरी लेकर आ सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दिल्ली में सर्वेक्षण के आंकड़ों को जारी करेंगे. अखिल भारतीय बाघ आंकलन के सर्वेक्षण के आंकड़े दिल्ली में जारी किए जाएंगे. यूं तो देशभर में उत्तराखंड बाघों की संख्या के लिहाज से दूसरे नंबर पर है. लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उत्तराखंड बाघों की संख्या के लिहाज से पहला स्थान हासिल कर सकता है.

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गौरतलब है कि बाघों की संख्या को लेकर सर्वेक्षण देशभर में हर 4 साल में किया जाता है. इससे पहले 2014 में सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए गए थे. जिसमें उत्तराखंड कर्नाटक के बाद दूसरे नंबर पर था. देश में चौथी बार अखिल भारतीय बाघ आंकलन के सर्वेक्षण को जारी किया जाएगा. इससे पहले साल 2006, 2010 और फिर 2014 में सर्वेक्षण जारी किया गया था. इसमें कर्नाटक जहां 400 से ज्यादा बाघों की संख्या के साथ पहले स्थान पर था, वहीं उत्तराखंड करीब 300 बाघों की संख्या के साथ दूसरे स्थान पर रहा.

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प्रदेश में सबसे ज्यादा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या रही. इसके बाद राजाजी नेशनल पार्क और 12 वन प्रभावों में बाघों की संख्या का आंकलन किया गया था. उत्तराखंड में बाघों की संख्या का आंकलन करने के लिए करीब 1200 कैमरा लगाए गए थे. वहीं पद चिन्हों के आधार पर भी बाघों की संख्या का सही आंकलन करने की कोशिश की गई है. मौजूदा स्थिति को देखकर उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार उत्तराखंड में बाघों की संख्या 400 के पार पहुंच सकती है. जिससे उत्तराखंड कर्नाटक को बाघों की संख्या में पिछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच सकता है.

Intro:summary- अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 का सर्वेक्षण उत्तराखंड के लिए खुशखबरी लेकर आ सकता है.. तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दिल्ली में सर्वेक्षण के आंकड़ों को जारी करेंगे।

अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 के सर्वेक्षण के आंकड़े दिल्ली में जारी किए जाएंगे... सर्वेक्षण के अनुसार बाघों की संख्या को लेकर आंकड़ों में उत्तराखंड को खुशखबरी मिलने की संभावनाएं जताई जा रही है।


Body:यूं तो देशभर में उत्तराखंड बाघों की संख्या के लिहाज से दूसरे नंबर पर है लेकिन संभावना जताई जा रही है कि अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 के सर्वेक्षण के आंकड़े जारी होने के बाद उत्तराखंड बाघों की संख्या के लिहाज से पहला स्थान हासिल कर सकता है। आपको बता दें कि बाघों की संख्या को लेकर सर्वेक्षण देशभर में हर 4 साल में किया जाता है... इससे पहले 2014 में सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए गए थे जिसमें उत्तराखंड कर्नाटक के बाद दूसरे नंबर पर रहा था। देश में चौथी बार अखिल भारतीय बाघ आकलन के सर्वेक्षण को जारी किया जाएगा। इससे पहले साल 2006, 2010 और फिर 2014 में सर्वेक्षण जारी किया गया था। इसमें कर्नाटक जहां 400 से ज्यादा बाघों की संख्या के साथ पहले स्थान पर था वही उत्तराखंड करीब 300 बाघों की संख्या के साथ दूसरे स्थान पर रहा। प्रदेश में सबसे ज्यादा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या रही इसके बाद राजाजी नेशनल पार्क और 12 वन प्रभावों में बाघों की संख्या का आकलन किया गया था। उत्तराखंड में बाघों की संख्या का आकलन करने के लिए करीब 1200 कैमरा लगाए गए थे वही पग चिन्हों के आधार पर भी बाघों की संख्या का सही आकलन करने की कोशिश की गई है।

मौजूदा स्थिति को देखकर उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार उत्तराखंड में बाघों की संख्या 400 के पार पहुंच सकती है जिससे उत्तराखंड कर्नाटक को बाघों की संख्या में पिछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच सकता है।


Conclusion:उत्तराखंड बाघ घनत्व के लिहाज से पहले स्थान पर है ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार सर्वेक्षण के आंकड़ों में सबसे ज्यादा संख्या के साथ उत्तराखंड पहले स्थान पर जगह बना सकता है।
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