देहरादून: उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly election 2022) के मद्देनजर सभी दलों ने कमर कस ली है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी शंखनाद (PM Narendra Modi tour to Uttarakhand) के लिए आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं. वहीं उत्तराखंड में भाजपा को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही आखिरी उम्मीद है.पीएम मोदी के नाम के साथ ही बीजेपी (BJP) चुनावी वैतरणी को पार करने की प्लानिंग कर रही है. देखिए खास रिपोर्ट...
दरअसल, राज्य में बेरोजगारी से लेकर महंगाई तक के लिए सरकार विरोधी लहर महसूस की जा रही है, यही नहीं सरकार के विभिन्न निर्णयों से भी जनता में भाजपा के खिलाफ आक्रोश दिखाई दे रहा है, लिहाजा पार्टी को अब 2017 जैसे करिश्माई परिणाम की उम्मीद सिर्फ पीएम मोदी से है. शायद यही कारण है कि चुनाव के शंखनाद के लिए खुद प्रधानमंत्री आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं.
विधानसभा चुनाव की तैयारी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक है और इन चुनाव को लेकर भाजपा ने संगठनात्मक रूप से अपनी तैयारियों को जारी रखा है.हालांकि इन सब प्रयासों के बाद भी पार्टी के लिए उत्तराखंड में तुरुप का पत्ता पीएम मोदी ही हैं. भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा उम्मीदें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड चुनाव प्रचार के कार्यक्रमों से हैं. शायद इसलिए न केवल चुनावी शंखनाद के लिए मोदी को ही मैदान में उतारा गया है. बल्कि अगले 2 महीनों के कार्यक्रमों को भी करीब-करीब तय कर लिया गया है.
विपक्ष को साधने की तैयारी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों को इस कदर तैयार किया गया है कि प्रदेश के हर क्षेत्र को उनके दौरों की मौजूदगी से कवर किया जा सके. प्रधानमंत्री देहरादून से चुनावी शंखनाद कर रहे हैं तो इसी महीने 24 तारीख को वह कुमाऊं में भी पार्टी के पक्ष में गरजते हुए दिखाई देंगे. इतना ही नहीं आचार संहिता लगने के बाद उनके प्रदेश की सभी 5 लोकसभा में अलग-अलग कार्यक्रम भी प्रस्तावित किए गए हैं.
यानी पार्टी नरेंद्र मोदी नाम के इस हथियार को पूरी तरह से इस्तेमाल करना चाहती है. भाजपा के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी कहते हैं कि नरेंद्र मोदी की जनसभा से पार्टी चुनावी शंखनाद कर रही है और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आगामी लोकसभा चुनाव जीतकर मोदी उत्तराखंड की सेवा लंबे समय तक करते रहेंगे.
पीएम मोदी के नाम का गुणगान: प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज होते ही पीएम मोदी के नाम का गुणगान शुरू हो गया है. मंच कोई भी हो भाजपा के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और उनके काम को बताना नहीं भूलते. उत्तराखंड में शायद ही भाजपा के नेताओं ने उत्तराखंड की भाजपा सरकार की इतने काम दिन आए हो जितने केंद्र सरकार के गिनाए जा रहे हैं. विभिन्न मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर 2017 के जादू को फिर से दोहराने की कोशिश भी पार्टी नेताओं की तरफ से की जा रही है.
पहाड़ी जनपदों में मोदी लहर: पूरे प्रदेश में मोदी लहर का जबरदस्त असर अब भी बना हुआ है, लेकिन मोदी लहर पहाड़ी जनपद में भी दिखाई देती है. पहाड़ी जनपदों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अब भी लोगों में जबरदस्त उत्साह है. मैदानी क्षेत्रों में किसान आंदोलन केंद्र सरकार और पीएम मोदी को लेकर उस पुराने जादू को कुछ फीका किया है. लेकिन पहाड़ों पर ऐसा नहीं दिखाई देता, विभिन्न जिलों में लोगों द्वारा मोदी के कार्यों को लेकर चर्चा और उनकी सराहना लगातार की जाती रही है.
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मोदी लहर का असर: उत्तराखंड में न केवल 2017 के चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को धूल चटाई बल्कि 2014 और 2019 के चुनाव में भी पार्टी ने इतिहास रचा. प्रदेश में यह पहला मौका था जब किसी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 57 सीटों पर जीत कर इतना बड़ा बहुमत हासिल किया हो, इसमें कोई शक नहीं कि यह प्रचंड बहुमत मोदी लहर का ही असर रहा. वैसे इसके अलावा 2014 में भाजपा ने उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटें जीतकर भी इतिहास बनाया था, यही नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर का असर देखने को मिला और दोबारा पांचों सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी जीतकर लोकसभा पहुंचे.
कांग्रेस में मोदी नाम की चिंता: उत्तराखंड में भाजपा को लेकर जिस तरह लोगों में नाराजगी है, वह प्रदेश में कांग्रेस को जीत की दहलीज तक पहुंचाने के लिए काफी दिख रही है. भाजपा सरकार में 5 सालों में ही तीन मुख्यमंत्री बदलने की बात हो या फिर रोजगार में खराब परफॉर्मेंस सभी जगह पर भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा दिखाई दे रहा है. लेकिन इतनी बड़ी नाराजगी के बावजूद भी कांग्रेस में भाजपा को लेकर चिंता मौजूद है, यह जनता कुछ और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस जादुई करिश्माई भाषण को लेकर है. जिसके बाद कभी भी प्रदेश में चुनावी माहौल बदल सकता है.
महंगाई, बेरोजगारी पर फोकस करने की कोशिश: भारतीय जनता पार्टी जहां इस चुनाव को प्रधानमंत्री मोदी की तरफ फोकस करते हुए हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस इस चुनाव को स्थानीय और जन समस्याओं से जोड़ कर रखना चाहती है. कांग्रेस चाहती है कि चुनाव बेरोजगारी के मुद्दे पर फोकस रहे, पार्टी के नेता इस चुनाव को महंगाई की तरफ घूमाना चाहते हैं. दरअसल, कांग्रेस के नेता जानते हैं कि राज्य में यदि चुनाव मोदी या हिंदुत्व की तरफ घुमा तो बाजी पलट सकती है. इसलिए पार्टी के नेता प्रधानमंत्री से भी उनके उत्तराखंड दौरे के दौरान उन्हीं बिंदु पर जवाब मांग रहे हैं, जिस पर वह चुनाव को फोकस रखना चाहते हैं.